एआई उपकरण ने खोजी 300 नई नाज़का लाइन्स हाल ही में पेरू (Peru) के नाज़का रेगिस्तान में वैज्ञानिकों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक की मदद से 300 से अधिक नई नाज़का लाइन्स (Nazca lines) का पता लगाया है। By Lotpot 29 Oct 2024 in Positive News New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 हाल ही में पेरू (Peru) के नाज़का रेगिस्तान में वैज्ञानिकों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक की मदद से 300 से अधिक नई नाज़का लाइन्स (Nazca lines) का पता लगाया है। यह खोज न केवल पुरातात्विक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि हमारे अतीत के रहस्यों को समझने में भी सहायक हो सकती है। नाज़का लाइन्स, जो विभिन्न प्रकार के जानवरों, पक्षियों, और ज्यामितीय आकृतियों का प्रतिनिधित्व करती हैं, पहले से ही एक पहेली बनी हुई थीं, और यह नई खोज इस प्राचीन सभ्यता के बारे में और जानकारी उपलब्ध कराती है। क्या हैं नाज़का लाइन्स? What is Nazca lines? नाज़का लाइन्स, पेरू के नाज़का रेगिस्तान में जमीनी सतह पर बनी लंबी और विस्तृत रेखाएँ हैं, जिनकी लंबाई कई किलोमीटर तक होती है। माना जाता है कि इनका निर्माण लगभग 500 ईसा पूर्व से 500 ईस्वी तक हुआ था। ये लाइन्स विभिन्न आकृतियों, जैसे कि जानवरों, पौधों, और ज्यामितीय डिजाइन में बनी होती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, इन्हें धार्मिक या खगोलीय कारणों से बनाया गया था, लेकिन इसके पीछे का असली कारण आज तक एक रहस्य बना हुआ है। एआई उपकरण का उपयोग पेरू के पुरातत्वविदों और वैज्ञानिकों की टीम ने इस बार एआई तकनीक का उपयोग किया। एआई सॉफ्टवेयर को इन लाइन्स का विश्लेषण करने के लिए सैटेलाइट इमेजरी और ड्रोन की तस्वीरें दी गईं। इस तकनीक ने उन क्षेत्रों की पहचान की, जहाँ सामान्य दृष्टि से लाइन्स को देखना मुश्किल था। एआई ने इन लाइन्स के जटिल डिजाइनों को सफलतापूर्वक पहचान कर वैज्ञानिकों की कई वर्षों की मेहनत को एक छोटे समय में पूरा कर दिखाया। खोज की महत्ता इस खोज का महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह नई नाज़का लाइन्स पिछले खोजे गए डिजाइनों से भिन्न हैं, जो इस प्राचीन सभ्यता के बारे में नयी जानकारी दे सकती हैं। वैज्ञानिक अब यह मानते हैं कि नाज़का लाइन्स का निर्माण अधिक विस्तारित और जटिल हो सकता है, और यह एक पूरी सभ्यता के सोचने और देखने के तरीकों का प्रतिनिधित्व करता है। इन आकृतियों को देखकर यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि उस समय के लोग खगोल विज्ञान, ज्यामिति, और कला में कितने कुशल थे। आगे की योजना आगे चलकर वैज्ञानिक इन लाइन्स का और भी गहराई से अध्ययन करेंगे ताकि इनके उद्देश्य और निर्माण की प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सके। इसके साथ ही, एआई तकनीक के उपयोग से पुरातत्व विज्ञान में नए अवसर खुलेंगे और हमें विश्व के विभिन्न हिस्सों में इसी तरह की और खोज करने में मदद मिलेगी। इस नई खोज से यह साबित होता है कि आधुनिक तकनीक का उपयोग हमें हमारे अतीत को समझने और नई खोज करने में कैसे मदद कर सकता है। और पढ़ें : Deepika Kumari : दीपिका कुमारी ने आर्चरी वर्ल्ड कप में जीता रजत पदक गैजेट्स की दुनिया में बच्चों का आगाज़! लोटपोट कॉमिक्स टीम का दौरा- दरबारीलाल DAV मॉडल स्कूल शालीमार बाग में बच्चों के साथ एक यादगार दिन Science News : इस तकनीक से मिटटी में मिल कर गल जायेगा प्लास्टिक #Bal Samachar #Bal Samachar You May Also like Read the Next Article