भाई दूज की कहानी: प्यार, सुरक्षा और वादा

दिवाली का त्योहार ख़त्म हो चुका था। घर में अभी भी मिठाइयों की मीठी ख़ुशबू और दीयों की हल्की चमक बाक़ी थी। छोटे भाई राहुल और उसकी बड़ी बहन प्रिया बहुत ख़ुश थे। प्रिया ने राहुल के लिए एक सुंदर-सा उपहार ख़रीदा था

By Lotpot
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दिवाली के बाद का खास दिन

दिवाली का त्योहार ख़त्म हो चुका था। घर में अभी भी मिठाइयों की मीठी ख़ुशबू और दीयों की हल्की चमक बाक़ी थी। छोटे भाई राहुल और उसकी बड़ी बहन प्रिया बहुत ख़ुश थे। प्रिया ने राहुल के लिए एक सुंदर-सा उपहार ख़रीदा था, और राहुल ने अपनी बहन के लिए एक हाथ से बनाया हुआ कार्ड दिया था, जिस पर उसने लिखा था कि वह उसे दुनिया की सबसे अच्छी बहन मानता है।

अगले दिन, यानी भाई दूज के दिन, प्रिया बहुत सुबह उठ गई। उसने स्नान किया, नए कपड़े पहने और पूजा की थाली तैयार की। थाली में चावल, सिंदूर, एक दीया और राहुल की पसंदीदा मिठाई थी।

राहुल ने अपनी बहन से पूछा, "दीदी, आज तुम इतना सब कुछ क्यों कर रही हो? क्या आज कोई खास पूजा है?"

प्रिया मुस्कुराई और बोली, "हाँ, राहुल। आज भाई दूज है। आज का दिन भाई-बहन के रिश्ते का सबसे बड़ा त्योहार है।"

राहुल ने उत्सुकता से पूछा, "पर इसका क्या मतलब है, दीदी? हमें तो कोई कहानी नहीं सुनाई गई।"

प्रिया ने उसे प्यार से अपने पास बिठाया और कहा, "इस दिन की कोई पौराणिक कथा हो या न हो, पर यह हमारे और तुम्हारे बीच के प्यार का एक वादा है।"

राहुल का अनोखा वादा

प्रिया ने पूजा शुरू की और राहुल के माथे पर तिलक लगाया। उसने राहुल की कलाई पर एक कलावा भी बाँधा। प्रिया ने राहुल के लिए प्रार्थना की और कहा, "यह सिर्फ़ तिलक नहीं है, राहुल। यह मेरी दुआ है कि तुम हमेशा ख़ुश रहो और सुरक्षित रहो।"

राहुल ने यह देखकर अपनी आँखें बंद कर लीं। उसे अचानक समझ आया कि इस त्योहार का असली मतलब क्या है। यह सिर्फ़ रस्म नहीं है, बल्कि एक-दूसरे के प्रति प्यार और सुरक्षा का गहरा एहसास है।

उसने प्रिया की तरफ़ देखकर कहा, "दीदी, मैं भी तुमसे एक वादा करना चाहता हूँ।"

प्रिया ने पूछा, "क्या वादा, राहुल?"

राहुल ने अपनी बहन के हाथ पकड़े और भावुक होकर बोला, "मैं सिर्फ़ तुम्हारा नहीं, बल्कि इस दुनिया की हर बहन से वादा करता हूँ कि मैं हमेशा उनका सम्मान करूँगा और उन्हें सुरक्षित रखूँगा।"

प्रिया की आँखों में आँसू आ गए। उसे अपने भाई पर बहुत गर्व महसूस हुआ। उसने थाली में से मिठाई उठाई और राहुल को खिलाई। राहुल ने भी अपनी बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

उस दिन राहुल ने सीखा कि भाई दूज सिर्फ़ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक पवित्र वादा है जो हर भाई को अपनी बहन से करना चाहिए। यह वादा था बिना किसी शर्त के एक-दूसरे के साथ खड़े रहने का।

नैतिक सीख

यह कहानी हमें सिखाती है कि भाई-बहन का रिश्ता बहुत खास होता है। हमें न सिर्फ़ अपने भाई-बहन से प्यार करना चाहिए, बल्कि हमेशा एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।

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