समय का महत्व - एक नैतिक कहानी
एक गरीब किसान दिनभर मेहनत करके अन्न इकट्ठा करता था। जब भी उसके पास थोड़ा अनाज इकट्ठा हो जाता, वह उसे एक पोटली (थैली) में बांधकर रख लेता, ताकि भविष्य में काम आ सके।
एक गरीब किसान दिनभर मेहनत करके अन्न इकट्ठा करता था। जब भी उसके पास थोड़ा अनाज इकट्ठा हो जाता, वह उसे एक पोटली (थैली) में बांधकर रख लेता, ताकि भविष्य में काम आ सके।
एक गहरे कुएं में गंगाधर नाम का एक मेंढ़क अपने परिवार के साथ रहता था। उसके परिवार में कुल 12 सदस्य थे, और वह परिवार का मुखिया था। गंगाधर का जीवन संघर्षों से भरा था
एक गुरु के दो शिष्य थे, जो दोनों ही किसान थे। वे ईश्वर की भक्ति में लीन रहते थे और स्वच्छता एवं सादगी को महत्व देते थे। हालांकि, दोनों की परिस्थितियाँ एक जैसी होते हुए भी उनमें एक बड़ा सुखी था,
एक गाँव में एक छोटा लड़का रहता था, जिसका नाम रमन था। रमन बहुत ही शरारती और जिद्दी था। उसे किसी की बात मानने का बिल्कुल मन नहीं करता था। वह हमेशा दूसरों को परेशान करने में मज़ा लेता था।
एक घना जंगल था, जहाँ तरह-तरह के जानवर रहते थे। उन्हीं में दो बिल्लियाँ, मीना और टीना, बहुत अच्छी दोस्त थीं। दोनों साथ में खेलतीं, दौड़तीं और एक-दूसरे के साथ अपनी छोटी-छोटी खुशियाँ बांटती थीं।
शहर के एक बड़े स्कूल में रोहन नाम का एक लड़का पढ़ता था। रोहन बहुत ही होशियार था, लेकिन उसकी एक आदत थी – वह मेहनत करने से हमेशा बचता था। पढ़ाई में अच्छे अंक लाने के लिए भी वह शॉर्टकट ढूंढता रहता था।
घने जंगल में एक बड़ा सा बरगद का पेड़ था। उसी के पास एक आलसी भालू भोलू रहता था। भोलू को सोना और आराम करना बहुत पसंद था। वह खाने के लिए भी ज्यादा मेहनत नहीं करता था