Fun Facts: कैसे अस्तित्व में आई लाल-पीली-हरी बत्ती अगर आप सड़क पर तेज़ रफ्तार में गाड़ी चला रहे हैं और आपको अचानक बीच रास्ते में किसी चैराहे पर लाल बत्ती नज़र आ जाए तो आपके पांव अपने आप ब्रेक पर पहुँच जाते हैं आप एक ही झटके में लाल बत्ती से पीछे रूक जाते हैं। By Lotpot 22 Dec 2023 in Interesting Facts New Update कैसे अस्तित्व में आई लाल-पीली-हरी बत्ती Fun Facts कैसे अस्तित्व में आई लाल-पीली-हरी बत्ती:- अगर आप सड़क पर तेज़ रफ्तार में गाड़ी चला रहे हैं और आपको अचानक बीच रास्ते में किसी चैराहे पर लाल बत्ती नज़र आ जाए तो आपके पांव अपने आप ब्रेक पर पहुँच जाते हैं आप एक ही झटके में लाल बत्ती से पीछे रूक जाते हैं। इन लाल, पीली और हरी बत्तियों का मतलब तो आप जानते ही होंगे। लाल बत्ती जहां रूकने का संकेत देती है, वहीं पीली बत्ती चलने को तैयार हो जाने का इशारा करती है, जबकि हरी बत्ती का अर्थ होता है, कि अब आप आगे जा सकते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन बत्ती संकेतों की शुरूआत कब और कैसे इुई? (Interesting Facts) इन बत्तियों की शुरूआत सर्वप्रथम रेलवे के इंजीनियरों ने की थी। दरअसल रेलवे चालक द्वारा अंधेरे में दिए जाने वाले संकेतों को समझ पाने में अक्सर कठिनाई आती थी, जिस वजह से दुर्घटनाएं भी हो जाती थीं। इसी कारण रेलवे इंजीनियरों ने संकेतों को समझने के लिए अलग-अलग रंगों की बत्तियों का उपयोग करने की तकनीक अपनाने का विचार किया। (Interesting Facts) आज जिन तीन रंगों की ही बत्तियों का प्रयोग किया जा रहा है, इन रंगों का चयन करने के मामले में... आज जिन तीन रंगों की ही बत्तियों का प्रयोग किया जा रहा है, इन रंगों का चयन करने के मामले में भी माथापच्ची करनी पड़ी थी। दरअसल लाल रंग तो खतरे का प्रतीक माना जाता है, इसलिए रूकने के लिए लाल रंग की बत्ती का चुनाव करने में कोई परेशानी नहीं आई, किंतु अन्य दो रंगों के चुनाव में काफी मुश्किलें सामने आई। सबसे पहले सन् 1830 में चमकीले हरे रंग का उपयोग ‘चलने के लिए तैयार’ हो जाने के लिए किया गया और चमकीले हल्के पीले रंग का उपयोग ‘चल पड़ो’ के लिए किया गया था लेकिन वह प्रयोग बुरी तरह असफल साबित हुआ था। उसके बाद इस तरह के कई प्रयोग और करके देखे गए और तब जाकर वर्तमान में प्रचलित इन रंगों का चयन किया जा सका। (Interesting Facts) बिजली के इन बत्ती संकेतों का उपयोग सर्वप्रथम ओहियो में सन् 1914 में किया गया था, जिसमें केवल रूकने और चल पड़ने के लिए ही दो रंग (लाल व हरा) शामिल थे। इस बत्ती में पीला रंग नहीं था। बत्ती में पीले रंग को कई वर्षों बाद प्रचलन में लाया गया। (Interesting Facts) lotpot-e-comics | Red Light Facts | interesting-facts-hindi | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | लाल-पीली-हरी बत्ती की रोचक जानकारी | रोचक जानकारी यह भी पढ़ें:- Fun Facts: अलग अलग देशों में अलग अलग दिन मनाया जाता है नव वर्ष Fun Facts: हमारे राष्ट्रीय ध्वज और दिशानिर्देशों को समझना Fun Facts: पहिये के आविष्कार की कहानी Fun Facts: लोहड़ी क्या है और इसे क्यों मनाते है? #लोटपोट #Lotpot #fun facts #Interesting Facts Hindi #रोचक जानकारी #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #Red Light Facts #लाल-पीली-हरी बत्ती की रोचक जानकारी You May Also like Read the Next Article