क्रिसमस का असली संदेश: इंसानियत और सेवा की सीख किसी गांव में डिसिल्वा, फ्रांसिस, लोबो और जॉन नाम के चार दोस्त रहा करते थे। ये चारों एक ही कक्षा में पढ़ते थे और साथ-साथ गांव के पास के स्कूल में जाते थे। By Lotpot 23 Nov 2024 in Motivational Stories Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 क्रिसमस का असली संदेश: इंसानियत और सेवा की सीख- किसी गांव में डिसिल्वा, फ्रांसिस, लोबो और जॉन नाम के चार दोस्त रहा करते थे। ये चारों एक ही कक्षा में पढ़ते थे और साथ-साथ गांव के पास के स्कूल में जाते थे। वे न केवल पढ़ाई में अच्छे थे, बल्कि खेलकूद में भी उनका कोई मुकाबला नहीं था। खासकर हॉकी में, उनकी जोड़ी की चर्चा पूरे जिले में थी। छुट्टियों और त्योहारों के मौके पर भी ये चारों मिलकर खुशियां मनाते और हर पल का आनंद लेते थे। गांव के पास एक छोटा चर्च था, जहां चारों दोस्त नियमित रूप से प्रभु प्रार्थना करने जाते थे। जब क्रिसमस आता, तो पूरे गांव में उत्सव का माहौल बन जाता। दूर-दूर से दुकानदार आकर मेला सजाते, बच्चे रंग-बिरंगे गुब्बारे उड़ाते और सांता क्लॉज़ बनकर टॉफियां बांटते। चारों दोस्तों ने इस बार तय किया कि क्रिसमस को खास बनाने के लिए वे अपनी बचत का इस्तेमाल करेंगे। किसी ने क्रिसमस ट्री सजाने की जिम्मेदारी ली, तो किसी ने टॉफियां और मिठाइयां लाने का काम संभाला। लोबो की मां ने क्रिसमस केक का वादा किया, जिससे सभी और उत्साहित हो गए। फ्रांसिस का बलिदान: क्रिसमस के दिन सबने नए कपड़े पहनकर और खुशियों से भरे दिलों के साथ जश्न मनाने की तैयारी की। फ्रांसिस भी तैयार होकर अपने दोस्तों के साथ चर्च के पास जश्न में शामिल होने के लिए निकला। रास्ते में उसने देखा कि सड़क के किनारे एक अनजान व्यक्ति दर्द से कराह रहा था। वह व्यक्ति अपने पेट को पकड़कर तड़प रहा था और किसी से मदद मांगने की कोशिश कर रहा था। फ्रांसिस ने सोचा कि उसे छोड़कर आगे बढ़ना ठीक नहीं होगा। उसने अपना क्रिसमस का जश्न छोड़कर उस अनजान व्यक्ति की मदद करने का फैसला किया। वह बोला, "भाई, मैं तुम्हें अस्पताल पहुंचाता हूं।" उसने उस व्यक्ति को कंधों पर उठाया और ठंड के मौसम में पसीना बहाते हुए उसे सरकारी अस्पताल ले गया। अस्पताल के कर्मचारियों ने तुरंत व्यक्ति को भर्ती किया और डॉक्टर ने जांच के बाद कहा, "घड़ी भर की देर होती, तो इस मरीज की जान जा सकती थी। तुमने सच में एक बहादुरी और इंसानियत का काम किया है।" जब डॉक्टर ने फ्रांसिस से पूछा कि यह व्यक्ति कौन है, तो फ्रांसिस ने मुस्कुराते हुए कहा, "यह इंसान है, और मेरे लिए इतना जानना काफी है। इसका दर्द मुझसे देखा नहीं गया।" सच्चे क्रिसमस का एहसास: थका-हारा फ्रांसिस जब अपने दोस्तों के पास पहुंचा, तो उन्होंने उसके अस्त-व्यस्त कपड़े और खुली हुई टाई देखकर हैरानी जताई। जब फ्रांसिस ने पूरी कहानी सुनाई, तो सभी दोस्तों ने उसकी सराहना की। लोबो ने कहा, "तुमने आज सच्चे क्रिसमस का मतलब समझाया है। यह त्योहार सिर्फ खुशियां मनाने का नहीं, बल्कि जरूरतमंदों की मदद करने का संदेश देता है।" गांव के लोग और उसके दोस्त फ्रांसिस से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने मिलकर यह तय किया कि इस क्रिसमस और आने वाले हर त्योहार पर वे किसी न किसी की मदद जरूर करेंगे। कहानी की सीख: यह कहानी हमें सिखाती है कि क्रिसमस या किसी भी त्योहार का असली उद्देश्य खुशियां बांटना और जरूरतमंदों की मदद करना है। इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है, और हमें बिना किसी भेदभाव के दूसरों की मदद करनी चाहिए। सही मायने में, सेवा और सहानुभूति ही हर पर्व का सच्चा संदेश है। "क्रिसमस हमें सिखाता है कि अपने आस-पास के दीन-दुखियों की मदद करें और अपनी खुशियां दूसरों के साथ साझा करें।" यह भी पढ़ें:- हिंदी प्रेरक कहानी: अनोखी सौगात Motivational Story: मन और बुद्धि Motivational story: दुनिया के सात आश्चर्य Motivational Story: मुनीम और नौकर #bachon ki hindi motivational story #bachon ki motivational story #न्याय की परख हिंदी कहानी #bachon ki hindi moral story #hindi moral kahani #बच्चों की प्रेरक हिंदी कहानी #Hindi Moral Stories #hindi motivational story for kids #Kids Hindi Motivational Story #बच्चों की प्रेरणादायक हिंदी कहानी #hindi moral stories for kids #bachon ki moral story #Hindi Motivational Story #Hindi Motivational Stories #kids motivational stories #बच्चों की जंगल हिंदी कहानी #Hindi Moral Story #बच्चों की छोटी हिंदी कहानी #Kids Hindi Motivational Stories #छोटी हिंदी कहानी #bachon ki moral kahani You May Also like Read the Next Article