बच्चों की नैतिक कहानी: "सुंदर बनने की चाह" | Sundar Banne Ki Chah
आज की कहानी एक ऐसी छोटी सी लड़की मीरा की है, जो हर दिन खुद को दूसरों से कम समझती थी। उसे लगता था कि वह सुंदर नहीं है। लेकिन फिर एक दिन उसकी सोच बदल गई — और उसी दिन से उसकी दुनिया भी।
आज की कहानी एक ऐसी छोटी सी लड़की मीरा की है, जो हर दिन खुद को दूसरों से कम समझती थी। उसे लगता था कि वह सुंदर नहीं है। लेकिन फिर एक दिन उसकी सोच बदल गई — और उसी दिन से उसकी दुनिया भी।
बच्चों, क्या आपने कभी किसी को इतना चालाक देखा है कि वो अपनी बातों से दूसरों को बेवकूफ बना ले? लेकिन क्या वो चालाकी हमेशा काम आती है? नहीं न? चलिए, इस कहानी में जानिए क्यों नहीं!
चमकती सड़कों और तेज़ रफ्तार ज़िंदगी के बीच, क्या किसी बच्चे के पास वक्त होता है दूसरों के लिए रुकने का? होता है... अगर उसका नाम आरव हो। यह कहानी है "सुनागर सिटी" की, और उस रहम दिल लड़के की जिसने दिखा दिया कि इंसानियत सिर्फ किताबों में नहीं
यह कहानी कोई आम "बिल्ली-चूहे की दुश्मनी" वाली नहीं है। यह एक अनोखी, दिल को छूने वाली जंगल की कहानी (Jungle children's story in Hindi) है, जहाँ चतुराई, समझदारी और थोड़ी-सी दोस्ती ने दुश्मनी को भी दोस्ती में बदल दिया।
- बहुत-बहुत समय पहले की बात है, जब धरती पर जादू आम था, और हर बच्चे के दिल में सपने चमकते थे। उन्हीं दिनों की बात है, जब एक राज्य था — मयूरगढ़ — जहाँ की राजकुमारी अपने सपनों में हर रात एक सोने का घोड़ा देखती थी।
बच्चों, आपने यह तो सुना ही होगा — “एकता में बल होता है।” लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर जंगल के जानवरों में एकता न हो, तो क्या होगा? इस जंगल की अनोखी कहानी हम जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे जानवरों ने मिलकर एक बड़े खतरे को मात दी
सही सवाल, सही जवाब - बुद्धि और ज्ञान का मूल्य केवल पढ़े-लिखे होने में नहीं होता, बल्कि यह इस बात में छुपा होता है कि कोई व्यक्ति परिस्थितियों को कितनी गहराई से समझता है और उनका समाधान कितनी सहजता से प्रस्तुत करता है।