लोटपोट की दुनिया से एक अच्छी कहानी : गाने वाला गधा लोटपोट की दुनिया से एक अच्छी कहानी - गाने वाला गधा : - बहुत समय पहले देवपुर नाम का एक छोटा गांव था। इस गांव में एक धोबी और उसका पतला सा गधा भोला रहता था। भोला धोबी को उसके कपड़े धुलवाने में मदद करता था। हर सुबह भोला अपनी पीठ पर गंदे कपड़ों की गठरी ढोकर घाट पर ले जाता था और शाम को धुले हुए कपड़े लेकर आता था। By Lotpot 07 Aug 2021 | Updated On 07 Aug 2021 11:23 IST in Stories Moral Stories New Update लोटपोट की दुनिया से एक अच्छी कहानी - गाने वाला गधा : - बहुत समय पहले देवपुर नाम का एक छोटा गांव था। इस गांव में एक धोबी और उसका पतला सा गधा भोला रहता था। भोला धोबी को उसके कपड़े धुलवाने में मदद करता था। हर सुबह भोला अपनी पीठ पर गंदे कपड़ों की गठरी ढोकर घाट पर ले जाता था और शाम को धुले हुए कपड़े लेकर आता था। एक दिन घाट से वापिस आते समय उसकी मुलाकात बिजली नाम की एक लोमड़ी से हुई। भोला और बिजली एक दूसरे के दोस्त बन गए। वह दोनों रोज़ रात को मिलते थे और खाने की खोज करते थे। एक दिन खाने की खोज करते समय उन्हें खीरे का खेत दिखाई दिया। लंबे और जूस वाले खीरों को देखकर भोला के मुँह में पानी आ गया। वह चुपचाप उस खेत में गए। जहाँ भोला ने खीरे खाकर लुत्फ उठाया वहीं बिजली ने पास के मुर्गियों फार्म में से मुर्गियों को मारकर खाया। खाना खाकर सुबह होने से पहले दोनों अपने अपने घर को लौट गए। दूसरी रात वह दोबारा से खीरों के खेत में गए और अपना पेट भरकर वापिस लौट आए। जल्द ही वह रोज़ उस मैदान में जाने लगे। पतला दुबला भोला अब खीरे खाकर मोटा हो गया था। एक रात अपने पसंदीदा खीरे खाने के बाद भोला बहुत अच्छे मूड में था। उसने अपनी नई दोस्त लोमड़ी से कहा, ‘आसमान में देखो। पूरा चन्द्रमा कितना सुंदर लग रह है। ठंडी हवा का अहसास कितना अच्छा है। यह एक परफेक्ट रात है और मेरा गाना गाने का मन कर रहा है।’ भोला की बात सुनकर बिजली मुस्कुराई और उसने कहा, ‘मेरे मित्र, अभी गाना मत गाना नहीं तो इस खेत का चौकीदार उठ जाएगा। हम उसके खीरे चुराकर खा रहे है और अगर तुमने गाना, गाना शुरू किया तो हम मुसीबत में फंस जाएंगे।’ लेकिन भोला बिजली की बात मानने के मूड में बिल्कुल नहीं था। भोला ने कहा, ‘तुम क्या कह रही हो? इतना अच्छा मौसम है और मैं बहुत खुश हूँ तो क्या यह गाने के लिए सही मौका नहीं है?’ बिजली ने कहा, ‘मेरे दोस्त गाना मत गाना। चुप रहना ही ठीक रहेगा। और वैसे भी तुम इतना अच्छा नहीं गाते। तुम्हारी आवाज़ भी बेकार है।’ भोला अपनी बेइज्ज़ती बर्दाश्त नहीं कर सका। उसने कहा, ‘तुम मुझसे जलती हो। तुम राग और ताल के बारे में जानती क्या हो? तुम्हें गायकी का कोई ज्ञान नहीं है।’ बिजली ने भोला की बात सुनकर कहा, ‘शायद भोला तुम ठीक हो। मुझे संगीत के बारे में कुछ ज्ञान नहीं है। लेकिन जैसे ही तुम गाना शुरू करोगे वैसे ही तुम्हारी आवाज़ से चैकीदार की नींद खुल जाएगी। और मुझे यह बात अच्छी तरह से पता है कि वह तुम्हारी गायकी के लिए तुम्हे तोहफा ज़रूर देंगे। और वह तोहफा तुम पूरी ज़िंदगी याद रखोगे। इसलिए मेरी बात ध्यान से सुनों और अपनी गायकी कुछ समय के लिए भूल जाओ।’ भोला बोला, ‘मुझे हमेशा से तुम मूर्ख लगती थी। तुमने मेरी गायकी पर सवाल उठाया है। इसलिए मैं तुम्हारे लिए गाऊंगा।’ भोला ने अपना सिर आसमान की तरफ उठाया और गाना शुरू किया। बिजली बोली, ‘चुप हो जाओ। अगर तुम आगे गाना चाहते हो तो पहले मुझे यहां से जाने दो। एक बार जब मैं इस खेत से बाहर चली जांऊ तब तुम गाते रहना। मैं तुम्हारा खेत के बाहर इंतज़ार करूंगी।’ जैसे ही लोमड़ी गई वैसे ही गधे ने ढे़चूं-ढ़ेचंू शुरू कर दिया। सो रहे चैकीदार की नींद भोला की आवाज़ ढे़चूं-ढ़ेचूं से टूट गई। वह डंडा लेकर गधे के पीछे आया। गाने में गुम भोला को चैकीदार आता हुआ दिखाई नहीं दिया। जब चैकीदार ने उसकी पीठ पर डंडा मारा तो गधा हैरान रह गया। चैकीदार तब तक भोला को मारता गया जब तक वह टूट नहीं गया। फिर उसने भोला की गर्दन पर एक भारी पत्थर बांध दिया और उसे छोड़ दिया। बिजली भोला का खेत के बाहर इंतज़ार कर रही थी। कुछ देर बाद भोला को होश आया और वह गेट के पास पहुँचा। जैसे ही बिजली ने अपने मित्र भोला को आते देखा तो वह खड़ी होकर उसे मुबारकबाद देने गई। बिजली बोली, ‘मेरे मित्र, मुझे दिख रहा है कि तुम्हें तुम्हारी गायकी के लिए ईनाम मिला है।’ भोला बोला, ‘मेरे जख्मों पर नमक मत छिड़को। तुम्हारी बात न मानकर मैं बहुत शर्मिंदा हूँ।’ और पढ़ें : बाल कहानी : जाॅनी और परी बाल कहानी : मूर्खता की सजा लोटपोट जंगल कहानी : अपनेपन की छाँव Like us : Facebook Page #लोटपोट की दुनिया You May Also like Read the Next Article