Motivational Story : देवता का संदेश

यह प्रेरक कहानी रमेश की है, जो एक सपने में देवता से मिलता है और मेहनत के महत्व को समझता है। शुरू में खेल में मग्न रहने वाला रमेश देवता के संदेश से प्रेरित होकर पढ़ाई में जुटता है और पहला स्थान प्राप्त करता है।

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Motivational Story : देवता का संदेश- यह प्रेरक कहानी रमेश की है, जो एक सपने में देवता से मिलता है और मेहनत के महत्व को समझता है। शुरू में खेल में मग्न रहने वाला रमेश देवता के संदेश से प्रेरित होकर पढ़ाई में जुटता है और पहला स्थान प्राप्त करता है। यह कहानी हमें मेहनत और संतुलन का पाठ सिखाती है।

कहानी: देवता का संदेश

एक छोटे से गाँव में एक प्राचीन मंदिर खड़ा था, जहाँ एक संत, बाबा नारायणदास, नियमित रूप से भक्ति में लीन रहते थे। वे मंदिर के देवता की पूजा और आरती से गाँव को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करते थे। पास ही रहने वाला एक बच्चा, रमेश, पढ़ाई में बहुत तेज था। उसकी जिज्ञासु प्रकृति उसे अक्सर बाबा के पास ले जाती थी, जहाँ बाबा उसे स्नेह से गले लगाते और उसकी बातें सुनते थे।

एक दिन रमेश ने बाबा से उत्सुकता से पूछा, "बाबा, क्या सचमुच देवता होते हैं?" बाबा मुस्कुराए और बोले, "हाँ, बेटा, वे होते हैं।" रमेश ने फिर सवाल किया, "तो वे क्या करते हैं?" बाबा ने गंभीर स्वर में कहा, "वे सब कुछ कर सकते हैं—सुख, समृद्धि, ज्ञान, जो भी माँगा जाए, दे सकते हैं।" ये शब्द रमेश के मन में घर कर गए।

अगले दिन रमेश मंदिर में गया और मन ही मन देवता से प्रार्थना की, "हे देवता, मुझे पढ़ाई में सफलता और खेल में निपुणता दो।" उसे लगा कि उसकी बात देवता तक पहुँच गई है। इस विश्वास ने उसे उत्साहित कर दिया, और वह खेलकूद में ज्यादा समय बिताने लगा। दोस्तों के साथ क्रिकेट और कबड्डी में मशगूल रहने लगा, लेकिन पढ़ाई धीरे-धीरे पीछे छूटती गई।

एक रात रमेश को सपना आया। सपने में एक दिव्य प्रकाश के साथ देवता उसके सामने खड़े थे। देवता ने प्यार से कहा, "रमेश, मैं सचमुच सब कुछ दे सकता हूँ, लेकिन केवल वही पाता है जो मेहनत करता है। अगर मैं बिना मेहनत करने वालों को दे दूँ, तो सब आलसी हो जाएँगे। तुम खेल में समय बिताओ, यह ठीक है, लेकिन पढ़ाई को भी प्राथमिकता दो। अगर तुमने पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया, तो अन्य बच्चे तुमसे आगे निकल जाएँगे।" रमेश ने सोचा, "लेकिन बाबा, मैं तो खेल में भी अच्छा करना चाहता हूँ!" देवता ने मुस्कुराते हुए कहा, "संतुलन बनाओ, बेटा। मेहनत से सब संभव है।"

सुबह उठकर रमेश ने बाबा नारायणदास को सपने की बात बताई। बाबा ने सिर पर हाथ रखते हुए कहा, "बेटा, देवता की बात सत्य है। वे मेहनत करने वालों का साथ देते हैं। अब अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो।" रमेश ने मन बना लिया। उसने दिनचर्या में बदलाव किया—सुबह थोड़ा खेल और बाकी समय पढ़ाई। दोस्तों से कहने लगा, "भाई, अब थोड़ा कम क्रिकेट, ज्यादा किताबें!" दोस्त हँसते हुए बोले, "ठीक है, लेकिन परीक्षा में पास करना!"

दिन बीते, और परीक्षा का परिणाम आया। रमेश ने अपनी कक्षा में पहला स्थान हासिल किया। खुशी से उछलते हुए वह मंदिर पहुँचा और देवता को धन्यवाद दिया। बाबा ने उसे गले लगाया और कहा, "देखा, मेहनत रंग लाती है।" रमेश ने सोचा, "अब खेल और पढ़ाई दोनों में संतुलन रखूँगा।" उसने अपने दोस्तों को भी प्रेरित किया, और गाँव के बच्चे मेहनत की नई राह पर चल पड़े।

सीख

इस बेस्ट हिंदी स्टोरी से हमें यह motivational story के रूप में सीख मिलती है कि सफलता के लिए मेहनत अनिवार्य है। देवता भी वही आशीर्वाद देते हैं जो मेहनत करते हैं। अपने लक्ष्यों के लिए संतुलन बनाएँ और कभी आलस्य न करें।

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