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मोटू पतलू और बारिश का मस्त मौसम
मोटू पतलू और बारिश का मस्त मौसम:- गर्मियां ख़त्म हो चुकी थीं, बारिश का मौसम आ चुका था। मोटू और पतलू भूल गए थे कि उनहोंने पिछली बारिश के बाद अपनी छत सही नहीं करवाई है। बस फिर क्या था एक दिन बहुत जोर की बारिश होने लगी और उनके घर की छत टपकने लगी। यह देखकर मोटू बोलता है कि बारिश आते ही छत टपकनी शुरू हो जाती है, कुछ कर पतलू। मोटू की बात सुनकर पतलू उससे बोलता है कि अरे यार! बारिश का मस्त महीना है, खुश हो तू अभी भी रो रहा है। पतलू की बात सुनकर मोटू परेशान होकर बोलता है कि छत टपक रही है और तुम कह रहे हो खुश हो जाऊं। मोटू की सारी बातें अनसुनी करके पतलू उसको बोलता है कि अरे छोड़ो ये बातें चलकर बारिश मे नहाते हैं बचपन को याद करते हैं। पतलू की बातें सुनकर मोटू का भी मन बदल जाता है और वो बोलता है कि बचपन में तो खूब मस्ती करते थे बारिश में। मोटू की बात सुनते ही पतलू बोलता है कि हम तो अभी भी बच्चे ही हैं, दिल तो बच्चा है जी। आपस में बात करते करते मोटू और पतलू दोनों ही बारिश में बाहर निकल जाते हैं और बाहर बारिश में बच्चों की तरह उछल कूद मचाने लगते हैं और जोर जोर से गाना गाने लगते हैं आज रपट जायें तो हमें ना उठइयो।