शिक्षाप्रद बाल कहानी : मूर्खता की सजा शिक्षाप्रद बाल कहानी (Moral Stories) : मूर्खता की सजा- एक गांव में भगवान दास नाम का एक आलसी और अंधविश्वासी आदमी रहता था। वह अपने आप को भगवान का सबसे बड़ा भक्त मानता था और यही कहता फिरता कि किसी को कोई काम करने की जरूरत नहीं, सिर्फ भगवान का नाम लेने से सब कुछ मिल जाएगा। गांव वाले उसे कितना समझाते कि इस तरह निठल्ले बैठे रहना बुरी बात है, लेकिन भगवान दास किसी की नहीं सुनता था और दिनरात घर बैठा इंतजार करता कि ईश्वर कब आकर उसका भाग्य बदल देंगे। By Lotpot 13 Jan 2021 | Updated On 13 Jan 2021 12:20 IST in Stories Moral Stories New Update शिक्षाप्रद बाल कहानी (Moral Stories) : मूर्खता की सजा- एक गांव में भगवान दास नाम का एक आलसी और अंधविश्वासी आदमी रहता था। वह अपने आप को भगवान का सबसे बड़ा भक्त मानता था और यही कहता फिरता कि किसी को कोई काम करने की जरूरत नहीं, सिर्फ भगवान का नाम लेने से सब कुछ मिल जाएगा। गांव वाले उसे कितना समझाते कि इस तरह निठल्ले बैठे रहना बुरी बात है, लेकिन भगवान दास किसी की नहीं सुनता था और दिनरात घर बैठा इंतजार करता कि ईश्वर कब आकर उसका भाग्य बदल देंगे। और पढ़ें Jungle Story: जंगल की मज़ेदार कहानी : बीस रूपये के चीकू एक दिन, बारिश के मौसम में गाँव में बाढ़ आ गया, तब सरपंच ने ऐलान किया कि सब लोग गांव खाली करके किसी ऊंची जगह पर चले जाए। लोग घर छोड़कर भागने लगे लेकिन भगवान दास नहीं निकला। गाँववालों ने उसे साथ चलने को कहा तो वो बोला, "मैं आप लोगों की तरह मूर्ख नहीं हूं जो घर छोड़ कर भाग जाऊं, मैं भगवान का सबसे बड़ा भक्त हूँ, वो मुझे बचा लेंगे।" थोड़ी देर में गाँव के मुखिया ने आकर भगवान दास को बहुत समझाया कि बाढ़ का पानी बढ़ता जा रहा है जल्दी से वह उनके साथ सुरक्षित स्थान पर आ जाए। लेकिन आलसी भगवान दास नहीं माना। जब पानी घर में भर गया तो भगवान दास छत पर चढ़ कर बैठ गया। तभी वहां कुछ लोग नाव लेकर उसे बचाने आए लेकिन भगवान दास ने फिर से मना कर दिया और बोले "ऊपर वाला मुझे बचा लेगा, आप लोग बार बार मुझे तंग करने क्यों आ रहे हो, मैं आप लोगों की तरह बेवकूफ नहीं हूँ, मैं भगवान का सब से बड़ा भक्त हूँ।" थोड़ी देर बाद बाढ़ का पानी और बढ़ गया तो बचाव दल हेलीकॉप्टर लेकर आए और भगवानदास से चलने को कहा, लेकिन इस बार भी उसने इंकार कर दिया। आखिर सब लोग उसे छोड़ कर चले गए। जब बाढ़ का पानी छत तक पहुंच गया तो वो "बचाओ, बचाओ" चिल्लाने लगा लेकिन कोई उसे बचाने नहीं आया और भगवानदास डूब कर मर गया। और पढ़ें Jungle Story:जंगल की कहानी : पानी की उपयोगिता मरने के बाद जब वह ईश्वर के पास पहुंचा तो भगवान से शिकायत करते हुए बोला "प्रभु मैं तो इंतज़ार करता रहा कि आप मेरी मदद करने आएंगे लेकिन आप तो आएं ही नहीं?" तब भगवान ने हंसकर कहा, "आया तो था तुम्हारी मदद करने, कभी गांव वाले के रूप में, कभी सरपंच के रूप में, कभी नाव वाले के भेष में, कभी हेलीकॉप्टर कर्मी बनकर, लेकिन तुमने भगवान को पहचाना ही नहीं, इसलिए तुम्हे तुम्हारी मूर्खता की सजा मिल गई।" तो बच्चों इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि ईश्वर किसी भी रूप में हमेशा सबकी मदद करने आते है, क्योंकि वे सबमें विराजमान है। इसलिए हमें सबका सम्मान करना चाहिए और अपना कर्म करते रहना चाहिए। Facebook Page -सुलेना मजुमदार अरोरा #Motivational Stories #Lotpot Ki Kahania #Kids Story Hindi #Hindi Bal kahania You May Also like Read the Next Article