मोटू पतलू की कॉमिक्स : मुंडेर पे तेरी बोल रहा है कागा

प्यारे बच्चों, पुराने ज़माने में जब किसी की छत पर कौवा, काँव-काँव करता था तो ये पता चल जाता था कि आज घर में कोई मेहमान आने वाला है, ठीक ऐसा ही हुआ मोटू पतलू के घर, जब उनकी छत पर भी कौवे ने काँव-काँव किया तो वो समझे कि शायद कोई मुफ्त का मेहमान आने वाला है, फिर वो अपना दरवाजा अन्दर से बंद कर लेते हैं, जब वो मेहमान आता है और दरवाजा बंद देखता है तो वो वापस चला जाता है,

By Lotpot
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मोटू पतलू की कॉमिक्स- (Motu Patlu Ki Comics) मुंडेर पे तेरी बोल रहा है कागा :

मोटू पतलू की कॉमिक्स- (Motu Patlu Ki Comics) मुंडेर पे तेरी बोल रहा है कागा : प्यारे बच्चों, पुराने ज़माने में जब किसी की छत पर कौवा, काँव-काँव करता था तो ये पता चल जाता था कि आज घर में कोई मेहमान आने वाला है, ठीक ऐसा ही हुआ मोटू पतलू के घर, जब उनकी छत पर भी कौवे ने काँव-काँव किया तो वो समझे कि शायद कोई मुफ्त का मेहमान आने वाला है, फिर वो अपना दरवाजा अन्दर से बंद कर लेते हैं, जब वो मेहमान आता है और दरवाजा बंद देखता है तो वो वापस चला जाता है, लेकिन जब मोटू मोटू को पता चलता है कि वो मेहमान उनके उधार को लौटाने आया था तो वो अपना माथा पीट लेते हैं...जब आप ये पूरी कॉमिक्स पढेंगे तो आपको पूरी डिटेल में पता चल ही जायेगा.

मोटू पतलू की कॉमिक्स- (Motu Patlu Ki Comics) मुंडेर पे तेरी बोल रहा है कागा :

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