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तुम्हारा भी लाभ, मेरा भी लाभ
Jungle Story तुम्हारा भी लाभ, मेरा भी लाभ:- सुन्दर वन के जंगली पशुओं ने साक्षरता अभियान के अन्तर्गत पढ़ लिख कर अपने आपको स्वाध्याय प्रेमी जीवों में शामिल कर लिया था। जार्ज नामक हाथी इनके लिए मजेदार उपन्यास लिखने लगा। उसके उपन्यासों ने देखते ही देखते भारी सफलता हासिल कर ली। अब जार्ज जहाँ भी जाता लोग उसका अभिनन्दन करते, उसका प्रचवन करवाते। नये वन्य पशु उसके आटोग्राफ के लिए टूट पड़ते। उसने अपनी लोकप्रियता देखकर एक साहित्य प्रचारक ट्रस्ट बना डाला। अब उसने घोषणा कर दी कि जो भी उपन्यासकार जार्ज का आटोग्राफ ले वह तीस रुपये प्रति आटो ग्राफ अदा करे। उसके किशोर पाठक ऐसा ही करने लगे। (Jungle Stories | Stories)
तभी एक दिन रींकू खरगोश उसके पास आया और बोला ‘‘जार्ज दादा! मैं आपकी एक शानदार तस्वीर...
तभी एक दिन रींकू खरगोश उसके पास आया और बोला ‘‘जार्ज दादा! मैं आपकी एक शानदार तस्वीर बनाकर आपको देना चाहता हूँ, कीमत सिर्फ एक सौ रुपये होगी।’’
जार्ज बोला -‘‘रींकू हम तो साहित्य कला, संस्कृति को बढ़ावा देने वाले जीव ही तो ठहरे। यदि चित्र मुझे पसन्द आ गया तो दो सौ रुपये पारिश्रमिक दूँगा।" (Jungle Stories | Stories)
रींकू की कैनवास पर रंगों की वह शानदार करिश्मे बाजी देखते ही बनती थी। उसने जार्ज का ऐसा चित्र बनाया कि लगे कि अभी जार्ज पूछ उठेगा-‘‘हेल्लो हाऊ डू यू डू रींकू।’’ (Jungle Stories | Stories)
जिसने भी उसे देखा उसने तारीफों के पुल बाँध दिये, जार्ज ने भी चित्र देखा तो देखता ही रह गया। उसकी बीवी ने देखा तो मुस्करा कर कह उठी-‘‘अरे इसमें तो असली जार्ज नकली लगने लगा है। जीता जागता नकली और रींकू का चित्र वाला जार्ज असली, एकदम सजीव। वाह! क्या जौहर बनाया है रींकू ने।’’ (Jungle Stories | Stories)
जार्ज ने उसी समय रींकू को अपनी चैक बुक से चैक काटते हुए दस दस रुपये के बीस चैक काटकर दे दिये। रींकू अब जार्ज को घूर कर देखता तो कभी चैकों को। जब वह कुछ देर तक यही प्रक्रिया दोहराता रहा तो जार्ज की पत्नी पूंछ उठी-‘‘क्यों रींकू! क्या पैसे पूरे नहीं मिले क्या? या फिर चैक के बाउंस होने की शंका है?‘‘
‘‘नहीं ऐसी बात तो नहीं है। पर.....।’’ वह धीरे से बोला । (Jungle Stories | Stories)
‘‘पर .... क्या? जो भी शंका मन में उठ रही हो उसे साफ कर लो।’’ जार्ज ने तभी उसकी तरफ देखते हुए कहा।
‘‘हा, शंका उभर आई है मेरे मन में एक, वह यह है कि जब आप दो सौ रुपये का एक चैक दे सकते थे तो फिर आपने बीस चैक काटकर अपने हाथों को तकलीफ क्यों दी?’’ उसने पूछा।
तभी जार्ज की पत्नी बोली-‘‘तुम्हारी और हमारी दोनों ही की भलाई के लिये जार्ज ने ऐसा किया।‘‘ (Jungle Stories | Stories)
‘‘मेरी इसमें क्या भलाई है। मुझे तो मेरा तय पारिश्रमिक दो सौ रुपये ही तो मिलेगी इन चैकों को भुनवाकर।’’ वह बोल उठा तभी।
‘‘आप तो कह रही थीं कि तेरा भी लाभ होगा और हमारा भी। सो मेरा तो लाभ चलो हो गया पर आपका।’’ वह विस्मयपूर्वक विचार करता हुआ कह उठा। (Jungle Stories | Stories)
तभी हँसकर जार्ज बोला ‘‘मेरे भोले भाले चित्रकार दोस्त! यह बात सचमुच पहेली बुझाने जैसी ही है। बात यह है कि तुम जिन प्रशंसकों मेरे आटोग्राफ किये हुए चैक दोगे वो उन्हें भुनाने बैंक थोड़े ही जाएंगे। वे तो उन चैकों को सुरक्षित रख कर अपने पास उपन्यास कार जार्ज के आटोग्राफ मौजूद रहने पर गर्व करेंगे" (Jungle Stories | Stories)
‘‘हाँ सर यह बात तो मेरे भेजे में कभी भी शायद ही आ पाती। ठीक है इस तरह तो मेरा भी फायदा है। बीस चैक काटने में।’’ वह प्रसन्न होकर बोल उठा तभी।
‘‘तो फिर ऐसा ही करो। दोनों का ही फायदा कर डालो। आम के आम गुठली के दाम इसी को कहते हैं।“ जार्ज की पत्नी बोली। (Jungle Stories | Stories)
‘‘यस सर! ऐसा ही करूँगा।’’ ‘कहकर रींकू चल दिया। उसने आटोग्राफ के दीवानों को उन्हें बेचकर छः सौ रुपये कमा लिये। चैक किसी ने भी भुगतान के लिये पेश नहीं किये। इस तरह जार्ज की रकम भी बच गई। (Jungle Stories | Stories)
अब जब भी रींकू नजर आता जार्ज की पत्नी उससे कहती-‘‘तेरा भी लाभ मेरा भी लाभ। कैसी रही पहेली।
रींकू हँसकर कह उठता-‘‘बड़ी शानदार रही मेरा लाभ तेरा लाभ की पहेली।’’ (Jungle Stories | Stories)
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