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Christmas Story : एक कंपनी में प्रत्येक क्रिसमस से पहले एक पार्टी और लॉटरी का आयोजिन किया जाता था।
लॉटरी ड्रॉ के नियम इस प्रकार थे। प्रत्येक कर्मचारी को एक फंड के रूप में, दस डॉलर जमा करना होता था, कंपनी में तीन सौ लोग थे। यानी कुल तीन हजार डॉलर जुटाए जाते थे। फिर जब ड्रॉ होता था तो कोई एक विजेता सारा पैसा घर ले जाता था।
तो एक बार फिर उस कंपनी में, क्रिसमस से पहले, लॉटरी ड्रॉ के दिन, कार्यालय चहल-पहल से भर गया। सभी ने कागज की पर्चियों पर अपना नाम लिखकर लॉटरी बॉक्स में डाल दिया।
लेकिन एक युवक, अपना नाम डालते हुए कुछ सोचते सोचते रुक गया, क्योंकि उसे याद आ गया कि कंपनी की सफाई करने वाली महिला के बीमार और कमजोर बेटे का कुछ ही दिनों में ऑपरेशन होने वाला था, लेकिन महिला के पास ऑपरेशन के लिए आवश्यक पैसे नहीं थे, जिससे वह काफी परेशान थी।
इसलिए उस युवक ने अपनी पर्ची पर सफाई करने वाली महिला का नाम लिख दिया, भले ही वह जानता था कि जीतने की संभावना कम थी यानी लगभग 0.33 प्रतिशत।
सब तैयारियों के बाद वो क्षण भी आया जब बॉस ने लॉटरी बॉक्स को ऊपर नीचे करने के बाद पहला पर्ची निकाला। वह युवक अपने दिल में प्रार्थना करता रहा कि ईश्वर करे वो सफाई करने वाली महिला ही पुरस्कार जीत ले। कुछ ही क्षणों में बॉस ने ध्यान से विजेता के नाम की घोषणा की और एक अद्भुत चमत्कार हुआ।
वाकई वो सफाई करने वाली महिला ही विजेता निकली। कार्यालय में सब लोग चियर्स चियर्स के नारे लगाकर बधाई देने लगे और वो विजेता गरीब महिला आश्चर्य और खुशी से पुरस्कार लेने के लिए तेजी से मंच पर पहुंची। वह लगभग फूट-फूट कर रोने लगी और कहा, "मैं बहुत भाग्यशाली और धन्य हूँ। इस पैसे से, मेरे बेटे को अब नई जिंदगी मिलने की आशा है।"
लॉटरी ड्रॉ के बाद क्रिसमस पार्टी शुरू हो गई। वो युवक इस "क्रिसमस चमत्कार" के बारे में सोचते हुए चुपचाप उस टेबल के पास पहुंचा जिसपर अब भी वो लॉटरी का डिब्बा पड़ा हुआ था। युवक ने यूँ ही उसमें पड़े पर्चों में से एक पर्चा खोलकर देखा। उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि उस पर्चे में भी उसी सफाई कर्मचारी महिला का नाम लिखा था। उत्सुकता से वो एक एक करके सब पर्चे खोलकर नाम पढ़ने लगा और उसकी आंखें यह देखकर फटी रह गई कि सब पर्चों में उस सफ़ाई कर्मचारी महिला का नाम लिखा था।
इसका मतलब यही था कि कंपनी के सभी कर्मचारियों ने अपना नाम लिखने के बदले उस महिला का नाम लिखा, यानी सभी उस महिला को मदद करना चाहते थे। उस आदमी की आँखों में आँसू भर आए और वह स्पष्ट रूप से समझ गया कि दुनिया में क्रिसमस का चमत्कार होता ही है, लेकिन वो चमत्कार आसमान से नहीं गिरता है बल्कि लोगों को इसे खुद अपने दिल से बनाना पड़ता है और तब होता है हैप्पी क्रिसमस।
★सुलेना मजुमदार अरोरा★