मोटू पतलू और आज़ादी का दिन
आज हम सभी भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। बच्चे अपने स्कूलों में ध्वजारोहण में भाग लेकर लड्डू खाते हुए घर वापस आ रहे हैं, बाकी सब भी अपने तरीकों से स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं।
आज हम सभी भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। बच्चे अपने स्कूलों में ध्वजारोहण में भाग लेकर लड्डू खाते हुए घर वापस आ रहे हैं, बाकी सब भी अपने तरीकों से स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं।
एक दिन की बात है नीटू और टीटा बाहर गए हुए थे, इधर रोबो, डोगो और जुगनू घर पर ही थे। तभी अचानक से रोबो कुछ ढूंढना शुरू कर देता है, और बहुत बेचैन हो जाता है।
एक दिन की बात है मोटू पतलू घर में बैठ कर आराम कर रहे थे, तभी उनके पास डॉ. झटका का फोन आता है और वो उन दोनों को पहाड़ी पर बुलाता है। मोटू पतलू दोनों झट से डॉ. झटका के पास पहुँच जाते हैं।
डॉ. डेविल नटखट नीटू से बार-बार हारने के बाद काफी परेशान हो चूका था। इस बार उसने सोचा कुछ ऐसा आविष्कार किया जाए जिसे नीटू समझ भी न पाए और मेरे जाल में फंस जाए।
गर्मियों का मौसम चल रहा था, लेकिन अबकी बार आम के दाम ज्यादा होने के कारण, आम जनता की पहुँच से बाहर होते जा रहे थे। ऐसे में डॉ. झटका ने सोचा कि क्यों न एक ऐसा केमिकल बनाया जाये जिससे आम का पेड़ कहीं भी उगाया जा सके।
एक दिन की बात है चेलाराम उस दिन स्कूल नहीं गए थे। सुबह तो चेलाराम ने पेट दर्द का बहाना बना दिया था, लेकिन दोपहर होते होते वो पूरे घर में धमाचौकड़ी मचा रहे थे। चेलाराम की मम्मी को सब समझ आ गया था मगर उसे कुछ नहीं बोल रहीं थीं।
सुबह के 10 बज रहे थे, तभी शहर वासियों ने देखा कि कोई चीज़ बहुत ही तेज़ी से आसमान के एक छोर से दुसरे छोर की तरफ जा रही है। मगर लोगों को समझते देर नहीं लगी कि वह चीज़ कुछ और नहीं बल्कि खुद देवा ही है।