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बाल कहानी : रमेशकेपितापिछलेवर्षहीइसशहरमेंआयेथे।वेकाफीबड़ीसरकारीपदपरथेइसलिएघरमेंहरसुखसुविधाकाहोनास्वाभाविकहीथा।ऊपरसेरमेशघरमेंइकलौताबच्चाथा।इससेउसकेऔरभीमजेथे।वहमुँहसेजोकुछभीनिकालदेता।उसीसमयपूराहोजाता।
बचपनसेहीरमेशकोघरमेंआवश्यकतासेअधिकलाड़प्यारमिलाथाइसलिएउसकेस्वभावमेंजिद्दीपनआगयाथा, इससेभीबुरीबातयहथीकिकिसीऔरलड़केकोअपनेबराबरनहींसमझताथा।हरबातमेंअपनेकोबड़ाऔरदूसरोंकोछोटासिद्धकरनेमेंउसेएकप्रकारकाआनन्दमिलनेलगा।
हूँ.... मुझेक्यापड़ीहैजोमैंकिसीकीपरवाहकरूँ? मेरेपासकिसचीजकीकमीहै।जिनकेपासकुछनहींहोताउन्हेंहीदूसरोंसेदोस्तीकरनेकीजरूरतपड़तीहैजिससेउनसेमांगतांगकरसकें।
यहीबातरमेशप्रायःअपनेमनमेंसोचताऔरयहीवहअनेकलड़कोंसेकहताफिरता।
शुरूशुरूमेंतोकक्षाकेअनेकलड़कोंनेरमेशसेमित्रताकरनीचाही।बादमेंउसकीघमण्डीआदतकोदेखतेहुएसभीउसेकतरानेलगे।प्रायःकोईभीउससेबातकरनापसन्दनहींकरताथा।यहबातरमेशभीअच्छीतरहसमझताथा, फिरभीउसनेेबुरीआदतनहींछोड़ी।
नरेननामकाएकऔरलड़कारमेशकीहीकक्षामेंपढ़ताथा।वहजबकभीभीरमेशकेबारेमेंसोचतातोउसकामनदुखसेभरजाता।कभीनरेनकीभीयहीहालतथी।परअचानकउसकेघरकीहालतबिगड़गईऔरउसेअपनीआदतकाफलभुगतनापड़ाथायहीकारणथाकिवहरमेशकेसाथसहानुभूतिरखताथा।
उसनेकईबाररमेशकोसमझानेकीकोशिशकीपरन्तुनिराशाहीहाथलगी।
वार्षिकपरीक्षाआरम्भहोगईथी।उसीरोजगणितकीपरीक्षाथी।सभीलड़कोंनेअपनीअपनीउत्तरपुस्तिकामेंप्रश्नहलकरनेआरम्भकरदियेथे।कुछदेरबादरमेशकीहीकक्षाकेसुशीलनामकलड़केकीनिगाहरमेशपरपड़ी।उसेयहदेखकरआश्चर्यहुआकिरमेशकुछभीनहींकररहाथा, तभीउसने- देखारमेशबारबारअपनेहाथकमीजऔरपैंटकीजेबोंमेंडालरहाथा।कुछसोचकरसुशीलखड़ाहुआअध्यापकमहोदयकोपुकारा।
श्रीमानजी! मुझेलगताहै, रमेशअपनापेनभूलआयाहैइसलिएयहप्रश्नोंकेउत्तरनहींलिखपारहाहै।मेरेपासदोपेनहै।अपकीआज्ञाहोतोमैंएकपेनरमेशकोदेदूँ?
सुशीलकीबातसुनकररमेशदंगरहगया, पिछलीछुट्टियोंमेंउसनेसुशीलकोहीखेलनेकेलिएअपनाबैटदेनेसेमनाकरदियाथा।वहीआजआगेबढ़करउसकीसहायताकररहाथा।तबतकअध्यापकमहोदयसुशीलसेपैनलेकररमेशकेपासआचुकेथे, जैसेहीउन्होंनेपैनरमेशकीओरबढ़ायाउसकीआंखोंमेंआंसूछलकनेलगे।अध्यापकमहोदयभीरमेशकोअच्छीतरहजानतेथे।उसकीयहदशादेखकरउन्हेंबहुतप्रसन्नताहुई।
भूलहरकिसीसेहोतीहैबेटा।मैंजानताहूँकितुमइससमयक्यासोचरहेहो, आखिरमनुष्यहीमनुष्यकेकामआताहै।इसलिएहमेंसबकोबराबरमानकरसबसेप्रेमभावरखनाचाहिये।
सुशीलनेपेननदियाहोतातोरमेशपासनहींहोसकताथा।परीक्षाकासमयसमाप्तहोनेपरनरेननेभीरमेशकीपीठथपथपातेहुएकहा।चलोंतुम्हारीसमझमेंतोआयाकिघमण्डकरनाबुरीबातहै।हरकिसीकोकिसीनकिसीसमयमित्रोंकीसहायतालेनीपड़सकतीहै।
कक्षाकेसभीलड़कोंकोयहदेखकरआश्चर्यकेसाथसाथखुशीभीहुईकिरमेशकोउसदिनपश्चातापहुआ, घरजातेसमयवहसभीसेहंसबोलरहाथा।सुशीलकेप्रतितोवहविशेषरूपसेकृतज्ञथा।
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