जंगल कहानी: पक्के दोस्त

लोटपोट वन में एक शेर और एक चूहा दोस्त थे, दोनों के घर पास-पास थे। दोनों में दोस्ती पक्की थी वो दोनों एक साथ खेलते थे और एक साथ घूमते थे। एक दिन शेर को एक शिकार मिला।

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पक्के दोस्त

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Jungle Story Pakke Dost:- लोटपोट वन में एक शेर और एक चूहा दोस्त थे,दोनों के घर पास-पास थे।दोनों में दोस्ती पक्की थी वो दोनों एक साथ खेलते थे और एक साथ घूमते थेएक दिन शेर को एक शिकार मिला।उसने अपनी गुफा से चूहे को आवाज़ लगाई आओ दोस्त, मेरे साथ खाना खा लो।तो बाहर से आवाज आई तुम्हें जो खाना है खाओ, मुझे इससे ज़्यादा ज़रूरी काम करने हैं।यह सुनकर शेर को बड़ा बुरा लगा। (Jungle Stories | Stories)

lion

अगले ही दिन चूहे को शहद का एक डिब्बा मिला।वह खाने के लिए बैठा तो उसने शेर को आवाज़ लगाई, 'दोस्त, आओ मेरे साथ खाना खा लो।चूहे को आवाज आई , “मुझे नहीं खाना है, तुम्हीं खाओ अपना खाना।इस बात का चूहे को भी बड़ा बुरा लगा।लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।

दो दिन के बाद दोनों जंगल में मिले।दोनों की दोस्ती इतनी पक्की थी कि खाने वाली बात को भुलाकर...

दो दिन के बाद दोनों जंगल में मिले।दोनों की दोस्ती इतनी पक्की थी कि खाने वाली बात को भुलाकर वे फिर से एक साथ खेलने लगे।बातों-बातों में दोनों को पता चला कि हमने एक दूसरे को खाने पर आवाज लगाईं थी लेकिन दोनों ने एक दूसरे को अजीब सा जवाब दिया था, जबकि हकीकत ये थी कि दोनों ने एक दूसरे की बात सुनी ही नहीं थी, तो किसने जवाब दिया था। (Jungle Stories | Stories)

'ज़रूर कुछ गड़बड़ है।' दोनों एक साथ बोले।हमें पता लगाना होगा कि कौन हम दोनों की दोस्ती तोड़ने की कोशिश कर रहा है।' शेर गुस्से से दहाड़कर बोला,ठीक कहा, कोई तो है, जो हम दोनों को परेशान करना चाहता है।' चूहे ने कहा।

उनकी बातें छिपकर कोई सुन रहा था।तभी किसी के चुपके से भागने की आवाज्ञ आई।दोनों ने देखा कि यह तो लोमडी थी, जो भाग रही थी।शेर ने दहाड़कर कहा, 'रुक जा, नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।' ऐसा कहकर शेर ने लपककर लोमडी को पकड॒ लिया। (Jungle Stories | Stories)

शेर ने चूहे से कहा, “दोस्त, आज रात के खाने में मैं एक लोमडी पकाने वाला हूँ।रात का खाना तुम मेरे साथ खाना।'चूहा बोला, 'ज़रूर आऊँगा मैं। ऐसा भोजन तो मैं छोड़ ही नहीं सकता!

लोमडी घबरा गई। बेचारी माफी माँगने लगी।शेर ने कहा, 'सौ उठक-बैठक करो ओर एक हज़ार बार बोलो-मैं अब किसी को तंग नहीं करूँगी।'

लोमडी बेचारी क्या करती।अपनी गलती की सज़ा तो उसको मिलनी ही थी न।दो घंटे तक वह यही वाक्य दोहराती रही-' अब में किसी को तंग नहीं करूँगी।'शेर और चूहे की दोस्ती और भी पक्की हो गई। (Jungle Stories | Stories)

बच्चों इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि अगर दोस्ती में कभी भी कोई शक हो तो मिलकर ही सारी परेशानी हल हो सकती है और अच्छे दोस्त किसी तीसरे के कहने से अपनी दोस्ती को खत्म नहीं होने देते। (Jungle Stories | Stories)

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