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कछुआ बोले अपनी कहानी
कछुआ बोले अपनी कहानी:- गर्मी की छुट्टियों में मिन्नी अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने पास के ही एक उद्यान में गयी हुई थी। जब वह खेल कर थक गयी तब उसने अपने बैग से कहानी की किताब निकाली और नदी के किनारे एक पेड़ के नीचे बैठ के कहानियां पढ़ने लगी। उसने खरगोश और कछुए की रेस वाली कहानी भी पढ़ी, और उसको पढ़ते ही वो बहुत खुश हो गयी और बोलने लगी कि कछुए ने अपने दिमाग से खरगोश को हरा दिया वाह,धीमी चाल मगर निरंतर प्रयास से बिना थके कछुऐ ने कमाल कर दिया। अभी वह बोल ही रही थी कि तभी उसको एक आवाज़ आती है कि हमारी पीढ़ियों की प्रशंसा करने के लिए थैंक्यू फ्रेंड। मिन्नी यह सुनकर चौंक गयी और उसने पूछा कि कौन? मिन्नी का सवाल सुनते ही फिर से आवाज़ आती है कि मैं कछुआ। वही कछुआ जिसके पूर्वज ने अपने धैर्य और निरंतर मेहनत से खरगोश जैसे तेज तर्रार भागने वाले को भी रेस में हरा दिया था। कछुए की बात सुनते ही मिन्नी खुश हो जाती है और बोलती है कि वाऊ! तुम्हारे पूर्वज तो सचमुच ग्रेट थे। अब मिन्नी और कछुआ आपस में बातें करने लगते हैं और कछुआ मिन्नी को अपने बारे में बताने लगता है।
मिन्नी और कछुआ आपस में क्या बातें करते हैं, जानने के लिए पोस्ट को पूरा देखें, पढ़ें और जानकारी पाएं कछुओं के बारे में:-
मिन्नी- कछुए ने अपने दिमाग से खरगोश को हरा दिया, वाह! धीमी चाल मगर निरंतर प्रयास से बिना थके कछुऐ ने कमाल कर दिया।
कछुआ- हमारी पीढ़ियों की प्रशंसा करने के लिए थैंक यू फ्रेंड।
मिन्नी- कौन?
कछुआ- मैं कछुआ। वही कछुआ जिसके पूर्वज ने अपने धैर्य और निरंतर मेहनत से खरगोश जैसे तेज तर्रार भागने वाले को भी रेस में हरा दिया था।
मिन्नी- वाऊ! तुम्हारे पूर्वज तो सचमुच ग्रेट थे।
कछुआ- सिर्फ हमारे पूर्वज ही नहीं, हमारी पूरी कछुआ प्रजाति ग्रेट है मैं बताता हूं कैसे?
कछुआ- हम कछुऐ दुनिया के सबसे पुराने सरीसृप समूहों में से एक हैं, जो सांपों और मगरमच्छों को भी मात देते हैं। तुम्हें यह जानकर हैरानी होगी कि हम 200 मिलियन वर्ष पहले, डायनासोर के समय के हैं।
कछुओं को उनकी हड्डी, कार्टिलाजिनस खोल से आसानी से पहचाना जा सकता है। यह अत्यधिक सख्त आवरण उन्हें शिकारियों से बचाने के लिए एक ढाल की तरह काम करता है। कुछ कछुए अतिरिक्त सुरक्षा के लिए अपने सिर को अपने खोल के अंदर भी छिपा सकते हैं।
आपकी हड्डियों की तरह ही, हम कछुओं का खोल भी वास्तव में उसके कंकाल का हिस्सा होता है। यह 50 से अधिक हड्डियों से बना है जिसमें कछुए की पसली का पिंजरा और रीढ़ शामिल है। आम धारणा के विपरीत, कछुआ अपने खोल से बाहर नहीं आ सकता। कछुए का खोल उनके साथ बढ़ता है, इसलिए उनके लिए इतना बड़ा होना असंभव है।
हम कछुऐ क्या खाते हैं यह उस वातावरण पर निर्भर करता है जिसमें हम रहते हैं। भूमि पर रहने वाले कछुए फूल, फल और घास खाते हैं, जबकि समुद्र में रहने वाले कछुए शैवाल से लेकर स्क्विड और जेलीफ़िश तक सब कुछ खा जाते हैं। कुछ कछुए मांसाहारी होते हैं, अन्य शाकाहारी और कुछ सर्वाहारी होते हैं।
कछुए 'एमनियोट्स' हैं- वे हवा में सांस लेते हैं और जमीन पर अपने अंडे देते हैं, हालांकि कई प्रजातियां पानी में या उसके आसपास रहती हैं। हम ठंडे खून वाले प्राणियों का जीवन काल अविश्वसनीय रूप से लंबा होता है।
गैलापागोस कछुआ विश्व का सबसे बड़ा कछुआ है। पूर्ण विकसित वयस्क कछुए का भार 300 किलोग्राम और माप 1.2 मीटर यानि 4 फीट तक हो सकता है।
उत्तरी अमेरिका में पाए जाने वाले बोग कछुए सबसे छोटे कछुए होने का गौरव रखते हैं, जिनके वयस्कों के शरीर की लंबाई लगभग 4.0-4.5 इंच होती है।
मिन्नी- वाऊ! तुम्हारे तेज दिमाग को तो पहले जान ही लिया था अब तुम्हारे बारे में भी सब कुछ जान लिया, थैंक यू।
कछुआ- वेलकम!