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Sheru friendship and clever fox
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शेरू की दोस्ती और चालाक लोमड़ी: जंगल की एक अनोखी कहानी : जंगल की कहानियाँ (jungle stories) हमेशा से बच्चों के लिए रोमांच और सीख से भरी होती हैं। ये कहानियाँ (jungle stories for kids) न केवल मज़ेदार होती हैं, बल्कि इनमें छुपी नैतिकता बच्चों को जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाती है। आज हम आपके लिए एक ऐसी ही जंगल की कहानी (jungle story in Hindi) लेकर आए हैं, जिसका नाम है "शेरू की दोस्ती और चालाक लोमड़ी"। इस कहानी से बच्चों को यह सीख मिलेगी कि सच्ची दोस्ती हमेशा चालाकी से बड़ी होती है। तो चलिए, इस जंगल की नैतिक कहानी (moral jungle story) को शुरू करते हैं।
कहानी की शुरुआत: जंगल में शेरू का राज
एक बार की बात है, हरे-भरे जंगल में एक शेर रहता था, जिसका नाम था शेरू। शेरू जंगल का राजा था और बहुत दयालु भी। वह सभी जानवरों से प्यार करता था और उनकी मदद करता था। शेरू का सबसे अच्छा दोस्त था मोटू हाथी। मोटू और शेरू हमेशा साथ में जंगल की सैर करते, नदी में नहाते, और जंगल के जानवरों की समस्याएँ सुलझाते।
जंगल में एक चालाक लोमड़ी भी रहती थी, जिसका नाम था लालू। लालू बहुत चालाक और शरारती था। उसे हमेशा दूसरों को परेशान करना अच्छा लगता था। लालू को शेरू और मोटू की दोस्ती से जलन होती थी, क्योंकि जंगल के सारे जानवर उनकी दोस्ती की तारीफ करते थे। लालू ने सोचा, "मैं शेरू और मोटू की दोस्ती को तोड़ दूंगा। फिर सारे जानवर मेरी चालाकी की तारीफ करेंगे।"
लालू की चालाकी और जंगल में हंगामा
एक दिन, लालू ने एक चालाक योजना बनाई। वह पहले शेरू के पास गया और बोला, "शेरू भैया, मैंने मोटू को तुम्हारे बारे में बुरा-भरा कहते सुना। वह कह रहा था कि तुम बहुत घमंडी हो और जंगल का राजा बनने के लायक नहीं हो।" शेरू को लालू की बात पर गुस्सा तो आया, लेकिन उसने कहा, "लालू, मोटू मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। वह ऐसा नहीं कह सकता। फिर भी मैं उससे बात करूंगा।"
फिर लालू मोटू के पास गया और बोला, "मोटू भैया, मैंने शेरू को तुम्हारे बारे में बुरा कहते सुना। वह कह रहा था कि तुम बहुत धीमे हो और जंगल में किसी काम के नहीं हो।" मोटू को भी गुस्सा आ गया। उसने कहा, "लालू, शेरू मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। वह ऐसा नहीं कह सकता। लेकिन मैं उससे ज़रूर पूछूंगा।"
लालू की चालाकी की वजह से शेरू और मोटू में गलतफहमी हो गई। दोनों एक-दूसरे से नाराज़ हो गए और जंगल में हंगामा मच गया। शेरू और मोटू ने एक-दूसरे से बात करना बंद कर दिया। जंगल के बाकी जानवर, जैसे चीची चिड़िया, टिंकू टिड्डा, और भोलू भालू, बहुत दुखी हो गए। उन्होंने सोचा, "शेरू और मोटू की दोस्ती टूट गई, अब जंगल में शांति कैसे रहेगी?"
