प्रतिभा की असली पहचान
एक बार एक साधु ने सुनसान जगह पर एक झोपड़ी बना ली। वह वहीं मजे में रहने लगा। जंगली फल-फूलों से वह अपना गुजारा करता और हमेशा भगवद भजन में लीन रहता। एक दिन, तीन राजपुरुष जंगली जानवरों का शिकार करते हुए उसकी झोपड़ी के करीब आए।
एक बार एक साधु ने सुनसान जगह पर एक झोपड़ी बना ली। वह वहीं मजे में रहने लगा। जंगली फल-फूलों से वह अपना गुजारा करता और हमेशा भगवद भजन में लीन रहता। एक दिन, तीन राजपुरुष जंगली जानवरों का शिकार करते हुए उसकी झोपड़ी के करीब आए।
एक बार की बात है। महाराणा प्रताप मोहन नामक राजा कई दिनों से बीमार थे। राजवैद्य ने उनकी बीमारी का इलाज करने की पूरी कोशिश की, लेकिन वे बीमारी का सही कारण पता नहीं कर सके।
एक बार स्वामी विवेकानंद रेल में सफर कर रहे थे। उनके सामने वाली सीट पर एक अंग्रेज महिला अपने छोटे और प्यारे बच्चे के साथ बैठी थी। यात्रा के दौरान एक स्टेशन पर ट्रेन रुकी, और स्वामीजी ने कुछ संतरे खरीदे।
एक समय की बात है। एक बादशाह को अपने दरबार में एक कुशल कर्मचारी की आवश्यकता थी। इसके लिए उसने पूरे शहर में घोषणा करवाई कि जो भी व्यक्ति इस काम के लिए योग्य होगा
एक समय की बात है, एक हरे-भरे जंगल के किनारे एक छोटी-सी बस्ती थी। बस्ती के पास एक खेत था, जिसमें एक प्यारी मुर्गी अपने चार छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहती थी। वह दिन-रात अपने बच्चों की देखभाल करती थी
एक घना जंगल था जहाँ तरह-तरह के जानवर रहते थे। इस जंगल का राजा शेर था, जो अपनी ताकत और बहादुरी के लिए जाना जाता था। जंगल के सभी जानवर उससे डरते थे लेकिन उनका दिल भी उससे बहुत प्यार करता था
जंगल में एक समय की बात है, जब शेर अपनी ताकत पर बहुत घमंड करता था। शेर का मानना था कि उसकी ताकत के आगे कोई टिक नहीं सकता। वहीं दूसरी ओर, जंगल में एक चालाक सियार भी रहता था जो अपनी बुद्धिमत्ता पर गर्व करता था।
यह कहानी है अर्जुन वाजपेयी की, जो उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर से ताल्लुक रखते हैं और बचपन से ही पर्वतारोहण का सपना देखते थे। बचपन में किताबों में माउंट एवरेस्ट की कहानियाँ पढ़ते हुए, उन्होंने एक दिन खुद इस चोटी को छूने का लक्ष्य बनाया।