दीपावली पर कहानी : असली दीपावली Diwali Hindi Story for Kids: सुबह-सुबह हम अपनी बैठक में बैठे अखबार पढ़ रहे थे कि हमारे कानों में चर्चा ज्ञान का तकियाक्लाम सुनायी पड़ा- ‘अमां किसकी बनी रही है, किसकी बनी रहेगी। By Lotpot 14 Oct 2020 | Updated On 14 Oct 2020 12:13 IST in Stories Moral Stories New Update Diwali Hindi Story for Kids: सुबह-सुबह हम अपनी बैठक में बैठे अखबार पढ़ रहे थे कि हमारे कानों में चर्चा ज्ञान का तकियाक्लाम सुनायी पड़ा- ‘अमां किसकी बनी रही है, किसकी बनी रहेगी। अखबार से ध्यान हटा और हमारी आंखे सामने से आते हुए चाचा जान पर पड़ी सोचा, इतनी सवेरे चाचा जान का आना, अवश्य ही कोई खास बात होगी। हमने प्रफुल्लित होकर चाचा जान का स्वागत किया और उनकी हस्बमामूल कुर्सी पेश कर दी। चाचा जान हाथ में पकड़ी हुई छड़ी कुर्सी के सहारे टिका कर बैठ गये। चश्मा उतार कर रख दिया। हमने उनकी खैरियत पूछी और कहा- ‘चाचा जान क्या रात को पैर हमारे घर की ओर करके ही सोये थे? जाड़े में इतना सवेरे! खैरियत तो है सब!’ चाचा जान के चेहरे पर उदासी गहरा गई बड़ी मासूमियत से कहने लगे। ‘बरखुरदार कुछ मत पूछो, जमाना बड़ा खराब और बेदर्द होता जा रहा है। ‘क्या कुछ खास घट गया चाचा जान? कहने लगे-‘बरखुरदार तुम तो अखबार वाले हो हर बात पहले पता चलती है लेकिन फिर भी एक बात शायद पता न हो, अभी कुछ दिनों पहले ही राजधानी में चोरी-डकैतियों की बाढ़-सी आई थी और ये तुम अच्छी तरह जानते हो कि उन्ही में की एक कड़ी लाला कल्लूमल कोयले वाला भी था’ Hindi Story for Kids लोटपोट कॉमिक्स : शेख चिल्ली और उसका पिटारा हमने अफसोस जाहिर करते हुए कहा- ‘जी हाँ चाचा जान, पर यह तो गनीमत हुई कि उस भाग्यवान का ज्यादा माल नहीं जा पाया’ इस पर चाचा जान तपाक से बोले-‘अरे यही तो रोना है उसका जितना माल चोर ले गये तो उससे कहीं ज्यादा तो चोरी के बाद लुट रहा है’ अब तो हमारे आश्चर्य की सीमा न रही शीघ्रता से हमने पूछा-‘चाचा पहेली कुछ समझ में नहीं आ रही है। आयेगी भी कैसे अपने आँखों से देखते तो पता चलता बेचारा कल्लूमल...’ चाचा जान ने एक लम्बी सांस खींची। ‘भई मेरी तो वह बड़ी इज्जत करता है सो दो दिन से बराबर उसके यहाँ खैरियत पूछने जा रहा हूँ और सच पूछो तो आज भी सीधा उसी के यहां से आ रहा हूं पर अफसोस कि न तो बेचारे का माल मिला और न ही और लुटने में कमी आई है’ फिर बात को आगे बढ़ाते हुए चाचा जान बोले-‘परसों रात करीब एक बजे लाला कल्लूमल के यहां चोर आये पर जल्दी ही हो-हल्ला हो गया सो बेचारे थोड़ा-सा सामान ही ले जा पाये। तुरन्त चोरी की सूचना थाने में दी गयी। पर पुलिस सवेरे सात बजे तक आ पाई। थानेदार साहब ने आनन-फानन इंक्वायरी शुरू कर दी बैठ गए वहीं आसन जमाकर, साथ में आठ-दस बन्दूकधारी वैसे अभी तक रात की घटना से कल्लूमल की घबराहट तनिक भी कम नहीं हुई थी पर पुलिस वालों से तो बेचारे का रोजमर्रा ही काम पड़ता रहता है सो उनके आते ही भारी नाश्ते और चाय का बन्दोबस्त करना पड़ा। Hindi Story for Kids : मोटू पतलू और मोटू पतलू और रावण दहन दो-चार बात इधर-उधर फटकने के बाद थानेदार साहब चले गये परन्तु चार बन्दूकधारी छोड़ गये और कह गये लाला जी डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, हो सकता है अपनी असफलता के कारण वही लोग फिर से हमला कर दें। इसलिए दो-चार दिन रोज सुबह शाम चार पुलिसमैन आपके घर के आस-पास गश्त देंगे और बेचारा कल्लूमल उनकी इस आशंका से और भी घिघिया गया। थानेदार साहब के जाते ही लाला कल्लूमल के यहाँ रिश्तेदारों और पड़ोसियों की भीड़ तसल्ली देने आने लगी अब चूँकि लोग इतनी दूर-दराज से खैरियत पूछने आ रहे थे तो उन्हे जलपान कराना भी आवश्यक था नही तो बिरादरी में बदनामी होने का भय था लोग ताने देते कि ‘लो लाला जी ने चाय तक नहीं पूछा’ सो बेचारे दोनो दम्पति परसों से ही लगातार अफसोस जाहिर करने वालों और धीरज बंधाने वालों की आवभगत में लगे हुए है। और फिर बरखुरदार पुलिस वालों की मदद लेना कोई हंसी-ठट्टा थोडे ही है.. चार पुलिसवाले शाम घिरते ही धावा बोल देते है। और रात का खाना भर पेट हजम करते है। फिर रात को उनके आराम करने का बन्दोबस्त करने के लिए एक नौकर सारी रात उनकी जी हुजूरी में लगा रखा है Hindi Story for Kids : चालाक राजा को शिक्षा देती ये बाल कहानी सुबह होते ही फिर भारी नाश्ता-चाय। अब कोई ऐरा-गैरा तो है नही आखिरकार पुलिस वाले है गिनती में चार और चार पराठे शुद्ध देशी घी में बने एक आदमी लेना पसंद करते है और साथ में दो गिलास चाय। और कहते-कहते चाचा जान ने एक लम्बी निःश्वास छोडी-‘बेचारा कल्लू मल।जितना माल चोरी में नहीं गया उससे कहीं ज्यादा खुले आम लुट रहा है बरखुरदार मुझे तो बड़ा दुख हो रहा है खैर बरखुरदार किसकी बनी रही है, किसकी बनी रहेगी अपना तकिया क्लाम दोहराते हुए चाचा जान चले गये और हमें उन पर हंसी आ रही थी कि दूसरों को तो बुरा भला कह रहे है पर स्वयं ही रोज सुबह शाम उसके घर के चक्कर लगा रहे है वाह री दुनिया..... Facebook Page #Best Hindi Kahani #Lotpot Ki Kahania #Bal Kahania Lotpot #Children Story Hindi #Hindi Kids Stories You May Also like Read the Next Article