जंगल की कहानी : इच्छाओं का सबक - बच्चों की मज़ेदार कहानी (Jungle Ki Kahani : Ichaon Ka Sabak)

यह जादुई जंगल की कहानी मंगलू हाथी, मगरू मगरमच्छ, और लंबी जिराफ की है, जो अपनी इच्छाओं के चक्कर में फंस गए, लेकिन जिन्न की मदद से अपनी पुरानी शक्ल वापस पाकर खुश हुए।

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Jungle Ki Kahani : Ichaon Ka Sabak

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जंगल की कहानी : - यह जादुई जंगल की कहानी मंगलू हाथी, मगरू मगरमच्छ, और लंबी जिराफ की है, जो अपनी इच्छाओं के चक्कर में फंस गए, लेकिन जिन्न की मदद से अपनी पुरानी शक्ल वापस पाकर खुश हुए।

कहानी: जादुई जंगल में इच्छाओं का खेल

बहुत-बहुत समय पहले, एक हरे-भरे जंगल में तीन अनोखे दोस्त रहते थे। इनका नाम था मंगलू हाथी, मगरू मगरमच्छ, और लंबी जिराफ। ये तीनों दिनभर एक-दूसरे के साथ खेलते, नदी किनारे मस्ती करते, और जंगल की खूबसूरती का आनंद लेते थे। एक दिन, जब वे नदी के पास बैठे चहल-पहल कर रहे थे, अचानक एक चमकती रोशनी के साथ एक जादुई जिन्न प्रकट हुआ। उसकी दाढ़ी चांदी की तरह चमक रही थी, और उसने एक सोने की लालटेन पकड़ी थी।

जिन्न ने अपनी गहरी आवाज में कहा, "नमस्ते, मेरे प्यारे दोस्तों! मैं तुम्हारी हर इच्छा पूरी कर सकता हूँ। बताओ, तुम क्या चाहते हो?" तीनों दोस्त आपस में देखने लगे और सोचने लगे कि उन्हें क्या चाहिए। मंगलू हाथी ने सबसे पहले कहा, "मेरी सूंड बहुत लंबी है, जिससे मुझे परेशानी होती है। कृपया मुझे एक छोटी और प्यारी सूंड दे दो!" फिर मगरू मगरमच्छ बोला, "मेरे पैर बहुत छोटे हैं, मैं तेजी से दौड़ नहीं सकता। मुझे लंबे और मजबूत पैर चाहिए।" आखिर में लंबी जिराफ ने शर्माते हुए कहा, "मेरी गर्दन बहुत लंबी है। कृपया मेरी गर्दन छोटी कर दो।"

जिन्न ने मुस्कुराकर कहा, "ठीक है, मेरे दोस्तों! तुम्हारी इच्छाएँ पूरी की जाएँगी।" उसने अपनी जादुई लालटेन को हिलाया, और एक चमक के साथ सब बदल गया। हर्ष की लंबी सूंड छोटी हो गई, मस्ती के पैर लंबे हो गए, और लंबी की गर्दन छोटी हो गई। पहले तो तीनों खुश हुए, लेकिन जल्दी ही उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ।

मंगलू हाथी नदी के किनारे खड़ा होकर बोला, "अरे नहीं! अब मेरी छोटी सूंड से मैं पानी अपने पूरे शरीर पर नहीं डाल सकता, और गन्ने की ऊंची डालियाँ भी नहीं तोड़ सकता। मेरी लंबी सूंड ही मेरी ताकत थी!" मंगलू मगरमच्छ नदी में कूदने की कोशिश की, लेकिन उसके लंबे पैरों ने उसे डुबकी लगाने से रोक दिया। वह चिल्लाया, "ओह नहीं! अब मैं पानी में छिप नहीं सकता, मेरे छोटे पैर ही मेरे लिए सही थे।" लंबी जिराफ ऊंचे पेड़ की शाखाओं को देखकर उदास हो गई और बोली, "मेरी छोटी गर्दन से मैं पत्तियाँ नहीं तोड़ सकती। मेरी लंबी गर्दन ही मेरी खासियत थी!"

तीनों दोस्त एक-दूसरे की ओर देखकर हंसने लगे, लेकिन फिर गंभीर हो गए। उन्होंने मिलकर जिन्न को बुलाया, "हे जादुई जिन्न, कृपया हमारी मदद करो! हम अपनी पुरानी शक्ल चाहते हैं। हमारी इच्छाएँ हमें परेशान कर रही हैं।" जिन्न फिर प्रकट हुआ और हंसते हुए बोला, "देखा, दोस्तों? जो हमारे पास है, वही हमारे लिए सबसे कीमती होता है।" उसने फिर जादू किया, और हर्ष की लंबी सूंड, मस्ती के छोटे पैर, और लंबी की लंबी गर्दन वापस आ गई।

तीनों ने एक-दूसरे से गले मिले और वादा किया कि वे अब अपनी खूबियों की कद्र करेंगे। उन्होंने जंगल में एक पार्टी की, जहाँ मंगलू ने अपनी सूंड से पानी छिड़का, मगरू ने नदी में मस्ती की, और लंबी ने ऊंची शाखाओं से पत्ते तोड़े। जंगल के बाकी जानवर भी उनके साथ नाचे और हंसे। 

 सीख

इस मोटिवेशनल स्टोरी से बच्चों को यह सीख मिलती है कि हमें जो है, उसी में खुश रहना चाहिए और अपनी खूबियों की कद्र करनी चाहिए।

Tags: जंगल की कहानी, बच्चों की कहानी, जादुई सैर, नैतिकता, मोटिवेशनल स्टोरी

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