मजेदार हिंदी कहानी: आता है तो आने दो
गांव की एक औरत अपने लड़के को प्राइमरी स्कूल में दाखिल करवाना चाहती थी। उसका खुद का बचपन भी बड़े कष्टों में बीता था। उसका पति एक मजदूर था जो रोज कमाता और रोज खाता था।
गांव की एक औरत अपने लड़के को प्राइमरी स्कूल में दाखिल करवाना चाहती थी। उसका खुद का बचपन भी बड़े कष्टों में बीता था। उसका पति एक मजदूर था जो रोज कमाता और रोज खाता था।
महाराजा कृष्णा देव राय को एक बार एक अनोखा उपहार मिला। विदेश से आए एक सौदागर ने उन्हें कुछ सुन्दर बिल्लियां भेट में दीं। महाराज ने सौदागर को धन्यवाद कहा और राज्य की ओर से सौ स्वर्ण मुद्रिकायें उपहार स्वरूप भेंट कीं।
नरेश के विवाह की सारी तैयारियाँ पूरी हो चुकीं थीं। उसने एक नयी शेरवानी अनिवार्यता बनवाई थी। जब वह अपने कपड़ों को चैक कर रहा था तभी अक्समात उसे पता लगा कि एक वस्त्र तो वह भूल ही गया है।
गर्मी की एक शाम नसरू घर के बाहर पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी उसे कुछ खटपट सुनाई दी। उसने मुड़ कर देखा तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। एक चोर उसके मकान में घुस रहा था।
राजा प्रद्युम्न एक अत्यंत कुशल शासक थे, उनके मंत्री बहुत योग्य और कुशल थे और सदैव राजा को बिना डर के सही सलाह दिया करते थे। राजा के गुरू ने उन्हें एक अमूल्य सीख दी थी।
एक पिता अपने काम से घर देर से पहुंचे। वह बहुत थके हुए और चिड़चिड़े हो रहे थे। जब वह घर पहुंचे तो उनका पांच साल का बेटा दरवाजे पर खड़ा उनका इंतजार कर रहा था।
एक बार बेगम साहिबा को चीन की महारानी ने एक बहुमूल्य सिल्क के कपड़े का टुकड़ा भेंट दिया था। बेगम साहिबा ने बीरबल को बुलाया और उसे कहा कि वह उनके लिए इस कपड़े की सुंदर पोशाक तैयार करवाएं।