प्रेरक कहानी : सपनों की ऊँचाई

शहर के बीचों-बीच स्थित एक छोटे से मोहल्ले में निखिल नाम का एक लड़का रहता था। उसकी आँखों में बड़े सपने थे—आसमान में ऊँचाई तक उड़ने के। लेकिन मोहल्ले के बच्चे अक्सर उसका मजाक उड़ाते।

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प्रेरक कहानी :  सपनों की ऊँचाई- शहर के बीचों-बीच स्थित एक छोटे से मोहल्ले में निखिल नाम का एक लड़का रहता था। उसकी आँखों में बड़े सपने थे—आसमान में ऊँचाई तक उड़ने के। लेकिन मोहल्ले के बच्चे अक्सर उसका मजाक उड़ाते। वे कहते, "अरे! तुमने कभी हवाई जहाज भी पास से देखा है? उड़ान का सपना तो छोड़ ही दो।"

निखिल का सपना पायलट बनने का था, लेकिन उसके पास न तो महंगे स्कूल जाने की सुविधा थी, न ही महंगे कोचिंग सेंटर में दाखिला लेने का मौका। उसे बार-बार ऐसा महसूस होता कि उसके हालात और समाज की सोच उसे रोक रहे हैं।

बस स्टॉप पर मिला एक दोस्त

एक दिन निखिल अपने स्कूल से लौटते समय बस स्टॉप पर खड़ा था। वहां उसने एक बुजुर्ग व्यक्ति को देखा, जो किताब पढ़ रहे थे। निखिल ने हिम्मत जुटाकर उनसे पूछा, "अंकल, क्या आप मुझे पायलट बनने के बारे में कुछ बता सकते हैं?"

बुजुर्ग मुस्कुराए और बोले, "बेटा, पायलट बनने के लिए सबसे पहले तुम्हें मेहनत करनी होगी और अपनी सोच को बड़ा करना होगा। सपनों को पंख देने के लिए आत्मविश्वास और लगन जरूरी है।"

उन्होंने निखिल को बाज की कहानी सुनाई। "बाज जब बूढ़ा होता है, तो खुद को बदलने की प्रक्रिया से गुजरता है। वह अपने पंजों और चोंच को गिराकर नए उगाता है और फिर नई ऊँचाइयों तक उड़ान भरता है।"

शुरू हुआ सफर

निखिल को इस कहानी से बहुत प्रेरणा मिली। उसने तय किया कि वह अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत बनाएगा। उसने लाइब्रेरी में जाकर किताबें पढ़ना शुरू किया। उसने इंटरनेट पर फ्री पायलट कोर्स के वीडियो देखे और गणित व विज्ञान में अपना ध्यान केंद्रित किया।

शहर के माहौल से सीख

निखिल ने शहर में जगह-जगह लगने वाले सेमिनार और वर्कशॉप में भाग लेना शुरू किया। एक बार उसने 'यंग एविएटर्स' नाम के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहाँ उसने अपनी मेहनत और ज्ञान से सभी को प्रभावित किया। आयोजकों ने उसे स्कॉलरशिप देने का वादा किया।

सपना हुआ सच

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कई सालों की मेहनत और लगन के बाद निखिल ने पायलट की ट्रेनिंग पूरी की। अब वह एक बड़े एयरलाइन में पायलट बन चुका था। उसकी पहली उड़ान जब उसी शहर के ऊपर से गुजरी, तो पूरे मोहल्ले ने गर्व से उसे देखा। जो लोग कभी उसे ताना मारते थे, वे अब उसकी तारीफ करते नहीं थकते।

सीख:

यह कहानी हमें सिखाती है कि चाहे हालात कितने भी कठिन हों, सपनों को साकार करने के लिए मेहनत, आत्मविश्वास, और सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है। शहर के सीमित संसाधन भी आपकी राह रोक नहीं सकते, अगर आप दिल से प्रयास करें।

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