Public Figure: फौलादी इच्छाशक्ति के मालिक थे जेम्स थर्बर

जेम्स थर्बर फौलादी इच्छाशक्ति के मालिक थे। कमज़ोर आँखों के बावजूद वे अपनी रचना और रेखांकन से औरों को नई दृष्टि दे जाते थे। दरअसल बचपन में खेल खेल ही में उनकी आँख में तीर चुभ गया था। बढ़ती उम्र के साथ वे लगभग दृष्टिहीन हो गए थे।

New Update
James Thurber

फौलादी इच्छाशक्ति के मालिक थे जेम्स थर्बर

Public Figure फौलादी इच्छाशक्ति के मालिक थे जेम्स थर्बर:- जेम्स थर्बर फौलादी इच्छाशक्ति के मालिक थे। कमज़ोर आँखों के बावजूद वे अपनी रचना और रेखांकन से औरों को नई दृष्टि दे जाते थे। दरअसल बचपन में खेल खेल ही में उनकी आँख में तीर चुभ गया था। बढ़ती उम्र के साथ वे लगभग दृष्टिहीन हो गए थे। लेकिन जैसे यह मजबूरी ही उनकी असली ताकत बन गई।

सेकेंडरी स्कूल से ही उन्होंने लिखना शुरू कर दिया था। कोलंबस में जन्में थर्बर ने ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया...

सेकेंडरी स्कूल से ही उन्होंने लिखना शुरू कर दिया था। कोलंबस में जन्में थर्बर ने ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया लेकिन वह डिग्री नहीं ले पाए। वे व्यंगयात्मक लेखन के लिए ज़्यादा मशहूर थे और कॉमिक एक्टिंग में भी उनकी खासी दिलचस्पी थी। शायद इसकी प्रेरणा उनको अपने परिवार से ही मिली थी। जेम्स के पिता चाल्र्स एल थर्बर एक क्लर्क थे, लेकिन एक्टर बनने का सपना देखा करते थे।

b/w image of james thurber

अपने छोटे कद और दुबले पतले पिता को जेम्स ने रचनाओं में पात्र के रूप में पेश किया है। जेम्स की माँ को भी जन्मजात जोकर कहते थे, जिनका कॉमिक टैलेंट उनके आसपास के लोगों को चकित कर देता था। जेम्स थर्बर फेबल्स शैली के लिए मशहूर थे। यानि जानवरों और पेड़ पौधों का मानवीकरण करने में उन्हें महारत हासिल थी।

फॉर अवर टाइम, ब्लैक मैजिक फॉर बैर्नी हैलर जैसी उनकी कुछ किताबें काफी मशहूर हुई हैं। उन्होंने पत्रकारिता भी की थी। न्यूयॉर्क में वे ईवनिंग पोस्ट के रिपोर्टर बने। इस दौरान ही वे बच्चों के प्रिय लेखक बन गए थे। कई परी कथाओं की रचना की। थर्टीन क्लॉकस और वंडरफुल की कहानियाँ बच्चों में काफी पॉपुलर हुई।

लोटपोट | लोटपोट हीरे | famous personality | Lotpot Personality

ऐसी और जानकारी के लिए पढ़ें:-

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की खूबियां, शौक और उपलब्धियां

कैप्टन शिवा चौहान, नारी सशक्तिकरण का उदाहरण

देश दुनिया के लिए 94 वर्षीय दादी, भगवानी देवी डागर एक प्रेरणा

नीरज चोपड़ा ने इतिहास कैसे बनाया