क्या आप जानते हैं कि भारतीय स्वतंत्रता सैनानी कौन हैं ? भारत को आजादी बहुत सारे महान स्वतंत्रता सैनानियों की वजह से मिली है। भारत ने इन सैनानिओं की वजह से अंग्रेजो, फ्रेंच और पोर्तुगी से सैनानियों स्वतंत्रता हासिल की है। भारत को आजाद करने की लड़ाई कई सालों तक चली और कई लोगों के संघर्ष के बाद इसे अंग्रेजो से मुक्त करवाया गया। हम आपको भारत को आजादी दिलवाने वाले टाॅप मशहूर स्वतंत्रता सैनानियों के बारे में बताते है। By Lotpot 06 Jun 2020 in Stories Lotpot Personality New Update भारत को आजादी बहुत सारे महान स्वतंत्रता सैनानियों की वजह से मिली है। भारत ने इन सैनानिओं की वजह से अंग्रेजो, फ्रेंच और पोर्तुगी से सैनानियों स्वतंत्रता हासिल की है। भारत को आजाद करने की लड़ाई कई सालों तक चली और कई लोगों के संघर्ष के बाद इसे अंग्रेजो से मुक्त करवाया गया। हम आपको भारत को आजादी दिलवाने वाले टाॅप मशहूर स्वतंत्रता सैनानियों के बारे में बताते है। महात्मा गाँधी जी देश के पिता कहे जाने वाले मोहनदास करमचंद गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ था। वह अंग्रेजी शासक के बहुत महत्वपूर्ण नेता थे। उन्होंने अहिंसा आंदोलन की शुरूआत की। उन्हें बापू भी कहा जाता था और उनका जन्म गुजरात के हिन्दू परिवार में हुआ था। वह पारम्परिक धोती और शाल में रहते थे। वह शाकाहारी थे और सामाजिक विरोध के लिए लम्बे उपवास भी रखते थे। उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण नेताओं को प्रभावित किया और आखिरकार 1947 में स्वतंत्रता को हासिल किया। बाल गंगाधर तिलक बाल गंगाधर तिलक का जन्म 1856 में हुआ था। वह भारतीय पत्रकार और सामाजिक गुप्तचर थे।वह वकील, स्वतंत्रता सैनानी थे और अंग्रेज उन्हें ‘‘बेचैन भारत का पिता’’ कहते थे। वह सबसे मजबूत और स्वराज के पहले वकील थे। वह कहते थे, ‘‘स्वराज मेरा अधिकार है और यह मुझे मिलना चाहिए।‘‘ 1871 में उनकी शादी तापीबाई से हुई थी और शादी के बाद उनकी पत्नी का नाम बदल कर सत्यभामाबाई रखा गया। वह मानते थे की खुद को खुश रखने से अच्छा अपने देश और परिवार को खुश रखना चाहिए। दादाभाई नौरोजी दादाभाई नौरोजी को ग्रैंड ओल्ड मैन कहा जाता था। यह पारसी थे और इनका जन्म 1825 में हुआ था। यह ज्ञानी, शिक्षित और काॅटन के व्यापारी थे। 1892 और 1895 में वह यूनाइटेड किंगडम के पार्लियामेंट के सदस्य थे। ऐ ओ हुमे और दिनशूजी एडुल्जी वाचा के साथ वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवर्तक थे। 1895 में उन्होंने एक प्रकाशन शुरू किया और खुद की काॅटन व्यापर करने वाली कंपनी बनायीं। इन्हे स्वंत्रता आंदोलन में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। भगत सिंह भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को हुआ था। वह भारतीय समाजकर्ता और भारत के सबसे प्रभावित क्रांतिकारी थे। उनका जन्म सिख परिवार में हुआ था और उन्हें शहीद भगत सिंह कहकर बुलाया जाता है। ब्रिटिश राज में उनके परिवार के सभी सदस्य आंदोलन गतिविधियों में शामिल थे। भगत सिंह ने लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लिया था और कई आंदोलन गतिविधियों में वह शामिल थे। उन्हें देश का समर्थन मिला और उनकी गतिविधियों से कई लोग प्रभावित हुए और आखिरकार 1931 में फांसी की सजा से उनकी मृत्यु हुई। राजेंद्र प्रसाद राजेंद्र प्रसाद का जन्म 1884 में हुआ था और वह गणतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति थे। इन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का स्वतंत्रता आंदोलन के समय साथ दिया। वह बिहार के नेता थे और महात्मा गाँधी का समर्थन करते थे। इन्हे 1931 में नमक सत्याग्रह और 1942 में क्विट इंडिया मूवमेंट के लिए अंग्रेजो ने जेल भेज दिया था ।वह1934-35 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रेसिटेन्ट रहे। इन्होंने भारत में शिक्षा पर जोर दिया। इन्हे दुबारा प्रेसीडेंसी के लिए चुना गया और यह पहले ऐसे आदमी हैं, जिन्हे दो बार नियुक्त किया गया। इनका निधन 1963 में हुआ। सुभाष चंद्र बोस सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में हुआ था और उन्हें भारत का हीरो कहा जाता था। वह इंडियन नेशनल आर्मी के प्रवर्तक थे यह भारत के भविष्य के बारे में बात करने के लिए आजादी से पहले लंदन भी गए थे। बोस काफी होशियार थे और अच्छे छात्र थे, जिन्हे खेलकूद में कोई दिलचस्पी नहीं थी। उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी काॅलेज से फिलाॅसफी में पढ़ाई की थी। बोस स्वामी विवेकानंद की बातों से बहुत प्रभावित थे और वह उन्हें आध्यात्मिक गुरु मानते थे। उन्होंने भारत को बर्बाद करने वाले अंग्रेजों से बदला लेने का फैसला किया और अपने एक अंग्रेज शिक्षक को 1916 में मारा। उन्हें गाँधी और उनके नेताओं ने नकारा और इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी बनायीं। 1945 में अंग्रेजी सेना ने उन्हें मारा और उनकी मृत्यु का कोई सबूत नहीं मिला। यहाँ भी जाएँ : Sport : साॅकर (Soccer) के 5 मजेदार तथ्य Facebook Page #Lotpot #History #india #Freedom Fighter You May Also like Read the Next Article