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नटखट नीटू और चक्रम चोर
Natkhat Neetu E-Comics: नटखट नीटू और चक्रम चोर:- एक दिन की बात है टीटा जुगनू के साथ नटखट नगर की सैर पर निकला हुआ था। तभी रास्ते में जुगनू ने देखा कि टीटा किसी से बातें करने के लिए रुक गया है, और थोड़ी ही देर बात करने के बाद टीटा ने अपना पैसों वाला बैग उस आदमी को दे दिया। बैग लेकर वो आदमी वहां से चला गया। इधर टीटा घर की ओर चल दिया। रास्ते में जुगनू ने टीटा से पुछा कि तुमने अपना पैसों वाला बैग उसे क्यों दे दिया? जुगनू का सवाल सुनकर टीटा बोलता है कि किसे दे दिया मुझे तो होश ही नहीं था कि सामने कौन था और क्या कर रहा था। टीटा की बातों पर जुगनू को भरोसा नहीं हो रहा था इसलिए उसने बोला कमाल है तुमने अपने हाथों से उसे बैग दिया मैनें खुद देखा। इसपर टीटा उससे बोलता है कि यार जुगनू मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा दिमाग सुन्न हो रहा है। टीटा की बातें सुनकर जुगनू बोलता है कि नीटू करेगा तेरा दिमाग ठीक। घर पहुँच कर टीटा ने सारी आपबीती नीटू को बता दी, टीटा की बात सुनकर नीटू उससे बोलता है कि तुम्हारे कहने का मतलब है तुम्हे हिप्नोटाइज़ कर दिया गया था। इस पर टीटा नीटू से बोलता है कि हो सकता है पर मुझे तो उसकी शक्ल तक नहीं याद। टीटा को परेशान देखकर नीटू उसको समझाता है कि उसकी फिक्र मत करो उसी के लिए तो जुगनू का अविष्कार किया है मैनें। नीटू की बात सुनकर टीटा उससे बोलता है कि जुगनू ये मटर का दाना क्या करेगा यह उसे कैसे ढूंढेगा?