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Green Hydrogen Mission- भारत सरकार ने हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत देशभर में उत्कृष्टता केंद्र (Center of Excellence - CoE) स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इस योजना का उद्देश्य हरित हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण और उपयोग में अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ावा देना है। यह पहल नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 4 नवंबर, 2024 को घोषित की गई है।
हरित हाइड्रोजन केंद्र: नवाचार और स्थिरता का केंद्र
ये उत्कृष्टता केंद्र देश में हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। केंद्र उच्च-स्तरीय शोध और कौशल विकास के लिए स्थान होंगे, जहां उद्योग, शैक्षिक संस्थान और सरकार के बीच सहयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसका उद्देश्य दीर्धावधि के लिए आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और कम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। केंद्र अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के माध्यम से नवाचारों को बढ़ावा देंगे, जिससे देश में हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम मजबूत होगा।
अनुसंधान और विकास की दिशा-निर्देश जारी
इस योजना के तहत, सरकारी और निजी संस्थान, विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्र साझेदारी में प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं। इससे शोध और विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा, और नए उत्पाद व प्रक्रियाएं विकसित की जाएंगी। मंत्रालय ने पहले 15 मार्च, 2024 को राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसके बाद यह प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।
स्वच्छ ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत 4 जनवरी, 2023 को हुई थी, जिसमें वित्त वर्ष 2029-30 तक 19,744 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है। इस मिशन का उद्देश्य भारत को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना है। यह केंद्र भारत को हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।