हिंदी नैतिक कहानी: असाधारण पालतू मित्र
अम्मा मोहल्ले की कोई सामान्य वृद्ध महिला नहीं थी। आस पड़ोस के सभी बच्चे और स्त्रियां उन्हे सम्मान पूर्वक अम्मा कह कर सम्बोधित करते थे। वे अपने बेटे और पुत्र वधु के साथ रहती थीं।
अम्मा मोहल्ले की कोई सामान्य वृद्ध महिला नहीं थी। आस पड़ोस के सभी बच्चे और स्त्रियां उन्हे सम्मान पूर्वक अम्मा कह कर सम्बोधित करते थे। वे अपने बेटे और पुत्र वधु के साथ रहती थीं।
कठिन परिस्थितियों में हम सभी आम तौर पर बाहर से सहायता की अपेक्षा करते हैं। अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि समस्या का समाधान उनके स्वंय के अन्दर ही निहित है।
सामान्य दृष्टि वाले लोग अक्सर वह सब कुछ नहीं देख पाते जो उनके सामने होता है। इसके विपरीत वे लोग जो दृष्टि विहीन होते हैं अपने सामने की सभी वस्तुओ को ध्यान पूर्वक अपने ज्ञान में समा लेते हैं।
केवल पुस्तकें पढ़ लेने से ही कोई व्यक्ति अच्छे रूप से ज्ञानी नहीं हो जाता। जीवन में कई अन्य कुशलताओं का भी उतना ही महत्व है। प्रोफेसर राव को इस बात का ज्ञान काफी समय के बाद हुआ।
एक गरीब किसान था, उसके दो बेटे थे। एक का नाम था रामू तथा दूसरे का नाम भोला था। किसान बहुत मेहनती था, पहले वह दूसरे के खेतों में मजदूरी करता था।
विष्णु कॉलेज में पढ़ता था, उसके सभी कॉलेज के मित्रों में एक गुण समान था। कक्षा की पढ़ाई को छोड़कर उन्हे हर काम में दिलचस्पी थी। प्रताप के पिता मैजिस्ट्रेट थे और वह स्वयं एक अच्छा खिलाड़ी था।
कौन अधिक शक्तिशाली है? आंधी या मंद शीतल वायु? दोनों एक ही परिवार के सदस्य हैं, पर दोनों का स्वभाव एक दूसरे से उल्टा है। एक दिन आंधी ने कहा, “मेरी छोटी बहन वायु, तुम कितना धीरे-धीरे चलती हो।