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मोटू पतलू और नेक काम
मोटू पतलू और नेक काम:- फुरफुरी नगर में एक दिन एक चोर सा दिखने वाला आदमी किसी काम को अंजाम देने के लिए योजना बना रहा था और मन ही मन में सोच रहा था कि आज जो योजना बनाई है वो सफल हो गई तो समझो बन गया काम फिर लोग मान जायेंगे मेरे दिमाग को। वहीं एक तरफ एक आदमी पुलिस की वर्दी पहन कर सोच रहा था कि मेरा दिमाग चार कदम आगे चलता है। वो भी तलवार की धार जैसा तेज़। दोनों ने ही कोई न कोई योजना बना रखी थी और दोनों को अपने ऊपर पूरा भरोसा भी था। वहीं दूसरी ओर मोटू और पतलू बाजार में घूम रहे थे कि तभी मोटू पतलू से बोलता है कि यार पतलू आज कोई नेक काम करने को दिल कर रहा है। मोटू की बात सुनकर पतलू बोलता है कि सच्ची नेकी करके कुंए में डालने को जी चाहता है। पतलू की बात से सहमत होकर मोटू बोलता है कि ऊपर वाला हर नेक काम का फल जरुर देता है। मोटू की सारी बातें सुनकर पतलू बोलता है कि ठीक है तो फिर हो जाओ तैयार आज चाहे जो भी हो जाये एक नेक काम तो हमने करना ही करना है।