"सेठ और पाजामा" — एक हास्य और सीख से भरी कहानी (Funny Moral Story in Hindi)

सेठ ने नया पाजामा सिलवाया लेकिन वह चार अंगुल बड़ा था। उसने पत्नी, बहू और बेटी से कहा कि पाजामा छोटा कर दें। सभी ने अलग-अलग समय पर चार-चार अंगुल काट दिए। जब सेठ वापस आया, तो पाया कि पाजामा बहुत छोटा हो गया है और बेकार हो गया।

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Seth and Pajama - a comic and learning story Funny Moral Story in Hindi

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"सेठ और पाजामा" — एक हास्य और सीख से भरी कहानी (Funny Moral Story in Hindi)- सेठ बहुत कंजूस था और रोज एक ही पुराना पाजामा पहनकर दुकान जाता था। सबके कहने पर आखिरकार उसने नया पाजामा सिलवाया, लेकिन वह चार अंगुल बड़ा था। सेठ ने पत्नी से उसे छोटा करने को कहा। पत्नी व्यस्त थी, इसलिए सेठ ने बहू और बेटी से भी वही बात कह दी।

सेठ के जाते ही सबसे पहले पत्नी ने पाजामा चार अंगुल छोटा कर दिया। फिर बहू और बाद में बेटी ने भी चार-चार अंगुल काट दिए। शाम को जब सेठ दुकान से लौटा और पाजामा पहनने लगा, तो वह हैरान रह गया। पाजामा बारह अंगुल छोटा होकर पूरी तरह खराब हो चुका था।

पुराने ज़माने में एक कंजूस सेठ (miser seth) अपने पुराने फटे हुए पाजामे में ही रोज दुकान चला जाता था। सबने उसे कई बार समझाया, लेकिन वह हमेशा टाल देता।

एक दिन सेठ ने सोचा,

"अब बहुत हो गया। लोगों के बार-बार कहने से अच्छा है कि मैं नया पाजामा सिलवा लूं।"

अगले ही दिन वह बाज़ार गया और एक शानदार कपड़ा लेकर आया। दर्ज़ी से नया पाजामा सिलवाया। जब वह घर लाया और पहना, तो पता चला कि पाजामा चार अंगुल बड़ा है।

सेठ ने तुरंत पत्नी से कहा —

"सुनो भाग्यवान, यह पाजामा कुछ बड़ा हो गया है, इसे चार अंगुल छोटा कर दो।"

पत्नी रसोई में व्यस्त थी।

"अभी काम में हूँ, बाद में कर दूंगी।" — उसने कहा।

सेठ पाजामा लेकर पुत्रवधू के पास गया।

"बहू, तुम्हारी सेठानी व्यस्त है, तुम ही इस पाजामे को चार अंगुल छोटा कर दो।"

बहू बोली —

"अभी मैं घर की सफाई में लगी हूँ ससुर जी, थोड़ी देर में कर दूंगी।"

इसके बाद सेठ अपनी बेटी के पास गया।

"बेटी, यह पाजामा चार अंगुल बड़ा है, तुम्हारी माँ और बहू दोनों व्यस्त हैं, तुम इसे छोटा कर दो।"

बेटी पढ़ाई में मग्न थी।

"पिताजी, अभी मैं पढ़ रही हूँ, बाद में देखूंगी।"

सेठ को कोई उपाय न दिखा और वह पुराना पाजामा पहनकर ही दुकान चला गया।

इधर घर में क्या हुआ?

सेठ के जाने के बाद सेठानी का काम खत्म हुआ। उसे याद आया पति ने पाजामा छोटा करने को कहा था। उसने फौरन काटकर ठीक कर दिया।

कुछ देर बाद पुत्रवधू फ्री हुई। उसे भी वही बात याद थी। उसने भी पाजामा चार अंगुल काट दिया।

अंत में बेटी का भी काम निपट गया। वह भी आदेश का पालन करने के लिए आगे बढ़ी और चार अंगुल और काट दिया।

शाम को...

सेठ जब दुकान से लौटा और नया पाजामा पहनना चाहा, तो वह हैरान रह गया।

"अरे! यह क्या? यह तो बारह अंगुल छोटा हो गया। अब यह पाजामा नहीं, नेकर बन गया है!"

सेठ ने गुस्से में सभी को बुलाया। सबने बारी-बारी से कहा,

"हमें लगा आपने चार अंगुल छोटा करने को कहा था, इसलिए हमने कर दिया।"

सेठ सिर पकड़कर बैठ गया।

"एक ही काम तीन बार! अरे भाइयों, पहले पूछ तो लेते!"

सभी ने हँसी में बात को टाल दिया और सेठ को नया पाजामा फिर से सिलवाने का सुझाव दिया।


📌 सीख (Moral of the Story)

"कोई भी काम करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उसे कौन करेगा और क्या करना है।"
"सही संवाद (Proper communication) बहुत जरूरी है, नहीं तो नतीजे हास्यास्पद हो सकते हैं।"

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