Motivational Story: मन और बुद्धि तेरह वर्षीय काली उछलता-कूदता पाठशाला की ओर बढ़ता जा रहा था। फुटपाथ के किनारे लगी रेलिंग की छड़ को गिनते-गिनते सहसा उसका पैर पटरी पर उभरे हुए एक पत्थर से टकराया और वह संभलता-संभलता भी धड़ाम से गिरा। By Lotpot 29 Mar 2024 in Stories Motivational Stories New Update मन और बुद्धि Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Motivational Story मन और बुद्धि:- तेरह वर्षीय काली उछलता-कूदता पाठशाला की ओर बढ़ता जा रहा था। फुटपाथ के किनारे लगी रेलिंग की छड़ को गिनते-गिनते सहसा उसका पैर पटरी पर उभरे हुए एक पत्थर से टकराया और वह संभलता-संभलता भी धड़ाम से गिरा। गिरते हो उसका बस्ता खुल गया। सारी कॉपी-किताब तथा डिब्बे में रखा खाना निकल कर फुटपाथ पर बिखर गया। (Motivational Stories | Stories) काली तुरंत फुर्ती से उठा और उसने अच्छी तरह अपने शरीर का निरीक्षण किया कि कहीं से रक्त तो नहीं बह रहा या शरीर के किसी अंग में कोई गंभीर चोट तो नहीं लग गई उसके बाद वह पुस्तकें और भोजन की ओर गया। उसने अपना बस्ता उठाया और उसमें एक-एक कर अपनी पुस्तकें समेट कर रखता गया। उसने डिब्बा उठाया और सोचने लगा। अब तो यह भोजन खाने योग्य नहीं है इसलिए इसे समेटने का भी क्या लाभ? किंतु तभी उसे ध्यान आया कि उसके अध्यापक ने बताया था कि अन्न फेंकना बुरी बात है, अन्न प्राणियों की भूख शांत करता है, उसे कूड़े में फेंक देना पाप है। तो क्या वह इस भोजन को यहाँ छोड़ कर पाप कर रहा है? वह कुछ भी समझ नहीं पा रहा था। उसके मन में बार-बार बस एक ही प्रश्न रह-रह कर उठता था कि इस दूषित भोजन को समेटने का क्या लाभ? किंतु उसने रोटियां उठाईं और उसके ऊपर अचार रखकर चल दिया। काली ने सोचा वह इन रोटियों को किसी पेड़ के नीचे रख देगा। वहां पर इन्हें गाय, गिलहरी या चिड़िया ही खा लेगी। ये सब नहीं तो चींटियां ही खा लेंगी।वहां तो ये रोटियां पैरों तले कुचल कर नष्ट हो जाती। नगर निगम कार्यालय की बड़ी दीवार पार करके वह जैसे ही पाठशाला की ओर मुड़ा उसकी दृष्टि पटरी पर लगभग अचेत पड़े एक वृद्ध पर पड़ी। काली के मन ने उसे उसका अवलोकन करने के लिए रोक लिया। (Motivational Stories | Stories) काली ने देखा उस वृद्ध के रूखे-सूखे और लंबे-लंबे बाल थे। सफेद दाढ़ी, मिट्टी और फुटपाथ की कालस लगने के कारण... काली ने देखा उस वृद्ध के रूखे-सूखे और लंबे-लंबे बाल थे। सफेद दाढ़ी, मिट्टी और फुटपाथ की कालस लगने के कारण काली दिखती थी। शरीर के वस्त्र लगभग पूरी तरह फटे हुए थे। मुंह से बहती हुई लार और आंख तथा मुंह पर भिनभिनाता मक्खियों का झुण्ड जिन्हें उड़ाने का वह कोई प्रयत्न नहीं कर रहा था। उसके फटे हुए पैरों में से रक्त इस प्रकार झलक रहा था जैसे घने काले बादलों में विचित्र रेखाएं लिए कोई लाल बिजली चमचमा उठती है। “काली, यह भोजन भगवान ने इसके लिए भेजा है, इसे दे।” काली का मन पुकार उठा, दे काली, इसे दे।” (Motivational Stories | Stories) काली जैसे अपने मन के आदेश में बंधा आगे बढ़ा और उसने उस वृद्ध को हिलाया, ''बाबा, ओ बाबा!'' क्षण भर की प्रतीक्षा के बाद बाबा की आंखे जरा सी खुली। “बाबा, खाना खा लीजिए। '' काली की वाणी में प्रेम छलछला उठा। बाबा ने काली की बात सुनी भर और फिर उनकी आंखे मुंद गईं। काली को लगा कि उसने अपना कर्तव्य पूरा कर दिया, और वह उन रोटियों और अचार को वहीं छोड़ कर आगे बढ़ गया। अभी वह पचास कदम ही चला होगा कि उसका मन व्याकुल हो उठा। वह रूका और मुड़कर बाबा की ओर देखने लगा। बाबा अभी भी पहले वाली दशा में अचेत