गणेश जी को प्रथम पूजनीय बनाने की कथा
धार्मिक ग्रंथों में गणेश जी को सभी कार्यों में सबसे पहले पूजने की परंपरा का उल्लेख है। यह परंपरा क्यों और कैसे शुरू हुई, इसकी एक रोचक कथा है। यह कथा न केवल गणेश जी की बुद्धिमत्ता को दर्शाती है
धार्मिक ग्रंथों में गणेश जी को सभी कार्यों में सबसे पहले पूजने की परंपरा का उल्लेख है। यह परंपरा क्यों और कैसे शुरू हुई, इसकी एक रोचक कथा है। यह कथा न केवल गणेश जी की बुद्धिमत्ता को दर्शाती है
जंगल में एक नटखट गधा अपनी शरारतों के लिए मशहूर था। उसकी हरकतें जानवरों को परेशान कर देती थीं। एक दिन उसे एक चमत्कारी चश्मा मिलता है, जो उसे हर चीज़ का असली रूप दिखाता है।
एक दिन की बात है, महाराजा अकबर यमुना नदी के किनारे शाम की सैर पर निकले। उनके साथ उनके दरबार के प्रसिद्ध मंत्री, बीरबल, भी थे। दोनों प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे कि अकबर की नजर एक ऊंट पर पड़ी
एक घना जंगल था, जहाँ अलग-अलग तरह के जानवर रहते थे। उसी जंगल में मोनू नाम का एक चालाक बंदर भी रहता था। मोनू अपनी शरारतों और चतुराई के लिए पूरे जंगल में मशहूर था।
एक बच्चा था, जिसका नाम चिंटू था। वह बेहद होशियार था, लेकिन उसकी होशियारी अक्सर चतुराई में बदल जाती थी। पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा उसका ध्यान नए-नए गैजेट्स और टेक्नोलॉजी पर रहता था।
ये कहानी एक छोटे से फिर ट्री की है, जो बड़े क्रिसमस ट्री होने का सपना देखता है। बड़े क्रिसमस ट्री बहुत ही अनुभवी होते हैं और उन्होंने जीवन को बहुत करीब से देखा होता है। वे जानते हैं कि बड़ा होना मुश्किल है।
किसी घने जंगल में एक बहुत बड़ा पेड़ था। उस पेड़ पर कई बगुलों के परिवार बसे हुए थे। बगुले दिनभर तालाबों और नदियों के किनारे जाकर मछलियां पकड़ते और अपना जीवन खुशी-खुशी बिताते।