Jungle World: लगभग 2000 जातियाँ होती हैं बिच्छू की बिच्छू लंबे समय से पृथ्वी पर हैं और लगभग 420 मिलियन वर्ष पहले भूमि पर रहने के लिए अनुकूलित होने वाले पहले जानवरों में से एक हैं। उस समय के समुद्री बिच्छू के जीवाश्म रिकॉर्ड हैं जो 3.3 फीट (1 मीटर) तक लंबे हो गए थे। By Lotpot 03 Feb 2024 in Jungle World New Update लगभग 2000 जातियाँ होती हैं बिच्छू की Jungle World लगभग 2000 जातियाँ होती हैं बिच्छू की:- बिच्छू लंबे समय से पृथ्वी पर हैं और लगभग 420 मिलियन वर्ष पहले भूमि पर रहने के लिए अनुकूलित होने वाले पहले जानवरों में से एक हैं। उस समय के समुद्री बिच्छू के जीवाश्म रिकॉर्ड हैं जो 3.3 फीट (1 मीटर) तक लंबे हो गए थे। आज, बिच्छू सांस लेने के लिए बुक फेफड़ों का उपयोग करते हैं, एक प्रकार का श्वसन अंग जो कुछ मकड़ियों द्वारा भी उपयोग किया जाता है और गलफड़ों के समान होता है। (Jungle World) बिच्छू साधारणतः उष्ण प्रदेशों में पत्थर आदि के नीचे छिपे पाये जाते हैं और रात्रि में बाहर निकलते हैं। इसकी अनेक जातियाँ हैं, जिनमें आपसी अंतर बहुत मामूली हैं। यहाँ बूथस ठनजीनेद्ध वंश का विवरण दिया जा रहा है, जो लगभग सभी जातियों पर घटता है। बिच्छू की लगभग 2000 जातियाँ होती हैं जो न्यूजीलैंड तथा अंटार्कटिक को छोड़कर विश्व के सभी भागों में पाई जाती हैं। इसका शरीर लंबा चपटा और दो भागों- शिरोवक्ष और उदर में बंटा होता है। शिरोवक्ष में चार जोड़े... इसका शरीर लंबा चपटा और दो भागों- शिरोवक्ष और उदर में बंटा होता है। शिरोवक्ष में चार जोड़े पैर और अन्य उपांग जुड़े रहते हैं। सबसे नीचे के खंड से डंक जुड़ा रहता है जो विष-ग्रंथि से संबद्ध रहता है। शरीर काइटिन के बाह्यकंकाल से ढ़का रहता है। इसके सिर के ऊपर दो आँखें होती हैं। इसके दो से पाँच जोड़ी आँखे सिर के सामने के किनारों में पायी जाती हैं। (Jungle World) बिच्छू साधारणतः उन क्षेत्रों में रहना पसन्द करते हैं जहां का तापमान 20 से 37 सेंटीग्रेड के बीच रहता है। परन्तु ये जमा देने वाले शीत तथा मरूभूमि की गरमी को भी सहन कर सकते हैं। (Jungle World) अधिकांश बिच्छू इंसान के लिए हानिकारक नहीं हैं। वैसे, बिच्छू का डंक बेहद पीड़ादायक होता है और इसके लिए इलाज की जरूरत पड़ती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक बिच्छू के जहर में पाए जाने वाले रसायन क्लोरोटोक्सिन को अगर ट्यूमर वाली जगह पर लगाया जाए तो इससे स्वस्थ और कैंसरग्रस्त कोशिकाओं की पहचान आसानी से की जा सकती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि क्लोरोटोक्सिन कैंसरग्रस्त कोशिकाओं पर सकारात्मक असर डालता है। यह कई तरह के कैंसर के इलाज में कारगर साबित हो सकता है। उनका मानना है कि बिच्छू का जहर कैंसर का ऑपरेशन करने वाले सर्जनों के लिए मददगार साबित हो सकता है। उन्हें कैंसरग्रस्त और स्वस्थ कोशिकाओं की पहचान करने में आसानी होगी। (Jungle World) lotpot-e-comics | jungle-safari | jungle-animals | jungle-report | animal-planet | facts-about-animals | animal-world | Facts about Scorpion | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | jngl-riportt | jngl-vrldd | बिच्छू के बारे में रोचक जानकारी यह भी पढ़ें:- Jungle World: चींटी खाने वाली सबसे बड़ी प्रजाति है विशालकाय चींटीखोर Jungle World: एक विकार का परिणाम है सफेद शेर Jungle World: महान भारतीय गैंडे के एक सींग ही होती है Jungle World: दुनिया का सबसे बड़ा कृंतक (Rodent) है कैपीबारा #लोटपोट #Lotpot #Jungle World #जंगल वर्ल्ड #animal planet #Facts about animals #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #जंगल रिपोर्ट #jungle Report #Jungle animals #animal world #Jungle safari #Facts about Scorpion #बिच्छू के बारे में रोचक जानकारी You May Also like Read the Next Article