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श्री हेमकुंट साहिब (Shri Hemkunt Sahib) हिन्दुओं और सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थान है। हेमकुंट एक लोकपाल नदी है जो समुद्री तल से 4329 मीटर ऊपर है। यहाँ की खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य छुट्टियों के लिए इसे बेहतरीन जगह बनाती है। इस खूबसूरत नदी पर पहुंचना बहुत चुनौतीपूर्ण है लेकिन घंघरिआ से चलकर यहाँ पर पहुंचा जा सकता है।
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सिख इस जिले को बहुत पवित्र मानते है क्योंकि उनका मशहूर सिख गुरुद्वारा इसी जिले के दिल में बसता है। हिन्दुओ का मंदिर जो धार्मिक हीरो लक्ष्मण को समर्पित है, हिन्दू तीर्थवासियों को आकर्षित करता है। यह मंदिर हेमकुंट के किनारों पर बना है।
श्री हेमकुंट साहिब (Shri Hemkunt Sahib) बर्फ से ढके पहाड़ो के बीच स्थित है। यहाँ पर प्राकृतिक दिखती है और साफ पानी देखते ही बनता है। हेमकुंट नदी में मौजूद ग्लेशियर हठी पर्वत और सप्तऋषि चोटियों से बनते है। इस नदी से छोटी धारा हिमगंगा निकलती है।
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पवित्र गुरु ग्रन्थ साहिब ने लिखा हैं की सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी (Shri Guru Vobind Singh) ने हेमकुंट के किनारे बैठकर तपस्या की थी। मौजूदा सिखी धर्म के असूलों को गुरु गोविन्द सिंह जी ने ही बनाया था। सिखों का गुरुद्वारा हेमकुंट के किनारे उसी जगह बना है जहाँ पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने तपस्या की थी और इस गुरूद्वारे में हर साल लाखों श्रद्धालु आते है।
हेमकुंट का नाम रामायण में भी लिया गया है। कहा जाता है की भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण को जब राम रावण की लड़ाई में मेघनाथ ने घायल किया था तो उनका स्वास्थ्य यहीं पर ठीक हुआ था।
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