नादान बच्चों की समझदारी गर्मी की छुट्टियां चल रही थीं और एक छोटे से गांव के बच्चों का गैंग खेल-कूद में व्यस्त था। इस गैंग में कुल चार दोस्त थे—चिंटू, मिंटू, पिंकी, और राजू। हर दिन नई शरारत और मजेदार खेल इनके एजेंडे में होता। By Lotpot 01 Jan 2025 in Fun Stories Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 नादान बच्चों की समझदारी- गर्मी की छुट्टियां चल रही थीं और एक छोटे से गांव के बच्चों का गैंग खेल-कूद में व्यस्त था। इस गैंग में कुल चार दोस्त थे—चिंटू, मिंटू, पिंकी, और राजू। हर दिन नई शरारत और मजेदार खेल इनके एजेंडे में होता। लेकिन एक दिन, खेल ने एक नई दिशा ले ली। खेल का अनोखा प्लान चिंटू ने एक नई योजना बनाई। उसने अपने दोस्तों से कहा,चिंटू: "अरे सुनो, आज हम किसान काका के आम के बगीचे में चलकर राजा-रानी का खेल खेलते हैं।"पिंकी: "राजा-रानी का खेल? वो कैसे?"मिंटू: "मुझे तो लगता है कि ये खेल से ज्यादा शरारत होने वाला है!"चिंटू: "अरे, बस तुम लोग देखो, राजा मैं बनूंगा, और तुम सब मेरी प्रजा।" काका के बगीचे में घुसपैठ चारों बच्चे बगीचे में पहुंचे और खेल शुरू हो गया। चिंटू ने अपनी जेब से ताज जैसा कागज निकाला और सिर पर रख लिया।चिंटू (गरजते हुए): "मैं राजा हूं! सब लोग झुक जाओ।"मिंटू, पिंकी और राजू ने मजाक में सिर झुकाया। तभी मिंटू ने चुटकी ली,मिंटू: "महाराज, अगर आप राजा हो तो आम कैसे तोड़ेंगे?"चिंटू: "आम तोड़ने के लिए राजा को मेहनत नहीं करनी पड़ती। प्रजा करेगी।" किसान काका का आना चारों बच्चे पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करने लगे, तभी किसान काका वहां आ गए। काका को देखकर सबके होश उड़ गए।काका (हंसते हुए): "अरे, राजा साहब और उनकी प्रजा! क्या हो रहा है यहां?"चिंटू (हड़बड़ाते हुए): "काका, हम तो बस...बस खेल रहे थे।"काका: "अच्छा, तो खेल में मेरी इजाजत चाहिए थी कि नहीं?"राजू: "काका, हम गलती से आ गए। माफ कर दीजिए।" काका का समझदारी का पाठ काका ने बच्चों को बैठाया और कहा,काका: "देखो बच्चों, खेलना अच्छी बात है, लेकिन बिना पूछे किसी के बगीचे में घुसना गलत है। क्या हो अगर मैं तुम्हें सजा दूं?"पिंकी (घबराते हुए): "काका, हमें माफ कर दो। हम आगे से ऐसा नहीं करेंगे।"काका ने मुस्कुराते हुए कहा,काका: "गलती करना ठीक है, लेकिन उससे सीखना जरूरी है। मेहनत और ईमानदारी ही असली राजा की पहचान है।" सीख और हंसी-मजाक बच्चों ने काका से माफी मांगी और वादा किया कि आगे से ऐसी शरारत नहीं करेंगे।चिंटू (हंसते हुए): "आज तो राजा भी फंस गया!"मिंटू: "हां, और राजा की प्रजा भी!"सभी बच्चे और काका जोर से हंस पड़े। काका ने उन्हें अपने हाथ से आम तोड़कर दिए और कहा,काका: "लो, मेहनत से मिले फल का स्वाद लो।" सीख: बिना अनुमति किसी की चीज लेना गलत है। ईमानदारी और मेहनत से ही असली सफलता मिलती है। साथ ही, हर गलती से सीखना और उसे सुधारना ही समझदारी है। और पढ़ें : खेत में छिपा खजाना: मेहनत से मिलती है असली दौलत मोटिवेशनल कहानी : चोटी की खोज - एक अनोखा रहस्य बैल की कहानी: मेहनत, मूर्खता और समझदारी की सीख अच्छी कहानी : बाबू और बिक्रम You May Also like Read the Next Article