चीची चिड़िया की समझदारी
चीची चिड़िया बहुत समझदार थी। उसने देखा कि शेरू और मोटू की दोस्ती टूटने की वजह से जंगल में उदासी छा गई है। चीची ने भोलू भालू और टिंकू टिड्डे को बुलाया और कहा, "हमें शेरू और मोटू को फिर से दोस्त बनाना होगा। मुझे लगता है कि इसके पीछे लालू लोमड़ी की चालाकी है।"
चीची ने एक योजना बनाई। उसने जंगल के सभी जानवरों को एक सभा में बुलाया और कहा, "शेरू और मोटू, तुम दोनों जंगल के सबसे अच्छे दोस्त हो। लेकिन अब तुम एक-दूसरे से नाराज़ हो। हमें बताओ, ऐसा क्या हुआ?" शेरू ने कहा, "मोटू ने मुझे घमंडी कहा।" मोटू ने कहा, "शेरू ने मुझे बेकार कहा।" दोनों ने बताया कि यह बात उन्हें लालू लोमड़ी ने बताई थी।
चीची ने लालू को बुलाया और सख्ती से पूछा, "लालू, क्या तुमने यह बातें सुनी थीं?" लालू डर गया और बोला, "हाँ, मैंने यह सब सुना।" लेकिन चीची ने कहा, "लालू, तुम झूठ बोल रहे हो। मैंने तुम्हें शेरू और मोटू के बारे में गलत बातें फैलाते देखा। तुमने ही उनकी दोस्ती तोड़ने की कोशिश की।"
लालू की सजा और दोस्ती की जीत
जंगल के जानवरों ने लालू की चालाकी को समझ लिया। शेरू ने लालू को सजा दी और कहा, "लालू, तुमने जंगल में हंगामा मचाया। अब तुम एक हफ्ते तक जंगल की नदी की सफाई करोगे।" लालू ने अपनी गलती मान ली और माफी माँगी। उसने कहा, "मुझे माफ कर दो, शेरू भैया और मोटू भैया। मुझे जलन हो गई थी। मैंने गलत किया।"
शेरू और मोटू ने लालू को माफ कर दिया। दोनों फिर से दोस्त बन गए और जंगल में खुशियाँ लौट आईं। शेरू ने कहा, "मोटू, सच्ची दोस्ती चालाकी से हमेशा बड़ी होती है। हमें किसी की बातों में आकर अपनी दोस्ती नहीं तोड़नी चाहिए।" मोटू ने हंसकर कहा, "बिल्कुल, शेरू। अब हम हमेशा साथ रहेंगे।"
जंगल के जानवरों ने शेरू और मोटू की दोस्ती की तारीफ की। चीची चिड़िया ने कहा, "शेरू और मोटू ने हमें सिखाया कि सच्ची दोस्ती हर मुश्किल से जीत जाती है।" जंगल में फिर से शांति और खुशहाली छा गई।
जंगल की कहानी से बच्चों को क्या सीख मिलती है?
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सच्ची दोस्ती: यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि सच्ची दोस्ती हर मुश्किल से जीत जाती है।
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गलतफहमियों को दूर करना: शेरू और मोटू ने अपनी गलतफहमी को दूर करके अपनी दोस्ती को बचाया।
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चालाकी से बचना: लालू की चालाकी से बच्चों को यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों को नुकसान पहुँचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
निष्कर्ष
"शेरू की दोस्ती और चालाक लोमड़ी" एक ऐसी जंगल की कहानी (jungle story in Hindi) है, जो बच्चों को सिखाती है कि सच्ची दोस्ती चालाकी से हमेशा बड़ी होती है। शेरू और मोटू की दोस्ती और लालू की चालाकी से बच्चों को यह समझ आता है कि हमें अपने दोस्तों पर भरोसा करना चाहिए और गलतफहमियों को दूर करना चाहिए। यह कहानी न केवल मज़ेदार है, बल्कि इसमें एक गहरी सीख भी छुपी है।
अगर आप अपने बच्चों को जंगल की कहानियाँ (jungle stories) सुनाना चाहते हैं, तो यह कहानी एकदम सही है। यह जंगल की कहानी (jungle story for kids) आपके बच्चों को हंसाएगी, प्रेरित करेगी, और उन्हें सच्ची दोस्ती का महत्व सिखाएगी।
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