जंगल की कहानी - चालाक कौआ

एक जंगल में एक कौआ रहता था। उसकी चालाकी के कारण जंगल के सभी पशु-पक्षी उससे चिढ़े रहते थे। कौआ इस बात को समझता था। एक दिन ज़ोरों से आंधी आई। जंगल के सभी जानवर अपनी जान बचाने के लिए पेड़ों की ओट में छिपने लगे।

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जंगल की कहानी - चालाक कौआ: एक जंगल में एक कौआ रहता था। उसकी चालाकी के कारण जंगल के सभी पशु-पक्षी उससे चिढ़े रहते थे। कौआ इस बात को समझता था। एक दिन ज़ोरों से आंधी आई। जंगल के सभी जानवर अपनी जान बचाने के लिए पेड़ों की ओट में छिपने लगे। जंगल में एक बड़ा पुराना बरगद का पेड़ था। वह बूढ़ा होने के कारण आंधी के ज़ोरदार थपेड़े नहीं सह सका और जड़ से उखड़ गया लेकिन गिरा नहीं। कौआ पेड़ की इस कमज़ोरी को भांप गया। 

जब आंधी बंद हो गई तो कौआ जाकर उस पेड़ पर बैठ गया। कुछ ही देर में वह पेड़ गिर गया। कौए ने ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाना शुरु कर दिया कि मैंने यह पेड़ गिरा दिया। कौन मेरा मुकाबला करेगा, मैं इतना ताकतवर हूँ। जंगल के सारे जानवर दौड़ आए और देखा कि सही में कौए ने इतना बड़ा पेड़ गिरा दिया। अब तो उसकी वीरता की चर्चा जंगल में आग की तरह फैल गई।

कुछ दिन बाद एक तेंदुआ दूर की पहाड़ियों से इस जंगल में आ गया और यहाँ के जानवरों को परेशान करने लगा। सभी पशु-पक्षी डरने लगे। तभी किसी ने कहा कि अरे उस पहलवान कौए को बुलाओ जिसने बरगद का इतना बड़ा पेड़ गिरा दिया था। तुरंत एक बंदर को दौड़ाया गया कि उसे ढूंढकर ले आओ। बंदर उस कौए के पास पहुँचा और तेंदुए के आतंक का हाल बताया। बंदर ने उससे अनुरोध किया कि ‘जल्दी चलकर उस तेंदुए को सबक सिखाओ’ कौए ने कहा कि मैं हाथी की सवारी पर बैठकर जाऊंगा। बंदर वापस आ गया और जल्दी से एक हाथी को साथ ले आया। कौआ उस हाथी पर बैठकर चला। 

रास्ते में दो हाथी और मिले। उन्होंने देखा कि पहलवान सवारी पर निकल रहे हैं तो सलाम करके वे भी साथ हो लिए। इस तरह तीन हाथियों की सवारी पर दहाड़ते हुए पहलवान कौए को जब तेंदुए ने अपनी ओर आते हुए देखा तो तेंदुआ दुम दबाकर भागा। कौए ने जब उसे भागते हुए देखा तो उड़कर उसे ललकारा, पकड़ो....पकड़ो, भागने न पाए। तेंदुआ और तेज़ भागने लगा। अब तो कौए की और भी जय-जयकार होने लगी। कौए ने सभी जानवरों से कहा दोस्तो डरना नहीं, मैं हूँ। मैंने एक बड़ा पेड़ उखाड़ दिया और तेंदुआ तो मुझको देखकर ही भाग गया। 

इस प्रकार चालाक कौए ने अपनी धाक जंगल में जमा ली। लेकिन कौआ यह नहीं समझता कि धोखा देकर वह कब तक जंगल के जानवरों की आँखों में धूल झोंकता रहेगा। सच किसी न किसी दिन उसकी पोल खुल जाएगी तब उसे सबके सामने शर्म से आँख झुकानी पड़ेगी।    

इस कहानी की सीख यह है कि धोखे और झूठ के सहारे अधिक समय तक सफलता नहीं पाई जा सकती।

कौए ने चालाकी से अपनी ताकत का झूठा दिखावा करके जंगल में धाक जमा ली, लेकिन सच हमेशा बाहर आता है। अगर कभी उसकी पोल खुल गई, तो वह सभी के सामने शर्मिंदा हो जाएगा। इसलिए हमें ईमानदारी और सच्ची योग्यता से ही सम्मान और विश्वास अर्जित करना चाहिए, न कि धोखे से। 😊

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