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बच्चों के जोक्स: हंसी की दुनिया - बच्चों के जोक्स मासूमियत और मजाक का अनोखा संगम होते हैं। ये जोक्स अक्सर छोटी-छोटी बातों में बड़े मजाक ढूंढने की कला को दिखाते हैं। बच्चों के जोक्स सरल, सीधे और बहुत ही मजेदार होते हैं, जो हर किसी को हंसा सकते हैं, चाहे वह बच्चा हो या बड़ा। ये जोक्स कभी-कभी शब्दों के खेल पर आधारित होते हैं, तो कभी रोजमर्रा की घटनाओं को मजेदार मोड़ देकर पेश करते हैं। बच्चों की मासूम सोच और उनकी रचनात्मकता इन जोक्स में झलकती है, जो हमें भी जीवन को हल्के-फुल्के अंदाज में लेने की प्रेरणा देते हैं। कुल मिलाकर, बच्चों के जोक्स हंसी का पिटारा होते हैं, जो न सिर्फ माहौल को हल्का-फुल्का बनाते हैं बल्कि रिश्तों में भी मिठास घोलते हैं।
बच्चों के जोक्स
टीचर : भारत का राष्ट्रीय फूल कौन सा है
टीचर : चुप क्यों हो?
चेलाराम : सोच रहा हूँ कि फ्रीडम ऑफ स्पीच का इस्तेमाल करूं या राइट टु साइलेंस का!
चेलाराम : डाक्टर साहब! क्या आप मेरी बीमारी के बारे में बता सकते हो ?
डॉक्टर : हां बिल्कुल, आपकी आंखें बहुत कमजोर हैं!
चेलाराम : इतनी जल्दी आपको कैसे पता चल गया ?
डॉक्टर : क्योंकि तुमने बाहर लगा बोर्ड नहीं पढ़ा कि मैं जानवरों का डाक्टर हूं।
चेलाराम : बृजनाथ के लिए टिकट दे दो।
टिकट वाला : ये बृजनाथ है कहाँ ?
चेलाराम : बाहर बैठा है।