बाल कहानी : लकड़ी का कटोरा
लकड़ी का कटोरा- एक बूढ़ा कमज़ोर आदमी अपने बेटे, बहू और चार साल के पोते के साथ रहता था। उस बूढ़े आदमी की बीमारी और बुढ़ापे के कारण हाथ कांपते थे। उनकी नज़र भी कमज़ोर हो चुकी थी और वह लड़खड़ाकर चलते थे।
लकड़ी का कटोरा- एक बूढ़ा कमज़ोर आदमी अपने बेटे, बहू और चार साल के पोते के साथ रहता था। उस बूढ़े आदमी की बीमारी और बुढ़ापे के कारण हाथ कांपते थे। उनकी नज़र भी कमज़ोर हो चुकी थी और वह लड़खड़ाकर चलते थे।
"अब पछताए होत क्या" एक जंगल की कहानी है, जो एक चतुर लोमड़ी, मेहनती हिरण, और लापरवाह भालू के इर्द-गिर्द घूमती है। जंगल में भोजन की कमी के समय लोमड़ी ने भालू को चेतावनी दी कि सर्दियों के लिए भंडार जमा करें, लेकिन भालू ने हंसी उड़ाई। हिरण ने मेहनत की,
यह कहानी एक मनुष्य, उसके कुत्ते और सुअर की है। मनुष्य दोनों से काम की अपेक्षा करता है, लेकिन कुत्ता चालाकी से सुअर के मेहनती काम को अपने नाम कर लेता है। यह कहानी मेहनत, चालाकी और न्याय की गहरी सीख देती है।
मुंबई की चकाचौंध और मोंटी का सपना : मुंबई के एक छोटे से अपार्टमेंट में रहता था 12 साल का मोंटी। मोंटी को सब प्यार से बुलाते थे। मोंटी का एक सपना था—वो मुंबई में अपनी एक साइकिल रेस की टीम बनाना चाहता था।
शेर के चतुर साथी: एक रोमांचक जंगल की कहानी (Jungle Story in Hindi)- हिमाचल प्रदेश के हरे-भरे जंगल में एक शेर रहता था, जिसका नाम था रुद्र। रुद्र जंगल का राजा था, और उसकी दहाड़ सुनकर सारे जानवर कांपने लगते थे। लेकिन रुद्र का एक राज था
सम्मान का मोल: - दिल्ली की चमचमाती सड़कों का माहौल था हाईटेक गाड़ियां, मेट्रो की रफ्तार, और हर तरफ टेक्नोलॉजी की चमक थी। इसी दिल्ली के एक हाईराइज अपार्टमेंट में रहते थे 10 साल के रॉनी और उसकी छोटी बहन मिया।
कहानी शुरू होती है दिल्ली शहर के एक छोटे से मोहल्ले में, जहां रहता था 25 साल का राजू, एक सीधा-सादा लड़का। राजू की जिंदगी बड़ी साधारण थी—सुबह उठो, पापा की किराने की दुकान पर बैठो, और शाम को चाय की टपरी पर दोस्तों के साथ गप्पे मारो।