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तमिलनाडु के कन्याकुमारी में भारत के पहले समुद्र के ऊपर बने ग्लास ब्रिज का उद्घाटन हुआ, जो पर्यटन में एक नई ऊर्जा लेकर आया है। इस पुल ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल और तिरुवल्लुवर प्रतिमा को जोड़ते हुए क्षेत्र की खूबसूरती में चार चांद लगा दिए हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा इस पुल का उद्घाटन किया गया, जिसे अत्याधुनिक तकनीकों से बनाया गया है।
पुल की अनूठी विशेषताएं
- यह पुल 77 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा है, जो पर्यटकों को समुद्र के अद्भुत नज़ारे दिखाने के लिए पारदर्शी कांच से तैयार किया गया है।
- पुल का डिज़ाइन एक धनुषाकार मेहराब की तरह है, जो न केवल सुंदरता में इजाफा करता है, बल्कि इसे कठोर समुद्री परिस्थितियों का सामना करने के लिए टिकाऊ भी बनाता है।
- यह पुल पर्यटकों को समुद्र के नीचे की लहरों और चारों ओर के मनोरम दृश्यों का अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पहले, पर्यटकों को विवेकानंद स्मारक और तिरुवल्लुवर प्रतिमा तक जाने के लिए नौका सेवा पर निर्भर रहना पड़ता था। अब, कांच का यह पुल उन दोनों स्मारकों के बीच एक सीधा और आरामदायक मार्ग प्रदान करता है। पुल पर चलते हुए समुद्र की लहरों का दृश्य इतना रोमांचक है कि यह किसी के भी दिल को खुश कर देगा।
आधुनिक निर्माण तकनीक
इस परियोजना पर 37 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पुल को खारी हवाओं और जंग से बचाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। यह ब्रिज न केवल पर्यटकों के लिए रोमांच का स्रोत है, बल्कि यह क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर का भी शानदार उदाहरण है।
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