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"जंगल कहानी: चिरैया, चिंटू और शिकारी का जाल" कहानी में चिरैया और उसका झुंड एक शिकारी के जाल में फँस जाता है। चिरैया अपनी एकता की ताकत से जाल को हवा में उठाकर अपने दोस्त चिंटू चूहे के पास पहुँचती है। चिंटू जाल काटकर उन्हें आज़ाद करता है। यह कहानी हमें सिखाती है कि एकता और दोस्ती की ताकत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। (Gauraiya Aur Chuha Story Summary, Hindi Moral Tale)
कहानी: एकता और दोस्ती की मिसाल (The Story: A Tale of Unity and Friendship)
कई साल पहले की बात है, एक हरे-भरे जंगल के पास एक छोटा सा खेत था। उस जंगल में चिरैया नाम की एक गौरैया अपने झुंड के साथ रहती थी। चिरैया और उसका झुंड हर दिन सुबह-सुबह भोजन की तलाश में निकलता था। एक दिन, जब वे आसमान में उड़ रहे थे, उनकी नज़र खेत में बिखरे अनाज पर पड़ी। चिरैया ने अपने झुंड से कहा, "देखो, वहाँ खेत में ढेर सारा अनाज बिखरा है! चलो, आज वहीं चलते हैं और पेट भरकर खाते हैं।"
सभी गौरैयाँ खुशी-खुशी खेत में उतर गईं। उन्होंने जमकर अनाज खाया और एक-दूसरे से मज़े में बातें करने लगीं। एक छोटी गौरैया ने कहा, "चिरैया दीदी, यहाँ तो बहुत सारा खाना है! हमें रोज़ यहाँ आना चाहिए।" लेकिन जैसे ही वे उड़ने के लिए तैयार हुईं, उन्हें एहसास हुआ कि उनके पंजे एक चिपचिपे जाल में फँस गए हैं। यह जाल एक शिकारी ने बिछाया था ताकि गौरैयों को पकड़ा जा सके।
गौरैयाँ डर गईं और अपने पंख फड़फड़ाकर जाल से निकलने की कोशिश करने लगीं। तभी चिरैया ने दूर से शिकारी को उनकी ओर आते देखा। वह एक बड़ा सा डंडा लिए चला आ रहा था। चिरैया ने जल्दी से अपने झुंड को समझाया, "सब शांत हो जाओ! जितना तुम अलग-अलग छटपटाओगे, उतना ही जाल में उलझते जाओगे। मेरी बात सुनो, हमें एक साथ काम करना होगा।"
एक छोटी गौरैया ने डरते हुए कहा, "लेकिन चिरैया दीदी, अब हम क्या करें? शिकारी तो पास आ रहा है!" चिरैया ने हिम्मत बँधाते हुए कहा, "घबराओ मत! हम सब एक साथ उड़ेंगे और जाल को भी अपने साथ ले जाएँगे। मेरा एक दोस्त है, चिंटू चूहा। वह जंगल में एक पेड़ के नीचे रहता है। वह हमारी मदद करेगा।"
एकता की ताकत (The Power of Unity)
चिरैया की बात सुनकर सारी गौरैयाँ तैयार हो गईं। चिरैया ने कहा, "सब तैयार हो जाओ। एक... दो... तीन... उड़ो!" सभी गौरैयाँ एक साथ पंख फड़फड़ाकर उड़ने लगीं। उनकी एकता इतनी मज़बूत थी कि वे जाल को भी अपने साथ हवा में ले गईं। शिकारी यह देखकर हैरान रह गया। उसने चिल्लाकर कहा, "अरे, ये गौरैयाँ तो जाल समेत भाग रही हैं! रुको, रुको!" लेकिन गौरैयाँ तेज़ी से जंगल की ओर उड़ गईं।
जंगल में एक पुराने बरगद के पेड़ के नीचे चिंटू चूहा रहता था। चिरैया और चिंटू की दोस्ती बहुत पुरानी थी। चिरैया ने अपने झुंड से कहा, "उस बरगद के पेड़ की ओर उड़ो। वहाँ मेरा दोस्त चिंटू रहता है।" जैसे ही वे पेड़ के पास पहुँचीं, सारी गौरैयाँ एक साथ चिल्लाईं, "चिंटू! चिंटू! हमारी मदद करो! हम मुसीबत में हैं!"
