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चटनी और गोलमाल
Sheikh Chilli E-Comics चटनी और गोलमाल:- एक दिन की बात है शेख चिल्ली की मम्मी अपनी बहन के घर गयी हुई थीं, तभी उनकी दुकान पर बड़े साहब और हवलदार छोटे पहुँचते हैं, और शेख चिल्ली से पूछते हैं कि आज दुकान बंद क्यों है। (Sheikh Chilli | Comics) इसपर शेख चिल्ली उनको बताता है कि मम्मी अभी हैं नहीं शाम को आएँगी तब खुलेगी दुकान। लेकिन बड़े साहब को बहुत ज़ोर की भूख लगी होती है तो वो बोलते हैं कि दुकान खोलो ये मेरा आर्डर है मुझे बहुत तेज़ भूख लगी है। शेख चिल्ली बोलता है कि आज तो उधार बंद है, इतने में हवलदार छोटे बोलता है कि हमारे साहब उधार में नहीं फ्री में खाते हैं। बुलबुल वहीँ कसरत कर रहा होता है, तो बुलबुल को देख कर हवलदार छोटे पूछता है कि ये गधा क्या कर रहा है, इसपर शेख चिल्ली बोलता है कि वो उधार और फ्री में खाने वालों से कैसे निपटा जाए इसकी तैयारी कर रहा है। (Sheikh Chilli | Comics) फिर शेख चिल्ली बड़े साहब से पूछता है कि आप बताइये क्या खाएंगे हर आइटम के साथ चटनी फ्री है। बड़े साहब यह सुनते ही बोलते हैं कि चटनी फ्री है तो चार पैकेट चटनी पैक करवा के पुलिस स्टेशन पहुंचा दो। इधर किसी तरह गामा को पता चल जाता है कि शेख चिल्ली की मम्मी आज गांव गयी हुई हैं तो वो शेख चिल्ली से बदला लेने के लिए शेख चिल्ली के पास आ जाता है। (Sheikh Chilli | Comics)
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