Comics Natkhat Neetu E-Comics: नटखट नीटू और आंखफोड़वा एक दिन की बात है नीटू अपने दोस्तों के साथ गार्डन में टहल रहा था, तभी पीछे से बहुत जोर से हंसने की आवाज़ आई हा हा हा..आंखफोड़वा हूं मैं डाॅक्टर डेविल का सेनापति। By Lotpot 18 Jul 2024
Comics मोटू पतलू और नेक काम फुरफुरी नगर में एक दिन एक चोर सा दिखने वाला आदमी किसी काम को अंजाम देने के लिए योजना बना रहा था और मन ही मन में सोच रहा था कि आज जो योजना बनाई है वो सफल हो गई तो समझो बन गया काम। By Lotpot 17 Jul 2024
Comics मोटू पतलू और लालच एक दिन की बात है एक अनजान आदमी फुरफुरी नगर में डॉ. झटका का पता पूछ रहा था। वह सुबह से ही परेशान था, वह इतना ज्यादा परेशान था कि उसने तीसरी बार मोटू और पतलू से रास्ता पूछ लिया। By Lotpot 13 Jul 2024
Comics Natkhat Neetu E-Comics: नटखट नीटू और शैतानी स्माइली संडे का दिन था नीटू घर में बैठा बैठा बोर हो रहा था, तभी उसे ध्यान आया कि उसने अपने आई पैड में एक नया गेम डाउनलोड किया है। वह तुरंत अपना आई पैड उठा कर टेबल पर बैठ जाता है। By Lotpot 11 Jul 2024
Comics चेलाराम ई-कॉमिक्स: चेलाराम और लंबा नाम गर्मी की छुट्टियां ख़त्म हो चुकी थीं, कुछ बच्चे ख़ुशी ख़ुशी तो कुछ छुट्टियां ख़त्म होने की वजह से उदास मन से स्कूल पहुंचे थे। चेलाराम तो हमेशा की तरह ख़ुशी ख़ुशी स्कूल पहुँच चुके थे। By Lotpot 03 Jul 2024
Comics चेलाराम ई-कॉमिक्स: चेलाराम और रनिंग कम्पटीशन गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, चेलाराम सुबह सुबह उठ कर जलेबी खाने के लिए घर से बाहर निकले। अभी वो घर से थोड़ी दूर ही पहुंचे थे कि तभी उनके दोस्त पिंकू ने उन्हें आवाज़ दी। By Lotpot 05 Jun 2024
Comics मोटू पतलू ई-कॉमिक्स: मोटू पतलू और बोलने वाला गधा एक दिन की बात है मोटू और पतलू घर में बैठे हुए पैसे कमाने के बारे में सोच रहे थे। तभी उनको एक आवाज़ सुनाई देती है मोटू पतलू कहां हो तुम, मैं स्वर्ग लोक से तुमसे मिलने आया हूं। By Lotpot 16 May 2024
Comics पपीता राम ई-कॉमिक्स: पपीता राम का पैकेज कई दिनों से पपीता राम की मम्मी पपीता राम की कुछ गन्दी आदतों से बहुत परेशान थीं, जैसे बिना हाथ धुले खाना खाने की आदत, बहार से आकर बिना पैर धुले घर में अंदर आना और भी ऐसी कई आदतें पपीता राम में थीं। By Lotpot 08 May 2024
Comics चेलाराम ई-कॉमिक्स: चेलाराम का जवाब चुनाव का माहौल चल रहा था, जगह जगह भावी नेताओं के भाषण समारोहों की गोष्ठियां हो रहीं थीं, जिनमें भीड़ भी काफी ज्यादा इकट्ठा हो रही थी। उस भीड़ की वजह से राहगीरों को भी काफी दिक्कतें हो रहीं थीं। By Lotpot 06 May 2024