वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन: 1.8 करोड़ छात्रों के लिए ज्ञान की नई क्रांति

भारत में शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। 1 जनवरी से केंद्र सरकार की 'वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन' योजना लागू होगी। इस योजना के तहत विश्वविद्यालयों, आईआईटी, और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों के करीब....

By Lotpot
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One Nation, One Subscription A new revolution of knowledge for 1.8 crore students
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वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन: 1 जनवरी से शिक्षा में नया अध्याय-  भारत में शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। 1 जनवरी से केंद्र सरकार की 'वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन' योजना (One Nation, One Subscription) लागू होगी। इस योजना के तहत विश्वविद्यालयों, आईआईटी, और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों के करीब 1.8 करोड़ छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं तक सीधी पहुंच मिलेगी।


क्या है इस योजना की खासियत?

इस पहल के तहत छात्रों और शोधकर्ताओं को वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, गणित और सामाजिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में प्रकाशित 13,400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं तक पहुंच मिलेगी।
सरकार के मुताबिक, इस योजना में 451 राज्य विश्वविद्यालय, 4,864 कॉलेज और 172 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान शामिल होंगे।

यह पहल एल्सेवियर, स्प्रिंगर नेचर और विले जैसे प्रमुख प्रकाशकों के साथ साझेदारी में शुरू की जाएगी, जिससे शोधकर्ताओं और छात्रों को विश्व स्तर के लेखों और शोध कार्यों का लाभ मिलेगा।


6,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय योजना

यह योजना तीन वर्षों की अवधि (2025-2027) के लिए तैयार की गई है और इस पर सरकार का कुल खर्च 6,000 करोड़ रुपये होगा। यह पहल न केवल टियर 1 शहरों तक सीमित रहेगी, बल्कि टियर 2 और टियर 3 शहरों के छात्रों तक भी पहुंचेगी। इससे न केवल कोर रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अंतःविषय शोध कार्यों का भी विस्तार होगा।


क्या बदलेगा इस योजना से?

इस योजना से छात्रों, शिक्षकों और वैज्ञानिकों के लिए शोध पत्रों तक पहुंच आसान होगी। अब तक जिन शोध पत्रिकाओं के लिए भारी रकम चुकानी पड़ती थी, वे अब मुफ्त में उपलब्ध होंगी। यह कदम विशेष रूप से उन छात्रों के लिए उपयोगी होगा जो छोटे शहरों और कस्बों में पढ़ाई कर रहे हैं।

'वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन' योजना भारत के शिक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी। इससे न केवल छात्रों की ज्ञान तक पहुंच बढ़ेगी, बल्कि भारत को वैश्विक शोध मानचित्र पर नई पहचान मिलेगी। यह योजना, देश की शिक्षा और शोध के भविष्य को नई दिशा देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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