मोटू पतलू और बारिश का मस्त मौसम
गर्मियां ख़त्म हो चुकी थीं, बारिश का मौसम आ चुका था। मोटू और पतलू भूल गए थे कि उनहोंने पिछली बारिश के बाद अपनी छत सही नहीं करवाई है। बस फिर क्या था एक दिन बहुत जोर की बारिश होने लगी और उनके घर की छत टपकने लगी।
गर्मियां ख़त्म हो चुकी थीं, बारिश का मौसम आ चुका था। मोटू और पतलू भूल गए थे कि उनहोंने पिछली बारिश के बाद अपनी छत सही नहीं करवाई है। बस फिर क्या था एक दिन बहुत जोर की बारिश होने लगी और उनके घर की छत टपकने लगी।
एक दिन की बात है नटखट नगर में सब कुछ सामान्य दिनों की ही तरह चल रहा था, कि तभी अचानक बहुत ज़ोर की आंधी आ गयी और देखते ही देखते उस आंधी ने तूफ़ान का रूप ले लिया।
गर्मी का मौसम आ चुका था, बाज़ार तरह तरह के आमों से भरे हुए थे। मोटू भी कई दिनों से आमों का इंतज़ार कर रहा था। एक दिन शाम को मोटू बाज़ार से आम खरीद कर ले आया।
गर्मी का दिन था शाम हो चुकी थी मोटू और पतलू डॉ. झटका के घर के गार्डन में बैठे बातें कर रहे थे। तभी घसीटा खरबूजे लेकर वहां आता है और बोलता है कि लो दोस्तो, मैं गर्मियों की सौगात ले आया हूं।
एक दिन की बात है नीटू अपने दोस्तों के साथ गार्डन में टहल रहा था, तभी पीछे से बहुत जोर से हंसने की आवाज़ आई हा हा हा..आंखफोड़वा हूं मैं डाॅक्टर डेविल का सेनापति।
एक दिन की बात है एक अनजान आदमी फुरफुरी नगर में डॉ. झटका का पता पूछ रहा था। वह सुबह से ही परेशान था, वह इतना ज्यादा परेशान था कि उसने तीसरी बार मोटू और पतलू से रास्ता पूछ लिया।
एक दिन सुबह सुबह पतलू, डॉ. झटका और घसीटा सैर पर गए हुए थे। जब वे सभी घर के पास पहुंचे तो मोटू की आवाज़ बाहर तक आ रही थी। वे तीनों भाग कर अंदर पहुँचे तो देखा कि मोटू नाच रहा था।