चिंटू अपनी छोटी सी बिल से बाहर निकला। उसने देखा कि उसकी दोस्त चिरैया और उसका झुंड एक जाल में फँसा हुआ है। चिंटू ने तुरंत कहा, "चिरैया, डरो मत! मैं अभी तुम्हें आज़ाद कर देता हूँ।" चिंटू ने अपनी तेज़ नन्ही दाँतों से जाल को काटना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में उसने सारा जाल काट दिया, और सारी गौरैयाँ आज़ाद हो गईं।
दोस्ती का शुक्रिया (Gratitude for Friendship)
चिरैया ने खुशी से अपने पंख फड़फड़ाए और चिंटू से कहा, "चिंटू, तूने आज हमारी जान बचा ली! मैं और मेरा पूरा झुंड तेरे बहुत-बहुत शुक्रगुज़ार हैं।" बाकी गौरैयाँ भी चहचहाकर चिंटू को धन्यवाद देने लगीं। एक छोटी गौरैया ने कहा, "चिंटू भैया, तुम बहुत अच्छे हो! हम तुम्हें कभी नहीं भूलेंगे।"
चिंटू ने शरमाते हुए कहा, "अरे, इसमें धन्यवाद की क्या बात है? दोस्त तो एक-दूसरे की मदद के लिए ही होते हैं। लेकिन हाँ, तुम सब अब सावधान रहना। ऐसे अनजान खेतों में मत जाना।" चिरैया ने हँसते हुए कहा, "हाँ-हाँ, अब हम बहुत सावधान रहेंगे। और चिंटू, तुझसे मिलने अब हम रोज़ यहाँ आएँगे।"
सभी गौरैयाँ अपने घर की ओर उड़ गईं। उस दिन के बाद, वे कभी भी किसी अनजान जगह पर बिना सोचे-समझे नहीं गईं। और चिरैया व चिंटू की दोस्ती और भी गहरी हो गई। (Chidiya Aur Chuha Ki Kahani, Unity Moral Tale)
एक नई सैर (A New Adventure)
कुछ दिनों बाद, चिरैया ने अपने झुंड को एक नई जगह ले जाने का फैसला किया। उसने चिंटू से कहा, "चिंटू, हम जंगल के दूसरी तरफ एक नया खेत देखने जा रहे हैं। वहाँ कोई शिकारी नहीं है, लेकिन हम एक साथ रहेंगे और सावधानी बरतेंगे। तू हमारे साथ चलेगा?" चिंटू ने खुशी से कहा, "हाँ, चिरैया! मैं चलूँगा। मुझे भी नई जगह देखनी है।"
चिरैया, चिंटू, और सारा झुंड उस नए खेत की ओर निकल पड़े। वहाँ उन्होंने ढेर सारा अनाज खाया और सुरक्षित रूप से वापस लौट आए। इस बार उन्होंने एकता और सावधानी का पूरा ध्यान रखा। (Teamwork Story for Kids, Friendship Adventure Tale)
सीख (Moral of the Story)
बच्चों, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि एकता में बहुत ताकत होती है। चिरैया और उसके झुंड ने एक साथ मिलकर मुसीबत से बाहर निकलने का रास्ता ढूँढा। साथ ही, हमें अपने दोस्तों की मदद लेने से नहीं हिचकना चाहिए। मुश्किल वक्त में हिम्मत और समझदारी से काम लेना चाहिए, न कि हार मान लेना चाहिए। (Lesson on Unity, Motivational Story for Kids)
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