Jungle Story: कू कू कोयल

नंदन वन और सुन्दर वन पास-पास ही थे। नन्दन वन की खुशहाली सुन्दर वन के जानवरों को फूटी आंख न सुहाती थी। सुन्दर वन का राजा किसी भी तरह नन्दन वन पर कब्जा करना चाहता था। नंदन वन का राज वीर बहादुर शेर बहुत पराक्रमी था।

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कू कू कोयल

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Jungle Story कू कू कोयल:- नंदन वन और सुन्दर वन पास-पास ही थे। नन्दन वन की खुशहाली सुन्दर वन के जानवरों को फूटी आंख न सुहाती थी। सुन्दर वन का राजा किसी भी तरह नन्दन वन पर कब्जा करना चाहता था। नंदन वन का राज वीर बहादुर शेर बहुत पराक्रमी था। उसके पराक्रम के चर्चे दूर-दूर तक होते थे। इसीलिए सुन्दर वन का राजा पीलू शेर नन्दन वन की ओर आंख उठाने में घबराता था। (Jungle Stories | Stories)

दुर्भाग्य से एक दिन वीर बहादुर बीमार पड़ गया। राज वैद्य को बुलाया गया। हर संभव इलाज किया गया, पर बीमारी पकड़ में न आई। काफी प्रयत्न करने पर भी राजा वीर बहादुर को बचाया न जा सका। जंगल की आग की तरह राजा की मृत्यु का समाचार चारों ओर पहुंच गया। सुन्दर वन में जब यह बात पता चली तो उस रात उन्होंने घी के दीपक जलाये।

“अब नन्दन वन को जीतना आसान हो गया है'! सुन्दर वन के राजा पीलू शेर ने अपने सेनापति नीलू हाथी को कहा तो नीलू ने भी उनकी बात का समर्थन किया और वे नन्दन वन पर आक्रमण करने की तैयारी करने लगा।
उधर नन्दन वन राजा वीर बहादुर शेर की मृत्यु के दुःख में डूबा था। नन्दन वन के जानवरों को यह मालूम नहीं था कि सुंदर वन के जानवर उनके खिलाफ षड़यंत्र रचकर उनके जंगल को हड़पना चाहते हैं। (Jungle Stories | Stories)

अब जंगल की सुरक्षा का पूरा भार सेनापति गजराज सिंह हाथी पर था। एक दिन कू कू कोयल घबराई हुई सी सेनापति गजराज सिंह के पास आई और उन्हें बताया कि...

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अब जंगल की सुरक्षा का पूरा भार सेनापति गजराज सिंह हाथी पर था। एक दिन कू कू कोयल घबराई हुई सी सेनापति गजराज सिंह के पास आई और उन्हें बताया कि किस तरह सुन्दर वन में उनके खिलाफ गतिविधियां चल रही हैं। “बहन कोयल! तुमने आज मुझे एक महत्वपूर्ण सूचना दी है। तुम चिन्ता न करो। सुन्दर वन नन्दन वन का बाल भी बांका नहीं कर सकता", सेनापति गजराज सिंह ने युद्ध के लिए तैयार रहने का आदेश दिया।

सभी जानवर अपने-अपने स्तर पर युद्ध की तैयारी में जुट गये। वे सुन्दर वन के जानवरों को यह दिखा देना चाहते थे कि अपने राजा को खो देने पर भी वे किसी भी दुश्मन का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उधर कू कू कोयल परेशान थी। वह मन ही मन ईश्वर से शिकायत कर रही थी, कि हे ईश्वर तूने मुझे इतनी मधुर आवाज दी, पर शरीर से इतना कमजोर बनाया कि मैं अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं कर पा रही हूं। (Jungle Stories | Stories)

एकाएक उसे कुछ ध्यान आया और वह एक दृढ़ निश्चय के साथ पेड़ की डाल पर जा बैठी। हमेशा प्यार के गीत गाने वाली कू कू के गाने का स्वर ही बदल गया था। अब वह जोश भरे वीरता के गीत गा रही थी।

कू कू कोयल के गीतों ने जादू का सा काम किया। उसके गीत सुनकर जंगल के युवा जानवर ही नहीं वृद्ध और नन्‍हें बच्चे भी अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए जान देने को तैयार हो गये।

सुन्दर वन से लोहा लेने के लिए नन्दन वन में अनेक टोलियां तैयार हो गई। सभी जानवर अपनी-अपनी शक्ति और सामर्थ्य के अनुसार काम करने में जुटे थे। (Jungle Stories | Stories)

योजना के अनुसार सुन्दर वन के जानवरों ने नन्दन वन पर आक्रमण कर दिया। नन्दन वन का बच्चा-बच्चा जान हथेली पर रखकर सुन्दर वन के जानवरों से भिड़ गया। अपनी आशा के विपरीत सुन्दर वन के जानवरों को मुंह की खानी पड़ी। वे नन्दन वन के बहादुर जानवरों के सामने न टिक सके। दुम दबाकर भागने में ही उन्होंने अपनी भलाई समझी।

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अगले दिन नन्दन वन में विजय उत्सव मनाया गया। सेनापति गजराज सिंह ने अनेक जानवरों को सम्मानित किया। सम्मान पाने वालों में कू कू कोयल का नाम सबसे ऊपर रखा गया। मगर कू कू कोयल का नाम सुन कर जानवरों को अच्चा नहीं लगा। वे आपस में कानाफूसी करने लगे। (Jungle Stories | Stories)

“अरे! इस नन्ही सी कोयल ने युद्ध में क्या वीरता जताई है।''

“अरे भाई! कुछ भी कहो, हथियार चलाना भी जानती है।"

“अरे भाई! कुछ भी कहो, पक्षपात तो हर जगह चलता है।”

जितने मुंह उतनी बातें हो रही थीं। तभी सेनापति गजराज सिंह की आवाज ने सबको चुप करा दिया। (Jungle Stories | Stories)

“मेरे बहादुर साथियों। हमारी जीत का सेहरा कू कू कोयल के सिर बांधने में मुझे गर्व हो रहा है। वास्तव में कू कू के जोशीले गीतों ने नन्दन वन के पूरे वातावरण को ही जोशीला बना दिया था। यह उसके गीतों का ही प्रभाव था कि जंगल का छोटा-बड़ा हर जानवर मातृभूमि के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो गया। यही नहीं सबसे पहले कू कू कोयल ने ही मुझे सुन्दर वन में अपने विरूद्ध होने वाली गतिविधियों की सूचना दी थी।''

इसके बाद कू कू कोयल को तालियों की गड़गड़ाहट के बीच विजय मुकुट पहनाया गया। जंगल के सभी जानवर उसकी प्रशंसा कर रहे थे। कू कू भी खुश थी। उसने पहली बार अपनी आवाज की शक्ति को पहचाना था। (Jungle Stories | Stories)

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