Motivational Story: रजत का संकल्प
रजत का मन पढ़ने लिखने में कम खेलने में ज्यादा लगता था। उसके सहपाठी परीक्षा में जहां बहुत अच्छे नंबरों से पास होते थे, वहीं रजत किसी तरह पास करता था। उसकी पोजिशन सबसे अंत में आती थी।
रजत का मन पढ़ने लिखने में कम खेलने में ज्यादा लगता था। उसके सहपाठी परीक्षा में जहां बहुत अच्छे नंबरों से पास होते थे, वहीं रजत किसी तरह पास करता था। उसकी पोजिशन सबसे अंत में आती थी।
नन्हा मिक्की चूहा होश संभालने के बाद आज पहली बार अपने बिल से बाहर निकल कर जंगल की विशाल दुनिया में घूमने को निकला। बिल से बाहर आते ही बाहर की तेज रोशनी से उसकी आंखें चकाचौंध होती गईं।
संत दादू दयाल अपनी सादगी और सहनशीलता के लिए सर्वत्र विख्यात थे। एक बार एक थानेदार घोड़े पर सवार होकर उनके दर्शन को चल पड़ा। संत दादू फटे-पुराने वस्त्र पहने एक पेड़ की छाया में बैठे कुछ काम कर रहे थे।
शिक्षाप्रद बाल कहानी (Moral Stories) : मूर्खता की सजा- एक गांव में भगवान दास नाम का एक आलसी और अंधविश्वासी आदमी रहता था। वह अपने आप को भगवान का सबसे बड़ा भक्त मानता था और यही कहता फिरता कि किसी को कोई काम करने की जरूरत नहीं, सिर्फ भगवान का नाम लेने से सब कुछ मिल जाएगा। गांव वाले उसे कितना समझाते कि इस तरह निठल्ले बैठे रहना बुरी बात है, लेकिन भगवान दास किसी की नहीं सुनता था और दिनरात घर बैठा इंतजार करता कि ईश्वर कब आकर उसका भाग्य बदल देंगे।