प्रेरक कहानी - बुद्ध की बुद्धिमत्ता :- प्राचीन काल की बात है। गौतम बुद्ध एक गाँव से गुजर रहे थे। उन्हें देखकर गाँव के कुछ लोग उनका उपहास करने लगे। उनकी वेशभूषा देखकर उन्होंने ताने मारे और अपमानजनक बातें कही। बुद्ध शांत खड़े रहे और मुस्कुराते हुए सबकी बातें सुनते रहे। उनकी यह शांति देखकर गाँववाले चकित हो गए। आखिरकार, जब लोगों ने बोलना बंद किया, तो बुद्ध ने मुस्कुराते हुए कहा, "यदि आप सबकी बातें समाप्त हो गई हों, तो मुझे जाने की अनुमति दीजिए। मुझे दूसरे स्थान पर भी पहुँचना है।" यह सुनकर गाँव के एक व्यक्ति ने आश्चर्य से पूछा, "हमने आपका इतना अपमान किया और आप नाराज़ तक नहीं हुए। आपको दुख क्यों नहीं हुआ?" बुद्ध ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, "अपमान तब असर करता है, जब उसे स्वीकार किया जाए। जैसे पिछली बार एक गाँव में कुछ लोग मेरे लिए फल और मिठाइयाँ लेकर आए थे। मैंने उनसे कहा था कि मेरा पेट भरा हुआ है, और मैंने वह सब उन्हें वापस लौटा दिया।" बुद्ध ने आगे कहा, "यदि आप मुझे अपशब्द देते हैं और मैं उन्हें स्वीकार नहीं करता, तो वे शब्द आपके ही पास लौट जाते हैं।" उनकी यह बात सुनकर सभी ग्रामीणों का सिर शर्म से झुक गया। प्रेरणा: जीवन में वही बातें अपनाएँ जो आपके जीवन को बेहतर बनाएँ। बाकी बातों को छोड़ देना ही बुद्धिमत्ता है। और पढ़ें : खेत में छिपा खजाना: मेहनत से मिलती है असली दौलत मोटिवेशनल कहानी : चोटी की खोज - एक अनोखा रहस्य बैल की कहानी: मेहनत, मूर्खता और समझदारी की सीख अच्छी कहानी : बाबू और बिक्रम