थे। काली की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। उसकी समझ में यह नहीं आ रहा था कि वह बेचैन क्यों है। उसका मन जैसे पुकार रहा था 'बाबा, तुम उठते क्यों नहीं हो। भगवान ने तुम्हारे लिए जो खाना भेजा है, अब उसे खाओ न।' बाबा के शरीर ने काली, के मन के आग्रह का कोई उत्तर नहीं दिया। “जब तक आप खाना नहीं खाएंगे, मैं यहां से नहीं जाऊंगा।'' काली का मन जैसे रूठ कर हठ पकड़ चुका था। (Motivational Stories | Stories) किंतु काली के मन की हठ का भी बाबा के शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। पंद्रह मिनट बीतने के बाद काली की मूर्च्छित बुद्धि में चेतना लौटी और वह बोली 'काली, क्या तू पागल हो गया है। ओ, पाठशाला लगने का समय बीत चुका है। अब तो प्रार्थना समाप्त हो चुकी होगी और प्रधानाचार्य या काई विद्यार्थी सदाचार पर आदेश दे रहा होगा। इस समय तो राष्ट्रीय-गान हो रहा होगा या वह भी हो चुका होगा और विद्यार्थी पंक्तिबद्ध हो अपनी-अपनी कक्षाओं में जा रहे होंगे।' काली का ध्यान अपनी घड़ी पर गया। सात बज कर पचास मिनट। “ओह! सात बजकर तीस मिनट पर तो प्रार्थना-सभा के लिए घंटी बजती है।'' काली का मुंह खुला-का-खुला रह गया, “यह क्या हुआ?” (Motivational Stories | Stories) काली आगे बढा किंतु उसके मन ने उसे पुनः घेर लिया। काली को फिर रूकना पड़ा। उसे लगा कि अपने मन को वह अपने शरीर के साथ धकेल पाने में असमर्थ है। और मन की बात पूरी करने के लिए वह, बाबा के द्वारा रोटी खाए जाने की अनिश्चित प्रतीक्षा अब और नहीं कर सकता। तो फिर वह क्या करे?... तभी उसे कुछ सूझा और वह तेजी से बाबा की ओर मुड़ा। बाबा के निकट पहुंचकर उसने उन को हिलाया 'बाबा, ओ बाबा जी! उठिए!” बाबा ने मंद गति से आंखे खोलीं। जैसे वे किसी स्वप्न से जाग रहे हों। “मैं रोटी लाया हूं। जल्दी खा लीजिए। मुझे पहले ही बहुत देर हो चुकी है।" काली ने यह सब बहुत जल्दी में कहा। उसे, भय था कि यदि बाबा ने फिर, उसकी बात सुनने से पहले आंखे मुंद लीं तो उसे फिर प्रयत्न करना पड़ेगा।बाबा ने शायद काली की बात सुन ली थी। वे दीवार के सहारे अध-बैठे से हुए और कांपते हुए हाथों से उन्होंने, काली की हथेली पर रखी रोटियां पकड़ ली। काली की आंखें सजल हो उठीं।...अब इससे पहले कि काली के मन को कुछ और सूझता, उसकी बुद्धि ने चिल्लाकर आदेश दिया, "दौड़ काली तुझे देर हो गई है।" (Motivational Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | kids hindi short stories | Short Motivational Stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | Kids Hindi Motivational Stories | kids hindi stories | kids motivational stories | Kids Stories | Hindi Motivational Stories | motivational stories for kids | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की प्रेरक कहानियाँ यह भी पढ़ें:- Motivational Story: हार का कारण Motivational Story: कीमत Motivational Story: मेहनत का दांव Motivational Story: हाथों का मूल्य #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Hindi Bal Kahani #Kids Stories #kids motivational stories #बच्चों की प्रेरक कहानियाँ #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #Hindi Motivational Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #Short Motivational Stories #Kids Hindi Motivational Stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #motivational stories for kids You May Also like Read the Next Article