Jungle Story: छोटों का मूल्य

नन्हा मिक्की चूहा होश संभालने के बाद आज पहली बार अपने बिल से बाहर निकल कर जंगल की विशाल दुनिया में घूमने को निकला। बिल से बाहर आते ही बाहर की तेज रोशनी से उसकी आंखें चकाचौंध  होती गईं।

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छोटों का मूल्य

Jungle Story छोटों का मूल्य:- नन्हा मिक्की चूहा होश संभालने के बाद आज पहली बार अपने बिल से बाहर निकल कर जंगल की विशाल दुनिया में घूमने को निकला। बिल से बाहर आते ही बाहर की तेज रोशनी से उसकी आंखें चकाचौंध  होती गईं। जैसे जैसे वह आगे बढ़ता गया, आश्चर्य से उसकी आंखें फटी की फटी रह जातीं। सोचने लगा, ‘अरे, हमारे बिल के बाहर इतनी बड़ी दुनिया, मैं तो सोच भी नहीं सकता। ऊंचे-ऊंचे पेड़, दूर दूर तक फैली हरी घास के मैदान, कल कल करती हुई नदी, तरह-तरह के छोटे-बड़े पशु पक्षियों को देख उसके मन में नए नए विचार, प्रश्न जन्म लेते गए। (Jungle Stories | Stories)

तभी उसे दूर से बहुत तेज दहाड़ सुनाई दी, घबराकर वह दो कदम दूर जा गिरा। फिर आगे बढ़ा! अरे, यह तो शायद शेर है। मां बताती है कि यही सबसे बलवान जानवर है जंगल का। सब इससे डरते हैं, इसके पास जाने से घबराते हैं। शेर के पास से धीरे-धीरे गुजर कर वह आगे बढ़ गया। (Jungle Stories | Stories)

फिर उसे रास्ते में तरह-तरह के जंगली जानवर दिखाई दिए। मां के बताए अनुसार वह उन्हें चीता, भालू, रीछ, भेड़िया, आदि का नाम देता गया।

तरह-तरह के रंग बिरंगे पक्षियों को उसने पहली बार देखा। ऊंचे-ऊंचे पेड़ों पर कूकती कोयल को सुना, पेड़ों पर बैठे हरे-हरे तोतों को सीताराम, सीताराम की टेर को सुना। कौअे की कांव कांव भी उसके कानों में पड़ी। (Jungle Stories | Stories)

जैसे-जैसे मिक्की चूहा आगे बढ़ता जाता उसे अपने बाहर के प्रारंभिक जीवन में नई-नई...

जैसे-जैसे मिक्की चूहा आगे बढ़ता जाता उसे अपने बाहर के प्रारंभिक जीवन में नई-नई चीजें दिखाई दीं। चलते-चलते वह थक गया था, सो हरी घास के एक सुन्दर से मैदान में जाकर लेट गया और आराम करने लगा। (Jungle Stories | Stories)

थोड़ी देर के आराम के बाद मिक्की चूहा पुनः उठा। आगे बढ़ने पर उसे फिर नई-नई चीजें दिखती गई। फिर वह एक ऐसे स्थान पर पहुंचा, जहां पर कि चारों तरफ खूब ऊंचे-ऊंचे हरे-भरे पेड़ थे। पास ही नदी का स्वच्छ पानी बह रहा था। वहां पर उसने अपने आसपास चारों तरफ खूब बड़े बड़े विशालकाय जानवरों को देखा। उनके चेहरे से लेकर जमीन तक कोई बहुत बड़ी-सी चीज लटक रही थी। सफेद सफेद, खूब लंबी दांत जैसी कोई चीज मुंह के दोनों तरफ थीं कानों की जगह पर दोनों तरफ काफी बड़ी-बड़ी हप्पर जैसी चीज थी।

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नन्हा मिक्की चूहा उन विचित्र विशालकाय जानवरों को देख अचम्भे में पड़ गया। पास के पेड़ पर बैठे एक बंदर से उसने पूछा, ‘भई, ये कौन है? बड़े शक्तिशाली दिखाई देते हैं यें सब। (Jungle Stories | Stories)

पेड़ पर बैठा बंदर मिक्की चूहे के भोलेपन को देख खो-खो कर हंसने लगा। बोला, ‘अरे तुम इनको नहीं पहचानते, यह हाथी है। बड़े ही बलवान होते हैं ये।’

मिकी चूहे ने सिर से पैर तक विशालकाय हाथियों को देखा और बोला, ‘आप ठीक कहते हैं, वह तो मैं देख ही रहा हूं।’ (Jungle Stories | Stories)

तभी एक साथ कई हाथी जोर से चिंघाड़े। मानो डर के मारे नन्हें मिक्की चूहे के होश ही उड़ गए। उसने डर के मारे भगवान को याद करते हुए आंखें ही बंद कर लीं। नन्हें मिक्की चूहे की यह दशा देख वह बंदर और जोर से हंसने लगा।

कुछ देर बाद मिक्की चूहे ने धीरे से आंख खोल कर अपने सामने देखा। वे बड़े-बड़े हाथी, बड़े-बड़े ऊंचे-ऊंचे पेड़ों को काफी कस कर हिला रहे थे। कुछ ने तो कई पेड़ों को तोड़कर जमीन पर गिरा दिया था। तथा उन्हें अपने मुंह में दबा लिया था। उनकी शक्ति को देख उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं। फिर अपने नन्हें, छोटे से शरीर को देखा।

