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जिस तेज़ गति से भारत विकास के पथ पर अग्रसर है उसकी एक और मिसाल है वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, जो है भारत का अपना स्वदेशी सेमी हाई स्पीड बुलेट ट्रेन जिसे सौ किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पकड़ने में सिर्फ 52 सेकेंड लगे जबकि जापान की बुलेट ट्रेन को सौ किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पकड़ने में 55 सेकंड्स लगते है।
तीस सितंबर को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे नए वंदे भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेन 2.0 को, गांधी नगर से मुंबई के लिए हरी झंडी दिखाई। वंदे भारत ट्रेन के भीतर मोबाइल फोन की स्क्रीन पर स्पीडोमीटर ने ट्रेन की गति 180 किलोमिटर प्रति घंटे से लेकर 183 किलोमीटर प्रति घन्टे तक दिखाई।
वंदे भारत एक्सप्रेस, हमारे भारत देश की सेमी हाई स्पीड इंटरसिटी ईएम ट्रेन है जिसे भारतीय रेल्वे मार्च 2022 से ही, दो रूट पर चला रही है। एक दिल्ली से श्री माता वैष्णो देवी कटरा के लिए चलती है और दूसरी नई दिल्ली से वाराणसी। वंदे भारत बुलेट ट्रेन सम्पूर्ण रूप से भारत में निर्मित और डिज़ाइन की गई है।
यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे से भी तेज दौड़ने के बावजूद अंदर रखे एक ग्लास पानी को छलकने नहीं देती। इससे इसकी स्टेबिलिटी का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह मेड इन इंडिया की विकसित तकनीक का अनूठा नमुना है। पूरी तरह स्वदेशी वंदे भारत एक्स्प्रेस में सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन लगे है जो बोगी में ही जुड़ा हुआ है।
सभी दरवाजे ऑटोमेटिक है तथा कोच के अंदर जो कुर्सियां लगी है वो 180 डिग्री पर घूम सकती है। इसका वजन लगभग 392 टन है और इसे बनाने की लागत लगभग 125 करोड़ है। ट्रेन के अंदर हवा को फिल्टर करने का सिस्टम है जो 99 प्रतिशत किटाणुओं को खत्म करके एयर कंडीशंड कोचों को साफ़ ताज़ी हवा सप्लाई करती रहेगी। इसमें कोच मॉनिटर सिस्टम और वाईफाई द्वारा एंटरटेनमेंट सिस्टम को भी अपग्रेड किया गया है। वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों की सेफ्टी का सम्पूर्ण इंतजाम किया गया है। अगस्त 2023 तक, और भी पचहत्तर वंदे भारत ट्रेन्स लॉन्च हो जाएगी। 16 कोच वाले वंदे भारत में 1128 सवारियों के बैठने की व्यवस्था है।
★सुलेना मजुमदार अरोरा★