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मूर्ख राजा और चतुर मंत्री
Fun Story मूर्ख राजा और चतुर मंत्री:- एक समय की बात है दियत्स नाम की नगरी एक नदी किनारे बसी हुई थी। वहां का राजा बहुत ही मूर्ख और सनकी था। एक दिन राजा अपने मंत्री के साथ संध्या के समय नदी के किनारे टहल रहा था। तभी उसने मंत्री से पूछा, ‘‘मंत्री बताओ यह नदी किस दिशा की ओर और कहाँ बहकर जाती है?” (Fun Stories | Stories)
‘‘महाराज, यह पूर्व दिशा की ओर बहती है और पूर्व की ओर स्थित देशों में बहकर समुद्र में मिल जाती है"। मंत्री ने उत्तर दिया। यह सुनकर राजा बोला, “यह नदी हमारी है, और इसका पानी भी हमारा है, क्या पूर्व में स्थित देश इस नदी के पानी का उपयोग करते हैं"।
‘‘जी महाराज, जब नदी उधर बहती है तो करते ही होंगे"। मंत्री ने उत्तर दिया। इस पर राजा बोला, "जाओ नदी पर बांध बनवा दो, और सारा का सारा पानी रोक दो, हम नहीं चाहते है कि पूर्व दिशा में स्थित देशों को पानी दिया जाये"। (Fun Stories | Stories)
“लेकिन, महाराज इससे हमे ही नुकसान होगा"। मंत्री ने उत्तर दिया। ‘‘नुकसान! कैसा नुकसान? नुकसान तो हमारा हो रहा है, हमारा पानी पूरब के देश मुफ्त में ले रहे हैं। और तुम कहते हो की नुकसान हमारा ही होगा? मेरी आज्ञा का शीघ्र से शीघ्र पालन करो"। राजा गुस्से में बोला। (Fun Stories | Stories)
मंत्री तुरंत कारीगरों को बुला लाया और नदी पर बांध बनाने का काम शुरू करवा दिया...
मंत्री तुरंत कारीगरों को बुला लाया और नदी पर बांध बनाने का काम शुरू करवा दिया। कुछ ही दिनों में दीवार बन कर तैयार हो गयी। राजा बहुत खुश हुआ। पर उसकी मूर्खता की वजह से कुछ समय बाद नदी का पानी शहर के घरों में घुसने लगा। लोग अपनी परेशानी लेकर मंत्री के पास आये। मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह सब कुछ ठीक कर देगा।
मंत्री ने एक योजना बनाई। महल में एक घंटा बजाने वाला आदमी रहता था। वह हर घंटे पर समय के अनुसार घंटा बजा देता था, जिससे सभी को समय का पता चल जाता था। मंत्री ने उस आदमी को आदेश दिया कि वह आज रात को जितना समय हो उसका दोगुना घंटा बजाये। आदमी ने ऐसा ही किया जब रात के तीन बजे तो उसने 6 बार घंटा बजाया, जिसका अर्थ था कि सुबह के 6 बज गए हैं। (Fun Stories | Stories)
घंटा बजते ही सभी लोग उठ गए। राजा भी उठ गया और बाहर आ गया। वहा पर मंत्री मौजूद था, राजा ने मंत्री से पूछा, ‘‘मंत्री अभी तक सुबह नहीं हुई है क्या? और सूरज अभी तक निकला क्यों नहीं है?’’ मंत्री ने उत्तर दिया, “महाराज सुबह तो हो चुकी है, परन्तु सूरज नहीं निकला है, क्योंकि सूरज पूरब की ओर से निकलता है, शायद पूरब के देशों ने सूरज को रोक दिया है क्योंकि हमने उनका पानी रोक दिया था, इसीलिए अब हमारे राज्य में कभी सूरज नहीं निकलेगा"। (Fun Stories | Stories)
राजा बहुत चिंतित हुआ और बोला, "क्या अब कभी भी हमारे देश में सूरज नहीं निकलेगा? हम सब अन्धकार में कैसे रहेंगे? इसका उपाय बताओ मंत्री?’’
‘‘महाराज, यदि आप नदी का पानी छोड़ दें, तो शायद वे भी सूरज छोड़ देंगे"। मंत्री ने उत्तर दिया।
राजा ने तुरंत मंत्री को हुक्म दिया कि वह नदी पर बना बाँध तोड़ दिया जाए। मंत्री ने राजा की आज्ञा का पालन किया और कारीगरों को आदेश दिया कि बांध को तोड़ दिया जाये। कारीगरों ने बांध तोड़ दिया। और जैसे ही बाँध टूटा सचमुच सूर्योदय का समय हो चुका था, और दिव्यमान सूरज चारों तरफ अपनी लालिमा बिखेर रहा था। (Fun Stories | Stories)
सूरज को उगता देख राजा बहुत खुश हुआ और मंत्री को इनाम दिया और कहा, "तुम्हारी वजह से आज हम फिर सूरज को देख पाये है। अब हमारे राज्य में कभी अँधेरा नहीं रहेगा"।
मंत्री ने मासूम सा मुँह बनाकर जवाब दिया, “महाराज, यह तो मेरा फर्ज था"। (Fun Stories | Stories)
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