अब काफी देर हो चुकी है, घर चलना चाहिए। यह विचार मिक्की के मन में आया। वह फौरन घर की ओर वापस मुड़ चला। बड़ी तेजी से दौड़ता हुआ वह वापस अपने बिल की तरफ आ रहा था। उसके मन में अनेक बातें भरी हुई थीं अपनी मां के पास पहुंचने की उसे बहुत ही जल्दी थी। तेजी से दौड़ता हुआ आया और बिल में घुस गया। सामने उसकी मां खड़ी हुई थी। दौड़कर वह मां की गोद में चढ़ गया। अपने नन्हें बच्चे मिक्की के मन में बाहर की दुनिया की पहली बार में क्या तस्वीर बनी है, मां यह जानने को बड़ी इच्छुक थी। मां ने पूछा, ‘बेटा मिकी, क्या क्या देखा बाहर?’ (Jungle Stories | Stories)

मां का पूछना ही था कि मिक्की ने बिल से बाहर निकलने से लेकर वापस बिल में आने तक का सारा किस्सा विस्तार से अपनी मां को बता दिया। शेर, चीते, भालू, हाथी आदि शक्तिशाली जानवरों की बहादुरी तथा साहस का जो कुछ हाल उसने देखा, मां को पूरा पूरा सुना दिया। फिर सहसा उसका मुंह लटक गया। और चेहरे पर निराशा के भाव आ गए।

मिक्की में यह परिवर्तन देख उसकी मां को बड़ा आश्चर्य हुआ। बोली, ‘क्या बात है बेटा, ‘तुम दुखी क्यों हो गए, तुम्हारा मुंह उदास क्यों दिख रहा है?’

मिक्की ने कहा, ‘मां, यह भगवान भी बड़े अजीब हैं। हम लोगों के साथ कितना अन्याय किया है। आज मैंने देखा कि दुनिया में कितने बड़े-बड़े विशालकाय तथा शक्तिशाली जानवर हैं। और एक हम लोग हैं बिल्कुल छोटे से। सड़क पर चलते हैं तो किसी की हम पर नजर तक नहीं पड़ती है। आखिर ऐसा अन्याय हम पर क्यों? हमें इतना कमजोर क्यों बनाया है?’ (Jungle Stories | Stories)

‘एक बात बताऊं मां, मैं जब जंगल में जा रहा था तो एक शेर इतनी कस कर दहाड़ा कि मैं डर के मारे दो कदम दूर जा गिरा, कुछ देर तक तो मुझे होश ही नहीं आया, फिर कई हाथियों के चिघाड़ने से तो जैसे जान ही निकल गई।’

आखिर ऐसा क्यों, वे सब इतने बलवान और हम बिल्कुल जरा से, बिल्कुल बेकार।’

मिक्की की बाल-सुलभ बातें सुनकर मां के चेहरे पर हंसी आ गई मिक्की ‘नहीं बेटा, ऐसा नहीं कहते। ईश्वर ने संसार के हर प्राणी को कोई न कोई गुण प्रदान किया है। संसार में कोई भी बेकार नहीं भेजा गया है। ईश्वर के द्वारा केवल शरीर का छोटा-बड़ा होना या ताकतवर होने से ही सब कुछ नहीं होता है। तुमने हाथी की बहादुरी व ताकत की बात कही, पर तुम क्या जानते हो कि एक छोटी-सी चींटी भी हाथी जैसे विशालकाय जानवर के लिए भारी पड़ जाती है।’

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नन्हा मिक्की बड़े ध्यान से अपनी मां की बातें सुन रहा था तथा उसके चेहरे पर नए-नए रंग आ रहे थे।

मां ने कहा, ‘हम शरीर तथा ताकत में कम हैं तो क्या हुआ, हमारे पास तेजी व चपलता का  गुण है। हमारी तेज गति से भागना तो पूरी दुनिया जानती है। क्या तुम्हारा वह बलवान हाथी हमारी तरह दौड़ भाग सकता है जो काम हम पल भर में कर सकते हैं, क्या वह कर सकता है?’ (Jungle Stories | Stories)

फिर हमें दुनिया भर में कितना चालाक व तेज माना जाता है। कोई मौका न चूकने के हमारे गुण को पूरी दुनिया मान गई है। जहां मौका मिला नहीं कि हम अपना काम कर जाते हैं, ‘बोलो, है न हम में यह खूबी।’ (Jungle Stories | Stories)

फिर मां ने नन्हें मिक्की को अपने व उसके पूर्वजों की कहानियां सुनाईं कि किस तरह से हमारी जाति ने अपने गुणों से बड़े बड़े जानवरों की संकट के समय मदद की। शेर जैसे ताकतवर व बलवान जानवर को चूहे ने अपने दांतों से जाल काटकर बाहर निकाला। सब लोग जानते हैं हमारी जाति के ये सब गुण। अब तुम ही बताओ, क्या हम सब बेकार हैं। भगवान ने हमारे साथ अन्याय किया है?’

जैसे-जैसे मां चूहों के गुणों को मिक्की को बताती गई, मिक्की के चेहरे पर परिवर्तन आता गया। भगवान ने हम जैसे छोटे शरीर वाले प्राणियों को बहुत कुछ दिया है, यह बात उसकी समझ में आने लगी थी। ईश्वर के काम बड़े ही निराले व आश्चर्य में डालने वाले हैं। ये बात उसकी बाल बुद्धि में समझ में आने लगी थी। वह सिर्फ इतना ही बोला, ‘ठीक कहती हो मां, मैंने तो यह सब बिल्कुल सोचा ही नहीं था। (Jungle Stories | Stories)

मां, मैं कल फिर घूमने जाऊंगा, अभी मुझे बहुत कुछ देखना और सीखना है।’

मां के चेहरे पर पुनः हंसी आ गई और उन्होंने नन्हें मिक्की को चूम लिया। (Jungle Stories | Stories)

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