बच्चों की हिंदी मज़ेदार कहानी: कौन ज्यादा बुद्धिमान

किसी नगर में एक सेठ रहता था जिसने अपनी मेहनत से खूब धन कमाया और शहर में ही अपने नाम की पांच दुकानें खोलीं, सेठ को इस बात का बहुत घमंड था वह रोज अपने सेठानी से आकर कहता था।

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कौन ज्यादा बुद्धिमान

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बच्चों की हिंदी मज़ेदार कहानी: कौन ज्यादा बुद्धिमान:- किसी नगर में एक सेठ रहता था जिसने अपनी मेहनत से खूब धन कमाया और शहर में ही अपने नाम की पांच दुकानें खोलीं, सेठ को इस बात का बहुत घमंड था वह रोज अपने सेठानी से आकर कहता था कि, “मेरे जितना अक्लमंद कोई नहीं है” सेठ की रोज यही बात सुनकर एक दिन सेठानी तंग आ गई और उससे बोल बैठी- “तुमसे ज्यादा अक्लमंद मैं हूं!” (Fun Stories | Stories)

सेठानी की यह बात सुनकर सेठ के अहम को बहुत चोट लगी उसने कहा- “ठीक है इस बात की परीक्षा कर लेते हैं कि तुम अक्लमंद हो या मैं, मैं तुम्हें कुछ समय देता हूं इस समय में तुम्हें चार काम करने होंगे, पहला तो एक सुंदर बगीचा लगाना होगा, दूसरा जो पांच दुकानें हैं उन्हें बढ़ाकर डबल करना होगा, तीसरा गांव के बाहर एक तालाब खुदवाना होगा, और चौथी सबसे बड़ी शर्त यह है कि मेरे बिना होते हुए भी तुम्हें मुझसे ही एक बच्चा पैदा करके देना होगा”।

सेठानी को सेठ की चारों शर्तें अजीब लगीं लेकिन फिर भी उसने इसके लिए हां कर दी, अगले दिन सेठ सारी धन दौलत लेकर वह शहर छोड़ कर चला गया सेठानी के पास अब कोई भी रुपया पैसा नहीं था।

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तब सेठानी ने दिमाग लगाकर यह सोचा कि कुछ तो ऐसा होगा जिसके बल पर व्यापार किया जा सकता है, उसने अपने गहनों की पेटी को खोल कर देखा...

तब सेठानी ने दिमाग लगाकर यह सोचा कि कुछ तो ऐसा होगा जिसके बल पर व्यापार किया जा सकता है, उसने अपने गहनों की पेटी को खोल कर देखा तो उसमें उसे कुछ भी नजर नहीं आया, यानी सेठ जाते-जाते गहनों की उस पेटी को भी खाली कर गया था। लेकिन फिर भी सेठानी ने अपने दिमाग से काम किया और उस पेटी को बहुत ही तरीके से सजाकर और उसको अच्छे से पैक करके अपने मुनीम को बुलाया और उस पेटी को एक लाख रुपए में ऐसे ही बंद अवस्था में गिरवी रखने की बात कही इतने बड़े सेठ की बीवी अपने गहनों की पेटी को गिरवी रख रही थी यह बात कोई कम नहीं थी इसलिए किसी ने भी इस बात के लिए इंकार नहीं किया और सेठानी को आराम से उस पेटी को रखकर एक लाख मिल गए जिससे सेठानी ने व्यापार करना शुरू कर दिया। (Fun Stories | Stories)

सेठानी ने मेहनत से सबसे पहले अपनी पांच दुकानों को चालू किया जिन्हें सेठ बंद कर गया था,  और उसके बाद व्यापार को आगे बढ़ाकर उस कस्बे में लगभग वैसी ही 15 दुकान खोलीं फिर एक बड़ा तालाब बनवाया और उसके पास ही एक शानदार बगीचा लगाया जिसे तालाब के पानी से सींचा गया तो वह बगीचा कुछ ही दिनों में लहलहा उठा। फिर कुछ दिन बाद सेठानी ने मुनीम को बुलाकर उससे कहा कि वह कुछ समय के लिए तीर्थ यात्रा के लिए जा रही है तो वह सारे व्यापार को संभाल ले, मुनीम से आश्वासन मिलने के बाद सेठानी अपना भेष बदलकर उस शहर में पहुंची, जहां उसका सेठ रहता था।

वहां उसने सात भैंसे पालीं और उन भैसों के दूध से अपने हाथ से दही बनाकर रोज सेठ के यहां बेचने चली जाती। (Fun Stories | Stories)

सेठ को उसकी बनाई हुई दही बहुत ही अच्छी लगती थी इसलिए सेठ उससे रोज दही की मांग करने लगा। इसी बीच सेठ का सेठानी से लगाव हो गया और उनमें प्यार की पींगें बढ़ने लगीं।

कुछ महीने बाद सेठानी ने सेठ से उसकी अंगूठी उपहार में ले ली और कहा कि, उसकी मां बीमार है इसलिए वह अपनी मां से मिलने अपने गांव जा रही है, सेठ ने भी उसे जाने की आज्ञा दे दी क्योंकि उसे भी वापस लौटना था। वापस लौटकर सेठ ने देखा कि उसके गांव के बाहर एक शानदार बगीचा बना हुआ है और उसके किनारे बना हुआ है एक बहुत ही सुंदर तालाब, इसी के साथ कस्बे में प्रवेश होते ही सेठ को अपने नाम की 15 दुकान एक साथ दिखाई दी, वह यह देखकर बहुत खुश हुआ कि सेठानी ने उसकी तीनों शर्तों को पूरा कर दिया था। (Fun Stories | Stories)

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अभी वह हैरान खड़ा ही था कि सेठानी एक बालक को अपने गोद में लेकर उसके पास पहुंची और उसने कहा कि आपके न रहते हुए भी उसने एक ऐसे बालक को जन्म दिया है जो उसी का है।

यह बात सुनकर सेठ हैरान रह गया कि ऐसा कैसे हो सकता है, वह गुस्से में अभी कुछ कह पाता उससे पहले ही सेठानी ने मुस्कुराते हुए वह अंगूठी उसके सामने रख दी जिसे वह सेठ से उपहार में लेकर आई थी और बोली कि, “इस अंगूठी का स्वामी इस बालक का पिता है”।

अंगूठी को देखकर सेठ सब समझ गया और उसे यह स्वीकार करते हुए बहुत हर्ष हुआ कि उसकी पत्नी उससे भी कहीं ज्यादा बुद्धिमान है। (Fun Stories | Stories)

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