मोटू पतलू और शक का नतीजा
एक दिन की बात है एक आदमी कोई गिफ्ट लेकर मोटू पतलू के घर की तरफ तेज़ी से चला जा रहा था। रास्ते में वो सोच रहा था कि आज मोटू पतलू व उसके दोस्त यह गिफ्ट पाकर खुश हो जायेंगे।
एक दिन की बात है एक आदमी कोई गिफ्ट लेकर मोटू पतलू के घर की तरफ तेज़ी से चला जा रहा था। रास्ते में वो सोच रहा था कि आज मोटू पतलू व उसके दोस्त यह गिफ्ट पाकर खुश हो जायेंगे।
गर्मियां ख़त्म हो चुकी थीं, बारिश का मौसम आ चुका था। मोटू और पतलू भूल गए थे कि उनहोंने पिछली बारिश के बाद अपनी छत सही नहीं करवाई है। बस फिर क्या था एक दिन बहुत जोर की बारिश होने लगी और उनके घर की छत टपकने लगी।
फुरफुरी नगर में एक दिन एक चोर सा दिखने वाला आदमी किसी काम को अंजाम देने के लिए योजना बना रहा था और मन ही मन में सोच रहा था कि आज जो योजना बनाई है वो सफल हो गई तो समझो बन गया काम।
एक दिन की बात है एक अनजान आदमी फुरफुरी नगर में डॉ. झटका का पता पूछ रहा था। वह सुबह से ही परेशान था, वह इतना ज्यादा परेशान था कि उसने तीसरी बार मोटू और पतलू से रास्ता पूछ लिया।
एक दिन की बात है मोटू और पतलू घर में बैठे हुए पैसे कमाने के बारे में सोच रहे थे। तभी उनको एक आवाज़ सुनाई देती है मोटू पतलू कहां हो तुम, मैं स्वर्ग लोक से तुमसे मिलने आया हूं।
गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, फुरफुरी नगर के वासी छुट्टियों का मज़ा ले रहे थे। डॉ. झटका अपने घर में आराम कर रहे थे, तभी घसीटा भागता हुआ वहां आ जाता है और बोलता है- झटके! ओ झटके! मोटू ने तो कमाल कर दिया।
एक दिन की बात है मोटू और पतलू घर में बैठे हुए थे, तभी अचानक से मोटू उठा और अंदर से वेइंग मशीन निकाल कर ले आया और उसपर खड़ा होकर अपना वज़न नापने लगा।